Sunita Williams Return Journey : सुनीता विलियम्स-बुच की वापसी 19 मार्च को, धरती की ग्रैविटी दे सकती है चुनौती

Sunita Williams Return Journey : सुनीता विलियम्स-बुच की वापसी 19 मार्च को, धरती की ग्रैविटी दे सकती है चुनौती

Authored By: अंशु सिंह

Published On: Wednesday, February 19, 2025

Updated On: Wednesday, February 19, 2025

Sunita Williams Return Journey : सुनीता विलियम्स-बुच की वापसी 19 मार्च को, धरती की ग्रैविटी दे सकती है चुनौती
Sunita Williams Return Journey : सुनीता विलियम्स-बुच की वापसी 19 मार्च को, धरती की ग्रैविटी दे सकती है चुनौती

अंतरिक्ष में करीब आठ महीने बिताने के बाद नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) और बुच विलमोर (Butch Willmore) के धरती पर लौटने का इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है. वे दोनों 19 मार्च को वापस आने वाले हैं. इस बीच, विलमोर और सुनीता ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एवं स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क के आरोपों का खंडन किया है कि उन्हें अंतरिक्ष में छोड़ देने की योजना थी. विशेषज्ञों की मानें, तो दोनों अंतरिक्ष यात्रियों के वापस लौटने पर उन्हें पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण (Gravity) से अभ्यस्त होने में थोड़ी कठिनाई हो सकती है यानी ग्रैविटी से उन्हें कड़ी चुनौती मिल सकती है.

Authored By: अंशु सिंह

Updated On: Wednesday, February 19, 2025

हाइलाइट्स

  • 19 मार्च को धरती पर होगी सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर की वापसी.
  • दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एवं एलन मास्क के आरोपों का किया खंडन.
  • विलमोर ने कहा कि सभी पूरी तैयारी के साथ गए थे स्पेस में.
  • आठ दिन का था मिशन, लेकिन वापसी हो रही आठ महीने के बाद.
  • स्पेसएक्स के ड्रैगन एयरक्राफ्ट से होगी दोनों की वापसी.

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 19 मार्च को स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से घर वापस आने की तैयारी में हैं. दोनों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क के उन आरोपों का खंडन किया है कि जो बाइडेन (Joe Biden) प्रशासन ने उन्हें अंतरिक्ष में ‘वस्तुतः त्याग’ दिया था. विलमोर ने सीएनएन (CNN) को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘हमें त्यागा हुआ महसूस नहीं होता. हम अटके हुए महसूस नहीं करते. हम असहाय महसूस नहीं करते. मैं समझता हूं कि दूसरे ऐसा क्यों सोचते हैं. हम तैयार होकर आते हैं. हम प्रतिबद्ध होकर आते हैं. यही आपका मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम है. यह हर प्रकार की आकस्मिकताओं के लिए तैयार रहता है, जिनकी हम कल्पना कर सकते हैं और हम उनके लिए तैयारी करते हैं.’ सुनीता ने यहां तक कहा कि वे आइएसएस पर अपने एक्सपीडिशन को पूरा एंजॉय कर रही हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एवं एलन मस्क ने आरोप लगाया है कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को राजनीतिक कारणों से स्पेस में छोड़ दिया गया था.

धरती की ग्रैविटी में वापस आना होगा मुश्किल

सुनीता विलियम्स दो बार पहले भी लंबे वक्त के लिए स्पेस स्टेशन पर रही हैं. उनका कहना है कि अंतरिक्ष में कई महीनों तक भारहीन तैरने के बाद धरती पर जीने की आदत डालना थोड़ा मुश्किल होगा. दरअसल, विलियम्स और विलमोर आठ महीने से अधिक समय से माइक्रोग्रैविटी में हैं. लंबे समय तक स्पेस में तैरने के बाद पृथ्वी पर गुरुत्वाकर्षण में वापस आना मुश्किल हो सकता है. दोनों के शरीर जैसे-जैसे धरती के जीवन के लिए दोबारा से अनुकूलित होंगे, गुरुत्वाकर्षण का खिंचाव उन्हें एक कठोर परिणाम की तरह लग सकता है. विलमोर ने स्वीकार किया है कि पेंसिल उठाने जैसी बुनियादी क्रिया भी कसरत जैसी महसूस हो सकती है. उन्होंने सीएनएन (CNN) को बताया कि गुरुत्वाकर्षण वास्तव में कठिन है. अंतरिक्ष से वापस आने पर यही महसूस होता है. यह सब कुछ निचले छोरों पर खींचना शुरू कर देता है. तरल पदार्थ नीचे की ओर खिंच जाएंगे. यहां तक कि एक पेंसिल उठाना भी कसरत जैसा महसूस होगा. सुनीता भी मानती हैं कि धरती के जीवन से अनुकूलन करना थोड़ा मुश्किल होगा. अचानक होने वाले बदलाव से बेचैनी और भारीपन की भावना पैदा हो सकती है. वैसे, इन चुनौतियों के बावजूद दोनों अपनी वापसी को लेकर आशान्वित हैं.

