बढ़ती ठंड में रखें ब्लडप्रेशर पर नियंत्रण

बढ़ती ठंड में रखें ब्लडप्रेशर पर नियंत्रण

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Published On: Friday, December 6, 2024

Updated On: Friday, December 6, 2024

बढ़ती ठंड के मौसम में ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि बढ़ा हुआ बीपी दिल के दौरे (हार्ट अटैक) का खतरा बढ़ा सकता है। सर्दियों में बढ़ते बीपी और हार्ट अटैक के खतरों को गंभीरता से लेना चाहिए। नियमित जांच, स्वस्थ जीवनशैली और सावधानियां अपनाकर इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है...

Authored By: अरुण श्रीवास्तव

Updated On: Friday, December 6, 2024

हाइलाइट्स

  • बीपी यानी रक्तचाप नियंत्रित न रहने पर हो सकता है हार्ट अटैक का खतरा
  • हार्ट अटैक से बचने के लिए कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखना है जरूरी
  • सर्दियों में तापमान गिरने के साथ शरीर की रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है और दिल को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। नतीजतन ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।

सर्दियों के मौसम में ब्लड प्रेशर (बीपी) बढ़ने की घटनाएं आम होती हैं। यह स्थिति खासतौर पर उन लोगों के लिए खतरनाक हो सकती है, जो पहले से ही दिल की बीमारियों से जूझ रहे हैं। इस मौसम में ब्लड प्रेशर को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि बढ़ा हुआ बीपी दिल के दौरे (हार्ट अटैक) का खतरा बढ़ा सकता है। सर्दियों में बढ़ते बीपी और हार्ट अटैक के खतरों को गंभीरता से लेना चाहिए। नियमित जांच, स्वस्थ जीवनशैली और सावधानियां अपनाकर इस जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है। हार्ट अटैक से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है सतर्क रहना और समय पर इलाज करना। आइए जानें इससे जुड़ी वजहें, लक्षण और बचाव के तरीके।

सर्दियों में बीपी क्यों बढ़ता है?

सर्दियों में तापमान गिरने के साथ शरीर की रक्त धमनियां सिकुड़ जाती हैं। इससे रक्त प्रवाह में बाधा उत्पन्न होती है और दिल को रक्त पंप करने में अधिक मेहनत करनी पड़ती है। नतीजतन ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। सर्दियों में बीपी बढ़ने की मुख्य वजहें ठंड के मौसम में शादियों और त्योहारों के दौरान अत्यधिक तला-भुना और नमकीन भोजन किया जाता है। यह सोडियम के स्तर को बढ़ाकर बीपी को नियंत्रित करने वाली प्रक्रियाओं में बाधा डालता है। ठंड के कारण लोग अक्सर शारीरिक गतिविधियां कम कर देते हैं। नियमित व्यायाम न करने से वजन बढ़ता है और ब्लड प्रेशर अनियंत्रित हो जाता है। सर्दियों में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ जाता है, जो सांस की समस्याएं पैदा करता है। यह स्थिति ब्लड प्रेशर और दिल की समस्याओं को बढ़ा सकती है।

हार्ट अटैक के लक्षण:

हार्ट अटैक के लक्षणों को समय रहते पहचानना बेहद जरूरी है। इसके मुख्य लक्षण हैं:

  • सीने में तेज दर्द: खासतौर पर बाएं हिस्से में दबाव या भारीपन महसूस होना।
  • सांस फूलना: हल्का काम करने पर भी सांस लेने में दिक्कत होना।
  • थकान और कमजोरी: बिना किसी वजह के लगातार थका हुआ महसूस करना।
  • चक्कर आना और पसीना आना: खासतौर पर ठंडे पसीने का आना।
  • हाथों और कंधों में दर्द: यह दर्द बाएं हाथ या दोनों कंधों तक फैल सकता है।

यदि इन लक्षणों में से कोई भी दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

हार्ट अटैक के कारण:

हार्ट अटैक होने के मुख्य कारणों में शामिल हैं:

  1. ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना।
  2. धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन।
  3. मोटापा और अनियमित जीवनशैली।
  4. तनाव और नींद की कमी।
  5. आनुवांशिक कारण।

सर्दियों में दिल का ख्याल कैसे रखें ?

निम्न उपाय अपनाकर हार्ट अटैक और अन्य दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है:

  • बीपी और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच करें।
  • स्वस्थ आहार लें: ज्यादा नमक, तला-भुना और फैटी फूड से परहेज करें। फल, सब्जियां और साबुत अनाज को अपनी डाइट में शामिल करें।
  • नियमित व्यायाम करें: सुबह की सैर या योग करें। ठंड के बावजूद शारीरिक गतिविधियां बंद न करें।
  • धूम्रपान और शराब से बचें।
  • तनाव को कम करें: मेडिटेशन और रिलैक्सेशन तकनीकों का उपयोग करें।

ठंड से बचाव करें: गर्म कपड़े पहनें और शरीर को गर्म रखें।

हार्ट अटैक का इलाज और आपातकालीन उपाय:

हार्ट अटैक होने पर तुरंत निम्न कदम उठाने चाहिए:

  1. मरीज को आरामदायक स्थिति में लिटाएं।
  2. एम्बुलेंस बुलाएं और जितना जल्दी हो सके अस्पताल पहुंचाएं।
  3. एस्पिरिन जैसी दवा देने से मदद मिल सकती है, लेकिन यह डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
  4. अस्पताल में ईसीजी, एंजियोग्राफी और अन्य जांच के बाद स्थिति के अनुसार दवाइयां, एंजियोप्लास्टी या बाईपास सर्जरी की जाती है।

(डॉक्टर समीर गुप्ता से बातचीत पर आधारित)

डॉ. समीर गुप्ता
कार्डियोलॉजिस्ट, मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा

dr sameer gupta cardiologist

अरुण श्रीवास्तव पिछले करीब 34 वर्ष से हिंदी पत्रकारिता की मुख्य धारा में सक्रिय हैं। लगभग 20 वर्ष तक देश के नंबर वन हिंदी समाचार पत्र दैनिक जागरण में फीचर संपादक के पद पर कार्य करने का अनुभव। इस दौरान जागरण के फीचर को जीवंत (Live) बनाने में प्रमुख योगदान दिया। दैनिक जागरण में करीब 15 वर्ष तक अनवरत करियर काउंसलर का कॉलम प्रकाशित। इसके तहत 30,000 से अधिक युवाओं को मार्गदर्शन। दैनिक जागरण से पहले सिविल सर्विसेज क्रॉनिकल (हिंदी), चाणक्य सिविल सर्विसेज टुडे और कॉम्पिटिशन सक्सेस रिव्यू के संपादक रहे। राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, साहित्य, संस्कृति, शिक्षा, करियर, मोटिवेशनल विषयों पर लेखन में रुचि। 1000 से अधिक आलेख प्रकाशित।

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