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Lancet Report: भारत के 14 लाख बच्चों को नहीं मिला DTP का जीवन रक्षक टीका
Lancet Report: भारत के 14 लाख बच्चों को नहीं मिला DTP का जीवन रक्षक टीका
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, June 26, 2025
Last Updated On: Thursday, June 26, 2025
प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में दुनिया भर में 1.57 करोड़ बच्चों को जीवन रक्षक डीटीपी (डिप्थीरिया, टेटनस, और पटूंसिस) वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी. जीवनरक्षक टीका नहीं लगने वाले बच्चों में भारत के 14 लाख बच्चे भी शामिल थे.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Thursday, June 26, 2025
Lancet Report: प्रतिष्ठित मेडिकल जर्नल लैंसेट में प्रकाशित हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में दुनिया भर में 1.57 करोड़ बच्चे ऐसे थे, जिन्हें जीवन रक्षक DTP (डिप्थीरिया, टेटनस, और पटूंसिस) वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी. इनमें से 14 लाख बच्चे भारत के थे. रिपोर्ट बताती है कि दुनिया के आधे से अधिक जीरो-डोज बच्चे सिर्फ 8 देशों में हैं. इनमें भारत, नाइजीरिया, ब्राजील, इंडोनेशिया, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, सूडान और सोमालिया शामिल हैं.
स्वास्थ्य व्यवस्था में निवेश की कमी
इन देशों में लंबे समय से स्वास्थ्य व्यवस्था में निवेश की कमी, राजनीतिक अस्थिरता और शिक्षा की कमी बताई जा रही है. ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज 2023 भसीन कवरेज कोलैबोरेटर टीम ने इस में 1980 से 2023 के बीच 204 और क्षेत्रों में 11 वैक्सीन डोज की रेंज का विश्लेषण
किया है. रिपोर्ट बताती है कि टीकाकरण में 50 वर्षों में प्रगति हई है, लेकिन असमानता गहरी है.
महामारी का खतरा
- कोरोना, गलत सूचना और राजनीतिक इच्छा शक्ति की कमी ने इस प्रगति को धीमा कर दिया है. रिपोर्ट चेतावनी देती कि अगर यह समस्या दूर नहीं हुई तो खसरा, पोलियो व डिप्थीरिया जैसे रोग फिर से महामारी का रूप ले सकते हैं.
- 100 देशों में खसरा वैक्सीनेशन दर गिरी
जीरो डोज बच्चों की अधिकता
1980 में दुनिया भर में 5.88 करोड़ बच्चे ऐसे थे, जिन्हें कोई भी बचपन का वैक्सीनेशन नहीं मिला था. इनमें से 53.5% बच्चे केवल पांच देशों भारत, चीन, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और बांग्लादेश से थे. चार दशकों में वैश्विक स्तर पर वैक्सीनेशन कवरेज दोगुना हुआ है. 2019 तक जीरो डोज बच्चों की संख्या घटकर 1.47 करोड़ रह गई. 2010 के बाद से यह गति कई देशों में धीमी हो गई है.
खसरा वैक्सीनेशन के दर में भारी कमी
2010 से 2019 के बीच 204 में से 100 देशों में खसरा वैक्सीनेशन दर गिरी. यहां तक कि उच्च-आय वाले 36 में से 21 देशों में भी वैक्सीनेशन की दर में बहुत कमी आई है. यह दर्शाता है कि वैक्सीनेशन अब सिर्फ निम्न और मध्यम आय वाले देशों की चुनौती नहीं रह गई, बल्कि वैश्विक चिंता बन चुकी है.
वैक्सीनेशन का लक्ष्य है कोसों दूर
संयुक्त राष्ट्र और डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य है कि 2030 तक ‘जीरो डोज’ बच्चों की संख्या को 2019 की तुलना में आधा किया जाए. लैंसेट की रिपोर्ट बताती है कि अब तक सिर्फ 204 में से 18 देश ही इस लक्ष्य को प्राप्त कर पाए हैं. अफ्रीका और दक्षिण एशिया के देशों में यह संकट और गंभीर है.
वैक्सीनेशन में गिरावट के कारण?
रिपोर्ट में वैक्सीनेशन में गिरावट के पीछे कोविड महामारी के बाद हेल्थ सिस्टम पर बढ़ा बोझ बताया गया है. सुडान और डीआर कांगो में राजनीतिक अस्थिरता और देश का युद्धग्रस्त होना भी वजह है. साथ ही टीकाकरण पर खर्च कम करना या प्राथमिकता में न रखना व हेल्थ वर्कर्स की कमी भी वजह है.