मोबाइल फोन असेंबलर से ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब की ओर बढ़ रहा भारत
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Thursday, July 24, 2025
Updated On: Thursday, July 24, 2025
भारत मोबाइल फोन असेम्बलर से एक मजबूत मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की ओर तेजी से अग्रसर है. 2014-15 में आयात पर निर्भरता रखने वाला देश आज 24.1 अरब डॉलर के मोबाइल निर्यात के साथ ग्लोबल उत्पादन और निर्यात हब बन चुका है. यह परिवर्तन केंद्र सरकार की पीएलआई योजना, घरेलू मूल्यवर्धन और बढ़ती रोजगार संभावनाओं की बदौलत संभव हुआ है.
Authored By: Ranjan Gupta
Updated On: Thursday, July 24, 2025
Mobile Phone Manufacturing in India: एक दशक में भारत ने मोबाइल फोन असेंबली यूनिट से निकलकर ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की दिशा में लंबी छलांग लगाई है. दरअसल, भारतीय मोबाइल निर्यात घरेलू मांग को पीछे छोड़ते हुए उत्पादन का प्रमुख चालक बन गया है. बुधवार को जारी एक स्टडी के अनुसार, देश 2014-15 में आयात पर निर्भर मोबाइल बाजार से 2024-25 में ग्लोबल प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट हब बन गया है. 2018-19 से मोबाइल फोन का शुद्ध निर्यात मज़बूत रहा है, क्योंकि निर्यात 2017-18 में 0.2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 24.1 बिलियन डॉलर हो गया है.
जटिल पुर्जों का स्थानीय स्तर पर निर्माण
भारत केवल आयातित पुर्जों की असेंबलिंग से आगे बढ़कर एक गहन औद्योगिक आधार की ओर बढ़ रहा है, जहां जटिल पुर्जों का स्थानीय स्तर पर निर्माण किया जाता है. सोशल साइंस रिसर्च सेंटर, सेंटर फॉर डेवलपमेंट स्टडीज (सीडीएस) द्वारा की गई एक स्टडी में कहा गया है, “भारत के मोबाइल फोन उत्पादन में घरेलू मूल्य संवर्धन (डीवीए) में प्रत्यक्ष और सहायक उद्योगों के माध्यम से महत्वपूर्ण वृद्धि देखी गई है. यह मजबूत घरेलू भागीदारी के साथ एक मैच्योर इकोसिस्टम का संकेत देता है.” कुल डीवीए (प्रत्यक्ष + अप्रत्यक्ष) बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया, जो 2022-23 के 10 अरब डॉलर से अधिक हो चुका है.
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्यातक भारत
- देश अब दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्यातक है, जिसका निर्यात 2024 तक 20.5 अरब डॉलर पहुंच गया है.
- निष्कर्षों से पता चला है कि 2017 से सरकारी समर्थन और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना की शुरुआत के बाद ग्लोबल वैल्यू चेन (जीवीसी) में रणनीतिक इंटीग्रेशन भारत की सफलता का आधार है.
नौकरियों में 33 गुना से अधिक की वृद्धि
स्टडी में पाया गया कि मोबाइल फोन उत्पादन उद्योग ने 2022-23 में 17 लाख श्रमिकों को रोजगार दिया. मोबाइल फोन के निर्यात से जुड़ी नौकरियों में 33 गुना से अधिक की वृद्धि हुई है. सीडीएस निदेशक और आरबीआई चेयर, प्रोफेसर सी. वीरमणि ने कहा, “भारत की सफलता ‘पहले पैमाने को प्राप्त करना और समय के साथ मूल्यवर्धन को गहरा करना’ अन्य एशियाई अर्थव्यवस्थाओं द्वारा अपनाए गए मार्ग को दर्शाती है . इस क्षेत्र में निरंतर सरकारी समर्थन अगले दशक में महत्वपूर्ण बना रहेगा.” उन्होंने आगे कहा, “मोबाइल फोन निर्माण विकास का एक खाका प्रदान करता है और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में भी इसी तरह की रणनीतियों को अपनाकर देश को ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अग्रणी बना सकता है.”
बैकवर्ड-लिंक्ड जीवीसी में भारत की भागीदारी बढ़ी
स्टडी के निष्कर्षों पर, इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अध्यक्ष पंकज मोहिंद्रू ने कहा, “यह स्टडी आईसीईए की इस बात की पुष्टि करता है कि ग्लोबल वैल्यू चेन में रणनीतिक इंटीग्रेशन निर्यात बढ़ाने, घरेलू मूल्यवर्धन बढ़ाने और रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण है.” उन्होंने आगे कहा, “साक्ष्य हमारी इस बात की पुष्टि करते हैं कि बैकवर्ड-लिंक्ड जीवीसी में भारत की भागीदारी ने देश को पर्याप्त लाभ पहुंचाया है.”
(आईएएनएस इनपुट के साथ)
यह भी पढ़ें :- 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ Samsung Galaxy F36 5G भारत में लॉन्च, कीमत 20,000 रुपये से कम
यह भी पढ़ें

news via inbox
समाचार जगत की हर खबर, सीधे आपके इनबॉक्स में - आज ही हमारे न्यूजलेटर को सब्सक्राइब करें।