लंबे अर्से तक अंतरिक्ष में रहने से शारीरिक शक्ति पर होता असर

जब अंतरिक्ष यात्रा तय समय से लंबी हो, तो उसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं. जैसा कि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) ने पहले ही चेतावनी दी है. इसके अलावा, हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, माइक्रोग्रैविटी में लंबे समय तक निष्क्रिय रहने से सेलुलर क्लस्टरिंग और कार्टिलेज का अध:पतन हो सकता है, जो गठिया के दो शुरुआती लक्षण हैं. जैसे-जैसे अंतरिक्ष यात्री अपनी शारीरिक शक्ति वापस पाने का प्रयास करते हैं, इससे वापसी बहुत मुश्किल हो सकती है. दीर्घकालिक अंतरिक्ष उड़ान मानव शरीर विज्ञान को भी महत्वपूर्ण रूप से बदल देती है. माइक्रोग्रैविटी में शरीर के तरल पदार्थ ऊपरी शरीर की ओर आकर्षित होते हैं, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर “पफी फेस सिंड्रोम” होता है. हालांकि, अंतरिक्ष यात्रियों के पृथ्वी पर लौटने के बाद ये तरल पदार्थ कम मात्रा में वितरित होते हैं, जिससे पैरों में सूजन और भारीपन जैसा एहसास होता है.

हड्डियां एवं मांसपेशियां हो सकतीं कमजोर

हड्डियों के घनत्व में कमी और मांसपेशियों में शोष भी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं. अध्ययनों के अनुसार, अंतरिक्ष में रहने के दौरान अंतरिक्ष यात्री हर महीने अपनी हड्डियों के द्रव्यमान का एक से दो प्रतिशत तक खो सकते हैं. जब मांसपेशियों का उपयोग शरीर के वजन को उठाने के लिए नहीं किया जाता है, तो वे भी कमजोर हो जाती हैं. इतना ही नहीं, हृदय में समायोजन से स्थिति और भी खराब हो जाती है. सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में कम प्रयास के लिए समायोजित होने के बाद हृदय को अचानक पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे कभी-कभी थकावट और चक्कर आते हैं. इसके अतिरिक्त, अस्थायी भटकाव और चलने में परेशानी वेस्टिबुलर प्रणाली में असामान्यताओं के कारण हो सकती है, जो आंतरिक कान का वह क्षेत्र है जो संतुलन को नियंत्रित करता है.

सुनीता-बुच को रिकवरी के लिए करने होंगे कठोर अभ्यास

वैसे, सुनीता विलियम्स और विलमोर को उनकी ताकत और गतिशीलता हासिल करने में सहायता करने के लिए नासा द्वारा एक कठोर पुनर्वास कार्यक्रम विकसित किया गया है. मांसपेशियों की ताकत को बहाल करने के लिए उन्हें अपनी रिकवरी के दौरान कठोर शारीरिक उपचार से गुजरना होगा, जिसमें प्रतिरोध प्रशिक्षण और संतुलन अभ्यास शामिल होंगे. इसके अलावा, कार्डियोवैस्कुलर कंडीशनिंग आवश्यक होगी, जिसमें अंतरिक्ष यात्री ट्रेडमिल और साइकिल पर व्यायाम के माध्यम से हृदय की कार्यप्रणाली को पुनः प्राप्त करेंगे. वहीं, न्यूरोलॉजिकल थेरेपी उन्हें संतुलन और समन्वय को बहाल करने में मदद करेगी. जबकि कैल्शियम और विटामिन डी से भरपूर आहार हड्डियों को ठीक करने में सहायता करेगा.

सबसे लंबा स्पेसवॉक करने का सुनीता ने बनाया रिकॉर्ड

सुनीता और उनकी टीम ने आइएसएस में रहते हुए कई प्रयोग किए. उन्होंने पेड़ों को पानी दिया. अल्ट्रासाउंड असिस्टेड वेन स्कैन के जरिये शरीर पर माइक्रोग्रैविटी के प्रभाव को समझने के लिए भी प्रयोग किए. सुनीता ने तो कुल 62 घंटे 6 मिनट स्पेसवॉक कर एक नया रिकॉर्ड बनाया. किसी महिला द्वारा बनाया गया यह रिकॉर्ड अपने आपमें अभूतपूर्व रहा. इससे पहले यह रिकॉर्ड पेगी विटसन के नाम था. फिलहाल, योजना के मुताबिक 12 मार्च को क्रू 10 (Crew 10) लॉन्च होगा और 19 मार्च को दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी होगी. आपको याद दिला दें कि जून 2024 में सुनीता विलियम्स और विल्मोर बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान पर रवाना हुए थे. उनका मिशन सिर्फ आठ दिन का था, जो स्पेसक्राफ्ट स्टारलाइनर में आई तकनीकी खराबी के कारण आठ महीने तक खींच गया.

About the Author: अंशु सिंह
अंशु सिंह पिछले बीस वर्षों से हिंदी पत्रकारिता की दुनिया में सक्रिय रूप से जुड़ी हुई हैं। उनका कार्यकाल देश के प्रमुख समाचार पत्र दैनिक जागरण और अन्य राष्ट्रीय समाचार माध्यमों में प्रेरणादायक लेखन और संपादकीय योगदान के लिए उल्लेखनीय है। उन्होंने शिक्षा एवं करियर, महिला सशक्तिकरण, सामाजिक मुद्दों, संस्कृति, प्रौद्योगिकी, यात्रा एवं पर्यटन, जीवनशैली और मनोरंजन जैसे विषयों पर कई प्रभावशाली लेख लिखे हैं। उनकी लेखनी में गहरी सामाजिक समझ और प्रगतिशील दृष्टिकोण की झलक मिलती है, जो पाठकों को न केवल जानकारी बल्कि प्रेरणा भी प्रदान करती है। उनके द्वारा लिखे गए सैकड़ों आलेख पाठकों के बीच गहरी छाप छोड़ चुके हैं।
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