वोट नहीं मिला तो मोह भी छूट रहा है MVA से, एकला चलों की रणनीति पर आगे बढ़ेंगे उद्धव ठाकरे
वोट नहीं मिला तो मोह भी छूट रहा है MVA से, एकला चलों की रणनीति पर आगे बढ़ेंगे उद्धव ठाकरे
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, November 28, 2024
Updated On: Thursday, November 28, 2024
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के भीतर दरारें उभरने लगी हैं। उद्धव ठाकरे की अगुआई वाली शिवसेना (यूबीटी) पर अब खुद उनके नेताओं की ओर से गठबंधन छोड़ने का दबाव बढ़ रहा है।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Thursday, November 28, 2024
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में सब कुछ ठीक नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर अपनी पार्टी के नेताओं का दबाव बढ़ रहा है कि वह गठबंधन से अलग होकर आगामी चुनाव, खासकर बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) चुनाव, स्वतंत्र रूप से लड़ें। ठाकरे गुट के एक नेता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री नगर निगम चुनाव अलग से लड़ने पर गंभीरता से विचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “शिवसेना भविष्य में सभी चुनाव अपने दम पर लड़ने की रणनीति अपना सकती है।”
एक रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को उद्धव ठाकरे द्वारा आयोजित एक बैठक में पार्टी के 20 विधायकों में से अधिकांश ने कथित तौर पर महा विकास अघाड़ी से अलग होने का सुझाव दिया।
शिंदे गुट की जीत से बढ़ी नाराजगी
सूत्रों ने बताया कि चुनाव में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना (जिसने 57 सीटें जीतीं) की प्रभावशाली प्रदर्शन ने उद्धव गुट के जमीनी कार्यकर्ताओं को हिला दिया है। शिवसेना (यूबीटी) का कैडर अब महा विकास अघाड़ी की “प्रभावशीलता” पर सवाल खड़े कर रहा है।
एमवीए की भविष्य पर उठे सवाल
बैठक के दौरान विधायकों ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन में बने रहने से शिवसेना (यूबीटी) के वोट बैंक और संगठनात्मक आधार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। एकनाथ शिंदे की शिवसेना के सामने पूरी तरह से हारने के बाद शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ता अब अघाड़ी की “प्रभावकारिता” पर सवाल उठा रहे हैं। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि पार्टी के कई विधायकों को लगता है कि शिवसेना (यूबीटी) के लिए स्वतंत्र रास्ता अपनाने और चुनाव लड़ने के लिए किसी गठबंधन पर निर्भर न रहने का समय आ गया है, जबकि उन्होंने कहा कि शिवसेना कभी भी सत्ता के पीछे भागने के लिए नहीं बनी थी।
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क्या एमवीए से अलग होगी शिवसेना (यूबीटी)?
हालांकि, उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है, लेकिन पार्टी के भीतर गठबंधन से अलग होने को लेकर बढ़ती आवाजें संकेत देती हैं कि महा विकास अघाड़ी का भविष्य संकट में है।
चुनाव नतीजों और नेताओं के बीच उभरती असहमति ने महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरणों की संभावना को जन्म दे दिया है।
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