World AIDS Day2024: खत्म होना चाहिए एड्स के इलाज से जुड़े मिथ और स्टिग्मा

World AIDS Day2024: खत्म होना चाहिए एड्स के इलाज से जुड़े मिथ और स्टिग्मा

Authored By: स्मिता

Published On: Friday, November 29, 2024

Updated On: Friday, November 29, 2024

world aids day 2024
world aids day 2024

एड्स के इलाज से जुड़े मिथ और स्टिग्मा को खत्म करना, स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना और एक सपोर्टिव समाज को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। पूरे समाज को साथ मिलकर इस मिथ को खत्म करना चाहिए। इससे प्रत्येक व्यक्ति को वह सम्मान, देखभाल और स्वीकृति मिल सकेगी, जिसके वे हकदार हैं।

Authored By: स्मिता

Updated On: Friday, November 29, 2024

कुछ रोग ऐसे होते हैं, जिनमें इम्यून सिस्टम किसी भी इन्फेक्शन का मुकाबला करने में नाकामयाब हो जाता है। इसके कारण व्यक्ति की मौत भी हो सकती है। एड्स ऐसा ही जानलेवा रोग है। इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है। एड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है। यह तब होता है जब वायरस के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है। अमेरिका में एचआईवी से पीड़ित अधिकांश लोगों में एड्स नहीं होता है, क्योंकि डॉक्टर के निर्धारित किए अनुसार एचआईवी दवा लेने से रोग की प्रगति रुक जाती है। जानते हैं इस अवसर पर (WorldAIDSDay2024) एक्सपर्ट क्या कहते हैं?

वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day 2024-1 December)

वर्ल्ड एड्स डे हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है। यह पहली बार 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एचआईवी/एड्स महामारी पर वैश्विक ध्यान केंद्रित करने, जागरूकता बढ़ाने और एड्स से मरने वालों को याद करने के लिए की गई थी।

इलाज से जुड़े मिथ और स्टिग्मा को खत्म करने की प्राथमिकता

मनस्थली संस्था की फाउंडर-डायरेक्टर और सीनियर साइकिएट्रिस्ट और साइकोथेरेपिस्ट डॉ. ज्योति कपूर बताती हैं, ‘एड्स के इलाज से जुड़े मिथ और स्टिग्मा को खत्म करना, स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना और एक सपोर्टिव समाज को बढ़ावा देना बहुत जरूरी है। एड्स संबंधी मिथ के कारण रोगी के इलाज़ में देरी हो जाती है और सामजिक अलगाव जैसे हालात को बढ़ावा मिलता है। इससे रोगी की मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं और बढ़ जाती हैं। जागरूकता, सहानुभूति और शिक्षा को बढ़ावा देकर हम इस डर को समझ से बदल सकते हैं। इससे व्यक्ति बिना किसी संकोच के समय पर देखभाल प्राप्त कर सकता है। मानसिक स्वास्थ्य की सहायता प्राप्त करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इससे पीड़ितों को अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने, समय के साथ अपने जीवन को फिर से जीने में मदद मिलती है। पूरे समाज को साथ मिलकर इस मिथ को खत्म करना चाहिए। इससे प्रत्येक व्यक्ति को वह सम्मान, देखभाल और स्वीकृति मिल सकेगी, जिसके वे हकदार हैं।”

वर्ल्ड एड्स डे की थीम (WorldAIDSDay2024 theme)

1 दिसंबर 2024 को मनाये जा रहे वर्ल्ड एड्स डे की थीम (WorldAIDSDay2024 theme) है-“सही रास्ते पर चलें (Take the rights path)।” एड्स से जुड़े स्टिग्मा और भेदभाव से निपटने के लिए लाल रिबन पहनना एक सरल और रणनीति है। इसलिए रेड रिबन अब एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों के लिए एकजुटता और समर्थन का सार्वभौमिक प्रतीक हो गया है। लाल रंग ब्लड से जुड़ाव का प्रतीक है। इस परियोजना को रेड रिबन प्रोजेक्ट के रूप में जाना जाने लगा।

एचआईवी का कोशिका पर हमला (HIV for infection)

एचआईवी (HIV -human immunodeficiency virus) एक वायरस है, जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करने वाली कोशिकाओं पर हमला करता है। इससे व्यक्ति अन्य संक्रमणों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। यह एचआईवी से पीड़ित व्यक्ति के कुछ शारीरिक तरल पदार्थों के संपर्क में आने से फैलता है। आम तौर पर असुरक्षित यौन संबंध (एचआईवी को रोकने या उसका इलाज करने के लिए बिना कंडोम या एचआईवी मेडिसिन के सेक्स) या इंजेक्शन ड्रग इक्विपमेंट साझा करने के माध्यम से यह हो जाता है।एड्स एचआईवी संक्रमण का अंतिम चरण है, जिसमें वायरस के कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है।

यह भी पढ़ें : World AIDS Day 2024: लाखों लोग हैं एचआईवी पॉजिटिव, सही रास्ते पर चलना है इसकी थीम

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।

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