बाकू में पर्यावरण का महाकुंभ, इन मुद्दों पर होगी बात
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, November 11, 2024
Updated On: Monday, November 11, 2024
पर्यावरण महाकुंभ, जो बाकू (अज़रबैजान) में आयोजित हो रहा है, में दुनिया भर के प्रमुख पर्यावरणविद, नीति निर्माता, और वैज्ञानिक एकत्रित होंगे। इस आयोजन का उद्देश्य वैश्विक पर्यावरणीय संकटों के समाधान के लिए सामूहिक रूप से विचार-विमर्श करना है। इस महाकुंभ में पर्यावरण से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा होगी।
यह महाकुंभ न केवल पर्यावरणीय संकटों से निपटने के लिए समाधान खोजने का अवसर होगा, बल्कि यह वैश्विक समुदाय के लिए एकजुटता और सहयोग का प्रतीक भी बनेगा। मुख्य मुद्दों में शामिल हैं:
- जलवायु परिवर्तन और वैश्विक तापन: वैज्ञानिक और नीति विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के प्रभावों और इससे निपटने के उपायों पर चर्चा करेंगे। इसमें वैश्विक तापन को रोकने के लिए कार्बन उत्सर्जन को कम करने की रणनीतियों पर जोर दिया जाएगा।
- प्लास्टिक प्रदूषण: समुद्रों और जल स्रोतों में बढ़ते प्लास्टिक कचरे से निपटने के उपायों पर मंथन होगा। इससे जुड़े कानूनी और प्रौद्योगिकी उपायों पर भी विचार किया जाएगा।
- Biodiversity संरक्षण: जैव विविधता के संरक्षण और विभिन्न प्रजातियों के विलुप्त होने को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
- सतत विकास और पर्यावरणीय नीतियाँ: विभिन्न देशों द्वारा अपनाई जा रही सतत विकास नीतियों और पर्यावरण संरक्षण के उपायों पर चर्चा होगी।
- हरित ऊर्जा और नवाचार: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौर, पवन, और जल ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और इनसे संबंधित तकनीकी नवाचारों पर बात की जाएगी।
पीएम मोदी नहीं लेंगे हिस्सा
भारत की ओर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) इस सम्मेलन में भाग नहीं लेंगे और केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Environment Minister Bhupendra Yadav) भी अनुपस्थित रह सकते हैं। ऐसी स्थिति में केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री कीर्ति वर्धन सिंह 19 सदस्यीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। सम्मेलन में भारत को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए 18-19 नवंबर का समय दिया गया है।
तालिबान पहली बार लेगा हिस्सा, संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में होगा शामिल
वर्ष 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान पहली बार संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में हिस्सा लेगा। हालांकि, तालिबान को अभी तक अफगानिस्तान के वैध शासक के रूप में आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है, लेकिन अफगानिस्तान की राष्ट्रीय पर्यावरण संरक्षण एजेंसी ने जानकारी दी कि एक तकनीकी प्रतिनिधिमंडल सम्मेलन में भाग लेने के लिए बाकू, अज़रबैजान गया है।
एजेंसी के प्रमुख मतिउल हक खलीस ने बताया कि तालिबान का प्रतिनिधिमंडल इस सम्मेलन का उपयोग पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग को मजबूत करने और जलवायु अनुकूलन प्रयासों पर चर्चा करने के लिए करेगा। यह कदम तालिबान के लिए पर्यावरणीय चिंताओं पर वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका को स्थापित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
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