क्या तमिलनाडु फिर से Dravidian Movement 2.0 की ओर बढ़ रहा है?

क्या तमिलनाडु फिर से Dravidian Movement 2.0 की ओर बढ़ रहा है?

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Wednesday, February 26, 2025

Updated On: Wednesday, February 26, 2025

तमिलनाडु में द्रविड़ आंदोलन 2.0 की संभावित वापसी

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भाषा विवाद पर अपना रुख फिर से दोहराया है. उन्होंने कहा कि केंद्र द्वारा कथित हिंदी थोपे जाने पर नए सिरे से तनाव उत्पन्न होगा. हम हिंदी नहीं थोपा जा सकता. तमिलनाडु एक और ‘भाषा युद्ध’ के लिए तैयार है.

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Wednesday, February 26, 2025

हाईलाइट

  • मुख्यमंत्री स्टालिन ने ‘एक और भाषा युद्ध’ की चेतावनी दी.
  • तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी डीएमके ने केंद्र की भाषा नीति का विरोध किया है.
  • वहीं भाजपा अध्यक्ष अन्नामलाई ने डीएमके पर पाखंड करने का आरोप लगाया है.

Dravidian Movement 2.0: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार द्वारा ‘हिंदी थोपे जाने’ के खिलाफ अपना कड़ा रुख फिर से दोहराया है. उन्होंने यहां तक घोषणा कर दी है कि यदि आवश्यक हुआ तो राज्य ‘एक और भाषा युद्ध’ के लिए तैयार है. दरअसल, उन्होंने यह टिप्पणी केंद्र की नई शिक्षा नीति में शामिल ‘तीन-भाषा नीति’ पर बढ़ती चिंताओं के बीच की है.

मुख्यमंत्री एमके स्टालिन तमिलनाडु सरकार के साथ-साथ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) का नेतृत्व करते हैं. वहीं डीएमके लगातार तीन-भाषा नीति का विरोध किया है. वह तमिलनाडु में तमिल और अंग्रेजी दो भाषा ही चाहता है. डीएमके का आरोप है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार नई शिक्षा नीति के बहाने राज्य पर हिंदी थोपने का प्रयास कर रही है. सत्तारूढ़ पार्टी (डीएमके) ने जब तीन भाषा का जिक्र होता है तो वह केंद्र को 1965 के हिंदी विरोधी आंदोलन का हवाला देता है. उस दौरान तमिलनाडु में हिंदी थोपने का आरोप लगाते हुए द्रविड़ आंदोलन ने सफलता हासिल किया था.

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नई शिक्षा नीति की जब भी बात होती है तो हिंदी थोपे जाने के बहाना बनाकर डीएमके कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आते हैं. पिछले कुछ दिनों से तमिलनाडु में भाषा पर विवाद छिड़ा हुआ है. इस पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन भी कई बार भड़काने वाला बयान दे चुके हैं. भाषा विवाद को स्टालिन परिसीमन और जनसंख्या आदि से भी जोड़कर आम लोगों की भावनाओं को उकसा रहे हैं.

सचिवालय में कैबिनेट की बैठक के बाद स्टालिन ने बताया कि परिसीमन मुद्दे पर चर्चा के लिए 5 मार्च को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन नीतियों को लागू करने में तमिलनाडु सफल रहा. अब इसका हर्जाना कम से कम आठ लोकसभा सीटें खोकर देना पड़ सकता है. ऐसा होने पर हमारे पास मौजूदा 39 के बजाय केवल 31 सांसद रह जाएंगे.
स्टालिन ने यह भी तर्क दिया कि परिसीमन से न केवल तमिलनाडु का प्रतिनिधित्व कम होगा, बल्कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), एनईईटी और केंद्रीय निधि आवंटन जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दों पर चिंताओं को व्यक्त करने की राज्य की क्षमता भी प्रभावित होगी.

स्टालिन के भाषा विवाद पर दिए बयान में तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख अन्नामलाई ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने डीएमके पर कटाक्ष करते हुए कहा कि डीएमके के जो लोग पेंट के डिब्बे लेकर घूम रहे हैं. उनके नेता हिंदी और अंग्रेजी के बीच का अंतर स्पष्ट करना भूल गए हैं. स्टालिन भाषा के नाम पर सिर्फ पाखंड कर रहे हैं.

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।
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