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क्या क्रैश डाइटिंग के बिना कम करना चाहते हैं पेट की चर्बी? कार्डियोलॉजिस्ट ने बताया सबसे तेज तरीका
Authored By: Galgotias Times Bureau
Published On: Wednesday, November 5, 2025
Last Updated On: Wednesday, November 5, 2025
अगर आप जल्दी और सुरक्षित तरीके से पेट की चर्बी कम करना चाहते हैं, तो हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप जमनादास का सुझाव है कि सही उपवास दिनचर्या अपनाएं. वे बताते हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग न सिर्फ़ वजन घटाने में मदद करती है, बल्कि दिल को भी स्वस्थ रखती है.
Authored By: Galgotias Times Bureau
Last Updated On: Wednesday, November 5, 2025
Lose Belly Fat Fast: अगर आप नियमित डाइटिंग और एक्सरसाइज के बावजूद पेट की चर्बी घटाने में नाकाम हैं, तो इसकी वजह ‘आंतरिक चर्बी’ हो सकती है. यह चर्बी पेट के अंदरूनी हिस्से में जमा होती है, जो बाहर से दिखती नहीं लेकिन धीरे-धीरे दिल और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाती है. ऑरलैंडो के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप जमनादास, जिनके पास 31 साल से ज्यादा का अनुभव है, बताते हैं कि इसे घटाने के लिए सिर्फ कैलोरी कम करना या जिम जाना काफी नहीं है. उन्होंने एक पॉडकास्ट में पेट की अंदरूनी चर्बी घटाने के सबसे तेज और टिकाऊ तरीकों को साझा किया.
पेट की चर्बी घटाने के लिए सही उपवास तरीका क्या है?
डॉ. प्रदीप जमनादास के अनुसार, अगर आपका लक्ष्य सिर्फ़ आंतरिक चर्बी कम करना है, तो शुरुआत 12-12 उपवास से करें. यानी दिन के 12 घंटे कुछ न खाएं, सिर्फ़ पानी, ब्लैक कॉफ़ी, ब्लैक टी या ग्रीन टी जैसी बिना कैलोरी वाली चीज़ें लें और बाकी 12 घंटे सामान्य रूप से खाएं.
वे सलाह देते हैं कि इसे दो से तीन हफ़्ते तक अपनाएं ताकि शरीर धीरे-धीरे इस रूटीन के अनुसार ढल सके. इसके बाद आप 18-6 उपवास अपना सकते हैं, जिसमें 18 घंटे का उपवास और 6 घंटे का खाने का समय होता है. यह तरीका पेट की चर्बी घटाने और इंसुलिन को बेहतर ढंग से नियंत्रित करने में मदद करता है.
डायबिटीज और मोटापा घटाने के लिए उपवास का सही तरीका
डॉ. प्रदीप जमनादास का मानना है कि अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह या गंभीर मोटापा है, तो उसे सामान्य उपवास की बजाय थोड़ी सख्त और योजनाबद्ध दिनचर्या की जरूरत होती है. वे कहते हैं, ‘अगर किसी मरीज का वजन बहुत ज़्यादा है या उसे डायबिटीज है और वह इसे कंट्रोल या उलटना चाहता है, तो मैं हफ़्ते में एक बार 48 घंटे का उपवास करवाता हूँ. ‘
कभी-कभी वे हर नौ दिन में तीन दिन का जल उपवास (Water Fast) भी करवाते हैं. इस दौरान व्यक्ति सिर्फ़ पानी, ब्लैक कॉफी या ग्रीन टी ले सकता है, और बाकी दिनों में OMAD (One Meal A Day) यानी दिन में सिर्फ़ एक बार भोजन की सलाह दी जाती है.
डॉ. जमनादास कहते हैं, उपवास का मतलब भूखे रहना नहीं, बल्कि शरीर को आराम देना है ताकि वह जमा वसा को ऊर्जा में बदल सके. धीरे-धीरे शुरू करें, शरीर को सुनें और हमेशा हाइड्रेटेड रहें. उनके मुताबिक, सही तरीके से किया गया उपवास पेट की चर्बी घटाने, ब्लड शुगर संतुलित करने और दिल को स्वस्थ रखने का एक असरदार तरीका है.
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