Kolkata: आंदोलनकारी डॉक्टरों और ममता सरकार के बीच क्यों नहीं हो रही बात

Kolkata: आंदोलनकारी डॉक्टरों और ममता सरकार के बीच क्यों नहीं हो रही बात

Authored By: Gunjan Shandilya

Published On: Wednesday, September 11, 2024

Updated On: Wednesday, September 11, 2024

junior doctors on strike on kolkata rape case

एक महीने से ज्यादा समय से कोलकाता में डॉक्टरों का आंदोलन चल रहा है। 10 सितंबर को पहली बात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाई लेकिन आंदोलनकारी डॉक्टर नहीं गए।

कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल (RG Kar Hospital) मामले में आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों अभी भी गुस्से में हैं। इनका आंदोलन घटना के दिनों से चल रहा है। डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। 10 सितंबर को हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन डॉक्टरों को काम पर लौटने को कहा लेकिन डॉक्टर्स बिना मांग पूरी हड़ताल खत्म करने को तैयार नहीं है।

डॉक्टरों के आंदोलन को पूरे प्रदेश से समर्थन भी मिल रहा है। अलग-अलग समुदाय, संगठनों और प्रोफेशनलों का समर्थन लगातार मिल रहा है। वहीं ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) भी आंदोलन को खत्म करने के लिए अपनी ओर से कोई खास पहल नहीं कर रही थीं। 10 सितंबर को बेशक ममता सरकार को ओर से कहा गया कि मुख्यमंत्री जूनियर डॉक्टरों के प्रतिनिधि से बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया गया है। लेकिन डॉक्टरों ने बातचीत से साफ इंकार कर दिया।

डॉक्टरों की पांच सूत्री मांग

आंदोलनरत डॉक्टरों ने सरकार के सामने अपनी पांच सूत्री मांग रखी है। इसमें स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक (डीएचई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशक (डीएचएस) के इस्तीफे की मांग भी शामिल है। पांच सूत्री मांगों में इसके अलावा कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल को हटाए जाने की भी मांग। डॉक्टरों का मानना है कि शुरुआत में घटना को लेकर कोलकाता पुलिस का जो रवैया था, वह बहुत ही गैर जिम्मेदाराना था। इसलिए ये कोलकाता पुलिस कमिश्नर को हटाने की मांग कर रहे हैं।

ममता से बात करने क्यों नहीं गए डॉक्टर्स

सरकार की ओर से बताया गया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘नबान्न’ (मुख्यमंत्री कार्यालय) में आंदोलनकारी डॉक्टरों का इंतजार कर रही थी लेकिन डॉक्टर बातचीत को नहीं आए। इसका कारण यह बताया जा रहा है कि डॉक्टरों के पास बातचीत का मेल उन्हीं स्वास्थ्य सचिव एनएस निगम के माध्यम से आया, जिन्हें वे हटाने की मांग कर रहे हैं।

इसके अलावा मेल में डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल का आकार बहुत छोटा था। सिर्फ 10 डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल ही मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करने के लिए जा सकते थे। डॉक्टरों को यह स्वीकार नहीं था। इन्हीं दो मसलों पर बात अटक गई। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि मुख्यमंत्री से बातचीत करने विकल्प अभी खुला है।

डॉक्टरों का क्या है कहना?

जूनियर डॉक्टर साल्ट लेक में स्वास्थ्य भवन स्थित राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के सामने धरना दे रहे हैं। 10 सितंबर की शाम बातचीत वाली मेल डॉक्टर्स के पास आया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे डॉ देबाशीष हलदर बताते हैं, ‘ईमेल की भाषा ही हमारे लिए अपमानजनक है। मेल की भाषा में कहीं से संवेदना नहीं झलकती है। हमारे पास ईमेल स्वास्थ्य सचिव का आया। जबकि हमारी मांग उन्हें हटाने की है। हमने अपनी मांग पत्र द्वारा सरकार को बताई है। जब तक मांग पूरी नहीं होती, आंदोलन जारी रहेगा।’

About the Author: Gunjan Shandilya
समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव। विभिन्न मंचों पर विषयों को रोचक और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की क्षमता। नई पत्रकारिता शैलियों और प्रौद्योगिकियों के साथ कदम से कदम मिलाने में निपुण।

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