बंगाल में चंदे की ‘बारिश’, बाबरी मस्जिद निर्माण को मिला जबरदस्त समर्थन, पैसे गिनने में लगीं मशीनें और लोग
Authored By: Nishant Singh
Published On: Monday, December 8, 2025
Last Updated On: Monday, December 8, 2025
बंगाल की सियासत में हलचल तब बढ़ गई जब निष्कासित TMC विधायक हुमायूं कबीर ने बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए जुटाए गए चंदे का लाइव वीडियो शेयर किया. 11 बक्सों में भरे नोट, 30 लोग गिनती में लगे और QR कोड से आए 93 लाख रुपये. कबीर का दावा है कि मस्जिद पूरी तरह जनता के चंदे से बनेगी, किसी राजनीतिक फंड से नहीं.
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Monday, December 8, 2025
Babri Masjid Construction: पश्चिम बंगाल की राजनीति इन दिनों एक नए वीडियो पर गर्म है, जिसमें नोटों की गड्डियां, मशीनों की आवाज़ और दर्जनों लोग पैसे गिनते दिखाई देते हैं. यह कोई बैंक या चुनावी दफ्तर का दृश्य नहीं, बल्कि मुर्शिदाबाद में प्रस्तावित बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए जमा किए गए चंदे की गिनती का वीडियो है. इस वीडियो को शेयर किया है कि निष्कासित TMC विधायक हुमायूं कबीर ने, जो इन दिनों अपने फैसलों और बयानों से लगातार सुर्खियों में हैं.
नया दावा: “मेरी बाबरी मस्जिद चंदे के पैसे से ही बनेगी”
हुमायूं कबीर पर आरोप लग रहे थे कि वह BJP से मिले फंड से मस्जिद बनवा रहे हैं. लेकिन कबीर ने पलटवार करते हुए एक लाइव वीडियो शेयर किया और कहा कि “यह मस्जिद चंदे की रकम से ही बन रही है. जो लोग आरोप लगा रहे थे, यह वीडियो उनके लिए जवाब है.” वीडियो में लोग जमीन पर रखे बक्सों से नोट निकालकर मशीनों में डालते हुए दिखाई देते हैं. कबीर के अनुसार, यह चंदा पूरी तरह जनता ने दिया है, और इसमें किसी राजनीतिक पार्टी का दखल नहीं है.
मुर्शिदाबाद में ‘नई बाबरी’ की बुनियाद और बढ़ता विवाद
अयोध्या में ढही गई बाबरी मस्जिद की तर्ज पर मुर्शिदाबाद में एक नई मस्जिद की नींव पहले ही रखी जा चुकी है. इसके खिलाफ विरोध भी हुआ और समर्थन भी, लेकिन हुमायूं कबीर पीछे हटने वाले नहीं हैं. उनका कहना है कि “पूरे बंगाल के मुसलमान मेरे साथ खड़े हैं. मस्जिद के निर्माण में हर कोई हिस्सा दे रहा है.” यह कदम सिर्फ धार्मिक पहल नहीं, बल्कि राजनीतिक भूचाल भी पैदा कर रहा है, क्योंकि राज्य में चुनावी समीकरण पहले ही गर्म हैं.
11 बक्सों में भरा चंदा – 30 लोग लगा गिनने में.
हुमायूं कबीर ने दावा किया कि चंदे के कुल 11 बक्से जमा हुए हैं. इन बक्सों में अलग-अलग जगहों से आए नकद दान भरे हैं. पैसे गिनने के लिए उन्होंने 30 लोगों की टीम बनाई है. ये टीम घंटों तक बैठकर नोट गिनती है, और साथ में पैसे गिनने वाली मशीनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. वीडियो में यह पूरा प्रोसेस बेहद व्यवस्थित और निगरानी में चलता दिखाई देता है. कबीर के मुताबिक यह पूरा काम CCTV कैमरों की मॉनिटरिंग में किया जा रहा है ताकि किसी तरह का शक न पैदा हो.
QR कोड से आए 93 लाख रुपये.
नकद चंदे के अलावा, ऑनलाइन दान की बाढ़ भी आई है. हुमायूं कबीर कहते हैं कि “मेरे बैंक अकाउंट में सिर्फ QR कोड के माध्यम से 93 लाख रुपये जमा हुए हैं. यह जनता का आशीर्वाद है.” उनका दावा है कि यह रकम दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है और मस्जिद निर्माण बिना किसी राजनीतिक सहायता के संभव हो जाएगा.
BJP फंडिंग के आरोप और कबीर का पलटवार
कई राजनीतिक विरोधी यह सवाल उठा रहे थे कि इतनी बड़ी रकम सिर्फ चंदे में नहीं आ सकती. आरोप लगाए गए थे कि कबीर को BJP सपोर्ट कर रही है ताकि वह मुस्लिम वोट बैंक को TMC से दूर कर सकें. लेकिन कबीर ने इन आरोपों पर कड़ा जवाब देते हुए कहा कि “अगर BJP पैसा दे रही होती, तो ये लोग पैसे गिनने में न लगे होते… यह पूरा चंदा है और मैं पारदर्शिता साबित करने के लिए लाइव वीडियो कर रहा हूं.”
22 दिसंबर को नई पार्टी – 135 सीटों पर उम्मीदवार.
TMC से निकाले जाने के बाद हुमायूं कबीर अब अपना राजनीतिक खेल बदल चुके हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि 22 दिसंबर को वह अपनी नई राजनीतिक पार्टी लॉन्च करेंगे. कबीर का दावा है कि “यह पार्टी मुसलमानों के मुद्दों पर काम करेगी. मैं राज्य की 135 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारूंगा. मैं बंगाल का गेम-चेंजर बनूंगा.” उन्होंने यह भी कहा कि वह AIMIM के संपर्क में हैं और ओवैसी से उनकी बात हुई है. हालांकि AIMIM या ओवैसी ने इस पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है.
राजनीति, मस्जिद और चंदा – बंगाल में नया समीकरण
बाबरी मस्जिद निर्माण का यह मामला अब सिर्फ धार्मिक मुद्दा नहीं रहा. यह बंगाल की राजनीतिक हवा को नई दिशा देने लगा है. हुमायूं कबीर के कदम ने मुस्लिम राजनीति का नया केंद्र बना दिया है, और आने वाले चुनावों में इसका बड़ा असर देखने को मिल सकता है. चंदे की पारदर्शिता दिखाने का उनका फैसला, वीडियो शेयर करना, लाइव गिनती कराना उनकी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि जनता का भरोसा और बढ़े.
चंदे से उठी राजनीति, चुनाव तक पहुंचेगी लहर
बंगाल में बाबरी मस्जिद निर्माण के लिए आए चंदे की यह कहानी फिलहाल सुर्खियों में है. लाखों रुपये की मदद, नोट गिनती की मशीनें, सैकड़ों समर्थकों का उत्साह, यह सब मिलकर इस मुद्दे को बेहद बड़ा बना चुके हैं. आने वाले दिनों में यह सिर्फ मस्जिद का निर्माण नहीं, बल्कि बंगाल की सियासत की दिशा बदलने वाला मोड़ साबित हो सकता है.
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