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सीएम योगी ने इशारों-इशारों में ऐसे सदन में सियासी तंज कसा सपा की नीतियों पर
सीएम योगी ने इशारों-इशारों में ऐसे सदन में सियासी तंज कसा सपा की नीतियों पर
Authored By: सतीश झा
Published On: Wednesday, February 19, 2025
Updated On: Wednesday, February 19, 2025
बीते कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य सरकार पर कई तरह के आरोप लगाए जा रहे थे. सपा मुखिया अखिलेश यादव लगातार तंज कस रहे थे. महाकुंभ को लेकर कई बातें कहीं गईं. जैसे ही उत्तर प्रदेश विधानसभा में बजट सत्र शुरू हुआ, उसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन सियासी तंजों का क्रमवार तरीके से जवाब देना शुरू कर दिया है
Authored By: सतीश झा
Updated On: Wednesday, February 19, 2025
हाईलाइट्स
- सदन में मुख्यमंत्री ने सपा को खूब धोया
- जब हम सदन में चर्चा में भाग ले रहे, तब 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने लगा ली आस्था की डुबकी
- आज के समाजवादियों के बारे में मान्यता है कि जिस थाली में खाते हैं, उसमें छेद करते हैं.
बुधवार को बजट सत्र के दौरान सदन में समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों को मुख्यमंत्री योगी आदितयनाथ (CM Yogi Adityanath) ने खूब धोया। एक शेर के माध्यम से मुख्यमंत्री ने आईना दिखाते हुए कहा कि बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू, लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं. जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा, वही नसीबों के मारों की बात करते हैं. माना जा रहा है कि जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने विपक्षी नेताओं को एक-एक करके टारगेट पर लिया है, उससे विपक्षी खेमा में खलबली मचनी तय है. एक दिन पहले ही उन्होंने स्कूली व्यवस्था और सपा नेताओं के व्यक्तिगत आचरण को लेकर सियासी धमाका किया था.
समाजवादी जिस थाली में खाते, उसमें ही छेद करते हैं
सीएम योगी आदित्यनाथ ने शायरी सुनाने के बाद नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसा – बोले कि यह उर्दू नहीं, हिंदी है. जब प्रदेश की स्थानीय बोलियों को सदन में महत्व मिला, तो उन्होंने विरोध किया. हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादी संस्कार है. सीएम योगी यहीं पर रूके नहीं. उन्होंने भाषा को लेकर सरकार का रूख स्पष्ट कर दिया और कहा कि हिंदी इस सदन की भाषा है. हिंदी को तो हटाया नहीं, बल्कि सदस्यों को छूट दी गई है कि वे इन बोलियों में बोल सकते हैं. यह थोपा नहीं गया, बल्कि सुविधा है. भोजपुरी, ब्रज, अवधी व बुंदेलखंडी की लिपि भी देवनागरी है. सभी कार्य संविधान द्वारा घोषित व्यवस्था के दायरे में हुआ है. इसका आपको स्वागत करना चाहिए और इस कार्य के साथ सकारात्मक भाव से जुड़ना चाहिए. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि आपके विरोध का मैं उपहास नहीं उड़ाता, क्योंकि आपकी आदत मुझे मालूम है. सीएम ने तंज कसा कि आज के समाजवादियों के बारे में मान्यता है कि जिस थाली में खाते हैं, उसमें ही छेद करते हैं.
आरोपों को सीएम योगी ने बताया आस्था से खिलवाड़
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब हम चर्चा में भाग ले रहे हैं, तब 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं. यह संख्या हर क्षण बढ़ रहा है. उन्होंने विपक्षी दलों को घेरते हुए कहा कि जब सनातन धर्म, मां गंगा, भारत की आस्था, महाकुंभ के खिलाफ अनर्गल प्रलाप और झूठा वीडियो दिखाया जाता है, तो यह 56 करोड़ लोगों के साथ ही भारत की सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ है.
सरकार का नहीं, समाज का है यह आयोजन
बिना किसी लाग-लपेट के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में ऑन रिकॉर्ड कह दिया कि यह किसी पार्टी विशेष और सरकार का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है. सरकार सहयोग और उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए सेवक के रूप में खड़ी है. सेवक के रूप में उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना हमारी जिम्मेदारी है. हम तत्परता के साथ ऐसा करेंगे, क्योंकि हमें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है. हमारे मन में भारत की सनातन परंपराओं के प्रति श्रद्धा का भाव है और उन श्रद्धाओं को सम्मान देना हमारा दायित्व है. सौभाग्य है कि सदी के महाकुम्भ के साथ सरकार को जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ. तमाम दुष्प्रचार को दरकिनार करते हुए देश-दुनिया ने इस आयोजन के साथ सहभागी बनकर इसे सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचाया है.
विपक्षी सदस्यों की बातों का ऐसे दिया जवाब
इससे पहले विधानसभा में प्रतिपक्ष के सदस्य डॉ. आरके पटेल, संग्राम सिंह यादव, आराधना मिश्रा ’मोना’ ने सरकार की व्यवस्थाओं पर आरो लगाए थे. इनकी बातों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे जिम्मेदारियों का अहसास है. 29 जनवरी के भगदड़ के शिकार श्रद्धालुओं और प्रयागराज कुम्भ के दौरान सोनभद्र, अलीगढ़ या अन्य जगहों पर महास्नान में आने और वापस जाने के दौरान जो श्रद्धालु सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं, हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं. हमारी संवेदना परिवारजनों के प्रति है. सरकार उनके साथ खड़ी है और हरसंभव मदद करेगी. प्रश्न यह है कि इस पर राजनीति करना कितना उचित है ?