मंडी लोकसभा की क्वीन बनी कंगना (Kangana)

मंडी लोकसभा की क्वीन बनी कंगना (Kangana)

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Published On: Thursday, June 6, 2024

Updated On: Thursday, June 27, 2024

mandi ki queen bani kangana
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हिमाचल प्रदेश में सबसे हॉट सीट मंडी से बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत और हिमाचल के राजा (King) विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) के बीच मुकाबला था। इस मुकाबले में क्वीन रानौत ने राजा विक्रमादित्य को जबरदस्त पटखनी दी है। जिससे विक्रमादित्य को हार का सामना करना पड़ा है।

Authored By: गुंजन शांडिल्य

Updated On: Thursday, June 27, 2024

माना जा रहा है कि कंगना की जीत में सबसे बड़ी भूमिका पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Jai Ram Thakur) ने निभाई है। यह लोकसभा सीट उनके क्षेत्र में आता है। पार्टी हाईकमान ने भी इस सीट के लिए जयराम ठाकुर को प्रभारी बनाया था। ठाकुर पार्टी हाईकमान के उम्मीदों पर खरे उतरे। चुनाव के दौरान उन्होंने इस सीट पर खूब पसीना बहाया। इसका नतीजा सुखद रहा। हालांकि विक्रमादित्य सिंह ने भी काफी मेहनत किया है लेकिन नतीजा क्वीन रनौत के पक्ष में आया।

चुनाव आयोग (Election Commission) के आंकड़े के मुताबिक इस सीट पर कुल 10 लाख 18 हजार से कुछ ज्यादा मत पड़े थे। भाजपा की कंगना रनौत को करीब 53 प्रतिशत यानी 537022 वोट मिले। वहीं कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह को करीब 46 प्रतिशत (4,62,267 वोट) लोगों का मिला। इस तरह कंगना ने विक्रमादित्य सिंह को 74,755 मतों से हराया। कंगना की इस जीत के कई कारण बताये जा रहे हैं। सबसे बड़ा कारण मोदी फैक्टर को माना जा रहा है। मोदी फैक्टर बेशक उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और बिहार में न चला हो लेकिन उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे हिमालयी राज्यों में काम कर दिया। तभी तो हिमाचल की सभी चार सीटें भाजपा की झोली में गिरी। मंडी सीट भाजपा के टफ माना जा रहा था क्योंकि यह कांग्रेस (Congress) के दिग्गज नेता रहे वीरभद्र सिंह का गृह जनपद है। वे और उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह कई बार इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चूकी हैं। विक्रमादित्य सिंह वीरभद्र सिंह के बेटे हैं।

भाजपा (BJP) के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने यहां कंगना का पूरा साथ दिया। जयराम ठाकुर का भी यह गृह जनपद है। जयराम ठाकुर ने यहां काफी मेहनत किया। इनके साथ मंडी लोकसभा (Mandi Constituency) के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों के भाजपा विधायकों को अपने-अपने क्षेत्रों में लगाया गया था। इस लोकसभा सीट में कुल 17 विधानसभा क्षेत्र आता है। इसमें मंडी जिले के सभी नौ और चंबा के भरमौर और कुल्लू के बंजार और आनी सीट पर भाजपा का कब्ज़ा है।

यहां के भाजपा विधायकों ने भी अपने क्षेत्रों में काम किया। कंगना को भाजपा विधायकों वाले विधानसभा में अच्छी बढ़त मिली। वरिष्ठ पत्रकार अमरीक सिंह बताते हैं, ‘कंगना को भाजपा विधायकों वाले सीट के अलावा कांग्रेस विधायकों वाले सीट पर भी बढ़त मिली है। कुल्लू-मनाली सीट कांग्रेस के पास है फिर भी यहां से कंगना ने बढ़त बनाई। इसका मुख्यमंत्री कारण रहा मुख्यमंत्री सुक्खू और विक्रमादित्य सिंह के बीच अनबन।’

कंगना का महिला प्रत्याशी होने के नाते भी लाभ मिला। यहां महिला मतदाताओं ने बढचढकर वोटिंग की। महिला होने के कंगना को यहां महिलाओं का साथ मिला। इसके अलावा पूरे चुनाव प्रचार के दौरान कंगना हिमाचली परिधानों में रही। सिर्फ यही नहीं प्रचार के दौरान कंगना कहीं से भी नहीं लगी की वह बॉलीवुड की क्वीन है। वह हिमाचली संस्कृति (Himachali Culture) में रचबस गई। कंगना का यह रूप वहां के लोगों को भा गया। इसका भी लाभ कंगना को मिला। अंततः कंगना अपनी पहली चुनाव जीत कर संसद पहुंच गई। जीत के बाद कंगना रनौत ने कहा, ‘उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नाम पर वोट मांगे थे। मंडी की जनता ने मुझ से ज्यादा प्रधानमंत्री पर भरोसा जताया है। मैं यहां मंडी की जनता और प्रधानमंत्री की प्रतिनिधि बनकर रहूंगी।’ इन जीत के लिए उन्होंने मंडी की पूरी जनता का आभार जताया।

गुंजन शांडिल्य समसामयिक मुद्दों पर गहरी समझ और पटकथा लेखन में दक्षता के साथ 10 वर्षों से अधिक का अनुभव रखते हैं। पत्रकारिता की पारंपरिक और आधुनिक शैलियों के साथ कदम मिलाकर चलने में निपुण, गुंजन ने पाठकों और दर्शकों को जोड़ने और विषयों को सहजता से समझाने में उत्कृष्टता हासिल की है। वह समसामयिक मुद्दों पर न केवल स्पष्ट और गहराई से लिखते हैं, बल्कि पटकथा लेखन में भी उनकी दक्षता ने उन्हें एक अलग पहचान दी है। उनकी लेखनी में विषय की गंभीरता और प्रस्तुति की रोचकता का अनूठा संगम दिखाई देता है।

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