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सपनों का घर कहां सस्ता पड़ेगा? भारत बनाम दुबई – कौन देगा ज़्यादा मुनाफा?
Authored By: Nishant Singh
Published On: Thursday, November 13, 2025
Last Updated On: Thursday, November 13, 2025
आज हर कोई अपने पैसों को सही जगह लगाना चाहता है - लेकिन बड़ा सवाल ये है कि घर भारत में खरीदना फायदेमंद है या दुबई में? एक ओर भारत में सुरक्षित और स्थिर निवेश का भरोसा है, तो दूसरी ओर दुबई देता है टैक्स-फ्री इनकम और इंटरनेशनल एक्सपोजर का मौका. तो आखिर कहां मिलती है सपनों की प्रॉपर्टी और असली फायदा? जानिए पूरी कहानी आगे…
Authored By: Nishant Singh
Last Updated On: Thursday, November 13, 2025
India vs Dubai: आज के समय में प्रॉपर्टी सिर्फ एक ज़रूरत नहीं, बल्कि एक इन्वेस्टमेंट का सबसे बड़ा हथियार बन चुकी है. हर कोई चाहता है कि उसका पैसा सही जगह लगे और रिटर्न भी अच्छा मिले. लेकिन सवाल ये है- क्या घर भारत में खरीदना फायदेमंद है या दुबई में प्रॉपर्टी लेना ज्यादा समझदारी है? आइए जानते हैं दोनों जगहों के नियम, फायदे और चुनौतियों को विस्तार से.
भारत में प्रॉपर्टी खरीदना: आसान लेकिन प्रक्रिया लंबी
भारत में आम आदमी के लिए प्रॉपर्टी खरीदना तुलनात्मक रूप से आसान है. यहां सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) जैसी स्कीमें, बैंक लोन की सुविधा और सब्सिडी बेनिफिट्स उपलब्ध हैं. इससे मिडिल क्लास फैमिलीज़ को घर खरीदने में बड़ी राहत मिलती है. हालांकि, भारत में डॉक्युमेंटेशन प्रोसेस थोड़ा लंबा होता है- जमीन का टाइटल क्लियरेंस, RERA रजिस्ट्रेशन, और कई लीगल चेक जरूरी होते हैं. मगर एक बात तय है- भारत में खरीदार के अधिकारों की पूरी सुरक्षा होती है और लीगल सिस्टम खरीदार के पक्ष में मजबूत खड़ा रहता है.
दुबई में प्रॉपर्टी खरीदना: तेज़, डिजिटल और इंटरनेशनल एक्सपोजर वाला सौदा
दुबई में प्रॉपर्टी खरीदने की प्रक्रिया तेज़ और पूरी तरह डिजिटल है. यहां तक कि विदेशी नागरिक भी फ्रीहोल्ड जोन में प्रॉपर्टी के मालिक बन सकते हैं. दुबई में इनकम टैक्स नहीं होता, यानी जो भी रेंटल इनकम आती है, वह पूरी तरह आपकी होती है. इसके अलावा, बिजनेस माहौल और ग्लोबल डिमांड के कारण यहां प्रॉपर्टी की वैल्यू तेज़ी से बढ़ती है. लेकिन ध्यान रहे- यहां शुरुआती निवेश भारत की तुलना में काफी ज्यादा होता है. साथ ही मेंटेनेंस कॉस्ट और सर्विस चार्ज भी भारी पड़ते हैं.
टैक्स और खर्चे में फर्क
अगर तुलना करें तो भारत में स्टाम्प ड्यूटी, रजिस्ट्रेशन फीस और प्रॉपर्टी टैक्स ज्यादा हैं. मगर भारत में जमीन की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में. वहीं दुबई में इनकम टैक्स ज़ीरो है, जिससे रेंटल इनकम का पूरा फायदा मालिक को मिलता है. हालांकि, वहां मेंटेनेंस चार्ज और कम्युनिटी फीस भारत से कहीं ज्यादा होती है. कुल मिलाकर, भारत में टैक्स ज्यादा लेकिन खर्चा कम है, जबकि दुबई में टैक्स नहीं लेकिन रखरखाव महंगा पड़ता है.
रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट: कौन आगे?
भारत में छोटे शहरों और टियर-2 एरियाज में रियल एस्टेट का भविष्य उज्जवल माना जा रहा है. क्योंकि यहां कम इन्वेस्टमेंट में लंबी अवधि का अच्छा रिटर्न मिलता है और रिस्क भी सीमित रहता है.
दूसरी ओर, दुबई में ग्लोबल बिजनेस हब होने का फायदा है. वहां प्रॉपर्टी वैल्यू तेजी से बढ़ती है, जिससे शॉर्ट टर्म में भी अच्छा प्रॉफिट मिल सकता है. लेकिन यह बाजार थोड़ा वोलेटाइल भी है- यानी ग्लोबल सिचुएशंस के हिसाब से कीमतें ऊपर-नीचे हो सकती हैं.
लीगल प्रोसेस और सेफ्टी
भारत में प्रॉपर्टी खरीदते समय RERA रजिस्ट्रेशन और टाइटल क्लियरेंस जरूर जांचें. ये दोनों आपकी सुरक्षा की गारंटी हैं. वहीं दुबई में, प्रॉपर्टी खरीदने से पहले डेवलपर का ट्रैक रिकॉर्ड, लोकेशन की वैल्यू और भविष्य की डेवलपमेंट प्लानिंग को समझना जरूरी है. वहां का रियल एस्टेट मार्केट बहुत तेज़ी से बदलता है, इसलिए बिना रिसर्च किए निवेश करना जोखिमभरा हो सकता है.
भारत बनाम दुबई: एक नजर में तुलना
| पहलू | भारत | दुबई |
|---|---|---|
| प्रक्रिया | लंबी लेकिन सुरक्षित | तेज़ और डिजिटल |
| इनकम टैक्स | लागू | नहीं |
| शुरुआती निवेश | कम | ज्यादा |
| मेंटेनेंस कॉस्ट | कम | अधिक |
| रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट | स्थिर और लंबी अवधि वाला | तेज़ लेकिन जोखिमभरा |
| विदेशी खरीदारी की अनुमति | सीमित | फ्रीहोल्ड जोन में पूरी तरह खुली |
कहां खरीदें प्रॉपर्टी? सही फैसला कैसे लें
अगर आपका लक्ष्य लॉन्ग टर्म सेफ इन्वेस्टमेंट है और आप स्थिर रिटर्न चाहते हैं, तो भारत में प्रॉपर्टी खरीदना बेहतर विकल्प है. लेकिन अगर आप चाहते हैं हाई रिटर्न और इंटरनेशनल एक्सपोजर, तो दुबई का रियल एस्टेट मार्केट आपको बड़ा मौका देता है. अंत में, फैसला करते वक्त अपने बजट, गोल और रिस्क लेवल को ध्यान में रखें. क्योंकि दोनों जगहों के फायदे अलग हैं और खेल पूरी तरह आपके इन्वेस्टमेंट प्लान पर निर्भर करता है.
भारत में प्रॉपर्टी खरीदना सुरक्षित और स्थिर इन्वेस्टमेंट है, जबकि दुबई में खरीदना रिटर्न के लिहाज से स्मार्ट मूव हो सकता है. इसलिए घर चुनते वक्त सिर्फ सपना नहीं, सोच-समझकर रणनीति बनाइए. तभी आपका निवेश बनेगा वाकई में फायदेमंद सौदा.
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