Lifestyle News
Wilderness Tour and Travel Therapy : साहसिक यात्राओं में संघर्ष का भी होता है अपना रोमांच, बढ़ता है आत्मविश्वास
Wilderness Tour and Travel Therapy : साहसिक यात्राओं में संघर्ष का भी होता है अपना रोमांच, बढ़ता है आत्मविश्वास
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Tuesday, March 18, 2025
Last Updated On: Tuesday, March 18, 2025
Wilderness Tour and Travel Therapy : पर्यटकों की बदलती पसंद को देखते हुए ट्रैवल इंडस्ट्री में नित नए बदलाव होते रहते हैं. अब लोग सिर्फ घूमने-फिरने के लिए यात्रा नहीं कर रहे, बल्कि उन यात्राओं पर जाना पसंद कर रहे हैं जिसमें रोमांच के साथ थोड़ा संघर्ष भी हो. यही वजह है कि इन दिनों ट्रैवल थेरेपी के तौर पर वाइल्डरनेस टूर को लोग प्राथमिकता दे रहे हैं. ट्रैवल कंपनियां भी उनकी जरूरतों का ध्यान रखते हुए साहसिक टूर पैकेज डिजाइन कर रही हैं.
Authored By: अंशु सिंह
Last Updated On: Tuesday, March 18, 2025
Wilderness Tour and Travel Therapy : दुनिया में हर किसी के लिए पहाड़ों पर चढ़ने, बर्फ पर स्केटिंग करने या मॉनसून के दौरान घने जंगलों में ट्रेकिंग करने की एक जैसी भूख नहीं होती है. लेकिन इन दिनों साहसिक यात्राओं को लेकर लोगों की खास दिलचस्पी देखी जा रही है. टूर एवं ट्रैवल से जुड़ी कई कंपनियां भी इस तरह के वाइल्डरनेस टूर (साहसिक टूर) पैकेज उपलब्ध करा रही हैं. इसमें टूरिस्ट को कुछ दिन या हफ्ते भर के लिए उजाड़ एवं बंजर इलाके में अकेले छोड़ दिया जाता है. वहां से वे खुद ही बाहर निकलते हैं. इस तरह की यात्रा अमूमन व्यक्तिगत होती है. टूरिस्ट अपनी पसंद से देश या स्थान का चयन करते हैं, जैसे कोई जंगल, रेगिस्तान, पहाड़ या ध्रुवीय इलाका आदि. पूरी दुनिया में इन दिनों ऐसी यात्राएं हो रही हैं. इनमें मंगोलिया, पेरू एवं नॉर्वे के आर्कटिक में स्वालबार्ड जैसे डेस्टिनेशन शामिल हैं.
पहाड़ों से लेकर जंगल तक की साहसिक यात्रा
आमतौर पर प्रतिकूल मौसम और स्थान संबंधी मुद्दे लोगों को साहसिक पर्यटन करने से रोकते हैं. हालांकि, भारत में इच्छुक पर्यटकों को साहसिक यात्राएं प्रदान करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं. वे हिमालय की तलहटी में बसे दार्जिलिंग की पहाड़ियों में ट्रैकिंग ट्रिप और रॉक क्लाइम्बिंग कर सकते हैं. हिमाचल की पहाड़ियों में माउनटेनियरिंग पर जा सके हैं या फिर राजस्थान के जंगल में ऊंट की सवारी कर यात्रा को रोमांचकारी बना सकते हैं. इसके अलावा, वन्यजीव यानी वाइल्डलाइफ भी भारतीय पर्यटन इंडस्ट्री का एक प्रमुख हिस्सा रहा है. देश के राष्ट्रीय उद्यान सफारी और जीप टूर प्रदान करते हैं. वैसे, साहसिक पर्यटन और यात्रा पैकेजों में स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, कैम्पिंग और स्कूबा डाइविंग जैसी गतिविधियां भी शामिल होती हैं.
वाइल्डरनेस टूर में वीरान स्थान पर दिया जाता है छोड़
अगर आप भी वाइल्डरनेस यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो लग्जरी ट्रैवल कंपनियों की सेवाओं का फायदा उठा सकते हैं. ये कंपनियां ग्राहकों की पसंद के अनुसार, वाइल्डरनेस पैकेज डिजाइन करती हैं. जैसा डेस्टिनेशन होगा, उसी अनुसार यात्रा का खर्च आएगा. विदेश की यात्रा करने पर ये खर्च लाखों में हो सकता है. जैसे, ब्लैक टोमेटो कंपनी ने ‘गेट लॉस्ट’ नाम से एक पैकेज डिजाइन किया है. इसके तहत यात्री खुद को खोजने में खो जाते हैं. दरअसल, उन्हें किसी अनजान इलाके में छोड़ दिया जाता है, जहां से उन्हें खुद ही बाहर निकलना होता है. कुछ वैसे ही जैसे मैन वर्सेज वाइल्ड शो में बेयर ग्रिल्स किया करते हैं. हां, वाइल्डरनेस टूर के दौरान कंपनियां जीपीएस एवं सैटेलाइट ट्रैकर से अपने यात्रियों पर नजर रखती हैं, ताकि किसी अनहोनी की स्थिति में उनकी मदद कर सकें.
साहसिक यात्राओं के हैं कई फायदे
वाइल्डरनेस ट्रैवल को आज एक हीलिंग थेरेपी की तरह देखा जा रहा है. इसमें यात्री जब अकेले कठिन रास्तों से गुजरते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं, तो उनका आत्मविश्वास कई गुणा बढ़ जाता है. इससे वे जिन्दगी में आने वाली चुनौतियों का बेहतर तरीके से सामना करना सीख लेते हैं. इसमें न केवल रोमांच होता है, बल्कि शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है. तनाव कम होने से नई ऊर्जा का अनुभव करते हैं. प्रकृति के साथ रहने से उससे रिश्ता गहरा होता है. इसमें दुनिया घूमने का मौका मिलता है. नई जगहों एवं संस्कृतियों को जानने से अंदर की क्रिएटिविटी बढ़ती है.