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कब-कब लगता है महाकुंभ, सीएम योगी ने किया महाकुंभ 2025 के लोगो का अनावरण
कब-कब लगता है महाकुंभ, सीएम योगी ने किया महाकुंभ 2025 के लोगो का अनावरण
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, October 7, 2024
Updated On: Friday, December 13, 2024
प्रयागराज में एक सुनहरी सुबह थी, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ-2025 के प्रतीक चिह्न का अनावरण किया। शहर का माहौल भक्तिमय और उत्साह से भरा हुआ था। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की उपस्थिति में इस आयोजन ने एक नया अध्याय लिखा। अनावरण समारोह के बाद, मुख्यमंत्री ने अधिकारियों के साथ महाकुंभ की तैयारियों की समीक्षा बैठक भी शुरू की।
Authored By: सतीश झा
Updated On: Friday, December 13, 2024
महाकुंभ (Mahakumbh) का आयोजन हर 12 साल में होता है। महाकुंभ 2025 के लोगो में कुंभ का प्रतीक कलश है जिसपर ॐ लिखा है। पीछे संगम का दृश्य है। साथ ही नगर कोतवाल बड़े हनुमान जी का चित्र और मंदिर है।
यह भारत के चार प्रमुख पवित्र स्थलों पर बारी-बारी से आयोजित किया जाता है:
- प्रयागराज (इलाहाबाद) – गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम स्थल पर।
- हरिद्वार – गंगा नदी के तट पर।
- उज्जैन – क्षिप्रा नदी के तट पर।
- नासिक – गोदावरी नदी के तट पर।
महाकुंभ का आयोजन इन चारों स्थानों पर क्रमिक रूप से होता है, यानी प्रत्येक स्थान पर महाकुंभ हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है। इसका समय और स्थान ग्रहों की स्थिति (विशेषकर बृहस्पति और सूर्य) पर आधारित होता है।
महाकुंभ के प्रमुख आयोजन
प्रयागराज (कुंभ और महाकुंभ): हर 6 साल में अर्धकुंभ और हर 12 साल में महाकुंभ होता है।
हरिद्वार, उज्जैन, और नासिक: इन तीनों स्थानों पर महाकुंभ हर 12 साल में एक बार आयोजित होता है।
विशेष समय:
महाकुंभ का समय और स्थान ज्योतिषीय गणना के आधार पर तय किया जाता है, जिसमें सूर्य, चंद्रमा, और बृहस्पति की स्थिति महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इन ग्रहों के विशेष संयोग से महाकुंभ का आयोजन होता है, जिससे यह आयोजन धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण बन जाता है।
ये भी पढ़े: Mahakumbh 2025 : महाकुंभ के प्रतीक चिह्न के हैं विशेष अर्थ, यह जुड़ा है कुंभ की पौराणिक कथा से
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया महाकुंभ 2025 के लोगो का अनावरण
मुख्यमंत्री योगी (CM Yogi), रविवार को प्रयागराज पहुंचे थे, जहां उन्होंने सबसे पहले पवित्र संगम पर गंगा पूजन किया। गंगा के पावन तट पर शंखनाद और मंत्रोच्चार के बीच गंगा मां का आह्वान किया गया। इसके बाद, उन्होंने बड़े हनुमान मंदिर में जाकर भगवान हनुमान के दर्शन किए और विधिपूर्वक पूजा अर्चना की।
#अपडेट–
महाकुंभ 2025 के लोगो में कुंभ का प्रतीक कलश है। इस पर ॐ लिखा है। पीछे संगम का दृश्य है। साथ ही नगर कोतवाल बड़े हनुमान जी का चित्र और मंदिर है।#Kumudamnews24x7 #Kumudamnews #Prayagraj #PrayagrajKumbh #Kumbh https://t.co/S1n77UlE5L— Galgotias Times (@galgotiastimes) October 6, 2024
पूजा के बाद, मुख्यमंत्री ने 13 अखाड़ों के संतों, दंडी स्वामी, आचार्यबाड़ा और खाकचौक के महात्माओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में संत समाज की राय और उनके सुझावों को ध्यान में रखते हुए महाकुंभ की योजनाओं पर चर्चा की गई। संत समाज के विचारों और आशीर्वाद से प्रेरित, सीएम योगी ने आश्वासन दिया कि इस महाकुंभ को भव्य और दिव्य रूप से आयोजित किया जाएगा।
समीक्षा के बाद, मुख्यमंत्री महाकुंभ के तहत हो रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने निकले। संगम के तट पर चल रहे कार्यों को देखकर उन्होंने अधिकारियों को समय पर और गुणवत्तापूर्ण काम करने का निर्देश दिया। उनके नेतृत्व में, प्रयागराज में एक ऐसी ऊर्जा प्रवाहित हो रही थी, जो महाकुंभ-2025 को अभूतपूर्व और ऐतिहासिक बनाने की दिशा में अग्रसर थी।
इस महाकुंभ का प्रतीक चिह्न न केवल प्रयागराज की पवित्रता का प्रतीक है, बल्कि यह देश और दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करने का भी संदेश देता है। जैसे-जैसे महाकुंभ का समय निकट आ रहा है, प्रयागराज महाकुंभ की तैयारियों में जुटा हुआ है, और सीएम योगी के नेतृत्व में यह आयोजन भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता की एक अद्वितीय मिसाल बनेगा।