Maharashtra Assembly Results: बटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे ने किया कमाल

Maharashtra Assembly Results: बटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे ने किया कमाल

maharashtra alliance victory in assembly election
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भाजपा, शिवसेना और एनसीपी वाली महायुति ने महाराष्ट्र चुनाव में कमाल कर दिया। यह गठबंधन विधानसभा चुनाव में तीन-चौथाई से ज्यादा सीट जीतने जा रही। इस जीत में प्रदेश की महिलाओं के साथ-साथ ‘बटेंगे तो कटेंगे’ ने भी अपना असर दिखाया है।

महाराष्ट्र में भाजपा (BJP), शिवसेना (Shivsena) और एनसीपी (NCP) वाली महायुति की सुनामी थी। यह नतीजों में साफ दिख रहा है। पांच माह पहले लोकसभा चुनाव में यहां महाविकस आघाडी ने महायुति को जबरदस्त पटखनी दी थी। लेकिन विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी महायुति ने केवल वापसी की बल्कि तीन-चौथाई से ज्यादा सीट जीतती दिख रही है। महायुति की इस जीत में भाजपा की ‘बटेंगे तो काटेंगे’ का नारा काम कर गया है। नतीजा कम से कम इसी ओर इशारा कर रहा है।

अस्सी फीसदी सीटों पर महायुति आगे

महाराष्ट्र विधानसभ चुनाव में भाजपा की नेतृत्व वाली महायुति ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है। 288 सीटों वाले महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति 227 सीटों पर आगे चल रही है। इसमें भाजपा 130 सीटों पर आगे है। इस प्रकार भाजपा का यह अब तक का सबसे बेहतर प्रदर्शन है। महायुति में एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना 56 सीटों पर आगे है तो अजीत पवार की एनसीपी 39 सीटों पर आगे है।

कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन

महाविकस आघड़ी के प्रदर्शन को देखें तो इस खेमे की सभी पार्टियों का प्रदर्शन बदतर रहा है। उद्धव ठाकरे की शिवसेना हो या शरद पवार की एनसीपी सहित कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के इतिहास में अब तक कांग्रेस का सबसे खराब प्रदर्शन 44 सीट रहा है। इस बार पार्टी उसकी आधी सीट भी नहीं जीत प रही है। कांग्रेस अभी 18 सीटों पर आगे चल रही है। जबकि इनसे ज्यादा 20 सीट पर उद्धव ठाकरे की शिवसेना आगे है। वहीं शरद पवार की एनसीपी मात्र 11 सीटों पर सिमट गई है।

शरद और उद्धव को नहीं मिली सहानुभूति

लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में उद्धव ठाकरे (Udhav Thakre) और शरद पवार (Sharad Pawar) को लग रहा था कि उन्हें सहानुभूति वोट मिलेगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। दोनों ही नेताओं ने अपनी पार्टी में टूट का जिम्मेदार भाजपा को ठहराया। शरद पवार और उद्धव ठाकरे का भाजपा पर आरोप था कि इन्होंने उनकी पार्टी को पैसे का लोभ और ईडी, सीबीआई का डर दिखाकर तोड़ी है, महाराष्ट्र की जनता ने इसे स्वीकार नहीं किया।

बटेंगे तो कटेंगे ने किया काम

इस विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ‘बटेंगे तो काटेंगे’ का नारा दिया था। इसका सबसे बड़ा कारण था कि लोकसभा चुनाव में यहां मुस्लिमों ने एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ वोट किया था। इसी तरह उत्तर प्रदेश में भी भाजपा को लोकसभा में नुकसान हुआ था। बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद जिस तरह वहां के हिंदुओं को मारा-काटा गया था, उसके बाद ही यहां भाजपा ने नारा दिया, ‘बटेंगे तो कटेंगे’। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां की अपनी हर सभा में इसे मुद्दा बनाया। यह मुद्दा यहां काम कर गया।

वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’ का नारा दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कई जनसभाओं में इस नारे को दिया। इन दोनों नारों को संघ के कैडर और भाजपा के कार्यकर्ता ने जमीन तक पहुंचाया। ऐसा लग रहा है कि इन दोनों नारों को पार्टी मतदाताओं तक पहुंचाने में कामयाब रही।

लाडकी बहीण योजना का मिल लाभ

महायुति की एकनाथ शिंदे सरकार प्रदेश में 28 जून 2024 को ‘मुख्यमंत्री माझी लड़की बहीण’ योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत महाराष्ट्र में 21 से 65 साल की पात्र महिलाओं को 1,500 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। प्रत्येक महीने 1500 रुपए महाराष्ट्र की महिलाओं के खाते में जा रहा था। इसका लाभ भी महायुति को मिली है। महायुति ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस राशि बढ़ाने की बात की है। महायुति ने लाडकी बहना योजना के तहत महिलाओं को हर माह 2,100 रुपये देने का वादे किया है।

हालांकि महाविकास अघाड़ी (एमवीए) ने भी महिलाओं को हर माह 3,000 रुपये देने का वादा किया था। लेकिन महाराष्ट्र की महिलाओं ने महायुति पर भरोसा किया और उन्हें बड़ी संख्या में वोट भी किया।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।

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