इनकम कम है तो भी भरें ITR, जानें क्या होते हैं इसके फायदे

Authored By: Suman

Published On: Monday, August 4, 2025

Last Updated On: Monday, August 4, 2025

ITR 2025 फाइल करने के फायदे कम आय वालों के लिए
ITR 2025 फाइल करने के फायदे कम आय वालों के लिए

बहुत से लोग सोचते हैं कि उनकी सैलरी तो कम है, टैक्स भी नहीं कटता तो भला उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत क्या है. लेकिन यह सोच सही नहीं है.

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Last Updated On: Monday, August 4, 2025

ITR 2025: इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने का सीजन आ गया है. बहुत से लोग सोचते हैं कि उनकी सैलरी तो कम है, टैक्स भी नहीं कटता तो भला उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न भरने की जरूरत क्या है. लेकिन यह सोच सही नहीं है. इनकम टैक्स रिटर्न सभी लोगोंं को भरना चाहिए, भले ही निल टैक्स का रिटर्न हो. इसके क्या फायदे होते हैं आइए समझते हैं.

क्या होता है निल आईटीआर

जिन लोगों की सालाना आय इनकम टैक्स की एग्जेम्पशन लिमिट (exemption limit for income tax) यानी छूट सीमा के भीतर होती है उन्हें निल आईटीआर (Nil ITR) भरना होता है. आमतौर पर इनकम टैक्स रिटर्न भरने की लास्ट डेट 31 जुलाई होती है, लेकिन इस साल सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न भरने की लास्ट डेट बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी है.

क्या है एग्जेम्पशन लिमिट

ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) में 2.5 लाख रुपये तक की सालाना आय टैक्स मुक्त होती है. हालांकि 2.5 से 5 लाख रुपये ऊपर के इनकम के लिए सरकार ​रीबेट देती है और इस तरह से 5 लाख रुपये तक की पूरी आय को इनकम टैक्स मुक्त कर दिया जाता है. 60 साल से ऊपर के व्यक्ति के लिए यह लिमिट बढ़कर 3 लाख रुपये और 80 साल से ऊपर के व्यक्ति के लिए 5 लाख हो जाती है. नए टैक्स रिजीम ( New Tax Regime) में सभी लोगों के लिए 3 लाख रुपये तक की सालाना आय टैक्स मुक्त है. इसमें भी सरकार 7 लाख रुपये तक की आय पर रीबेट देती है जिससे इतनी सालाना आय कर मुक्त हो जाती है.

क्या होते हैं फायदे

  • निल आईटीआर यानी शून्य टैक्स वाले आईटीआर भरने के कई फायदे होते हैं. इससे आपकी फाइनेंशियल क्रेडिबिलिटी बढ़ती है और लोन, वीजा या कई तरह के सरकारी फायदे हासिल करने में आसानी होती है. इसके साथ ही कहीं भी आपका यदि कोई टीडीएस कटा है तो वह भी वापस हो जाता है. अक्सर बैंक आपके खाते में हुई ब्याज आय पर टीडीएस काट लेते हैं और आपको इसका ध्यान ही नहीं रहता. इसी तरह अगर आपने कोई फ्रीलांस वर्क किया है तो उस पर भी टीडीएस कट जाता है.
  • यही नहीं, अगर आप किसी बैंक से होम लोन या अन्य लोन के लिए अप्लाई करेंगे तो वह भी इनकम प्रूफ के अलावा पिछले तीन-चार साल का इनकम टैक्स रिटर्न मांगेगा. लोन और पासपोर्ट या वीजा के लिए आवेदन करते समय यह आईटीआर आपके लिए इनकम प्रूफ साबित होता है. यह सभी तरह के कानूनी, वित्तीय या सरकारी लाभ की योजनाओं में इनकम प्रूफ की तरह उपयोगी होता है.
  • अगर आपको इस साल कारोबार में किसी तरह का नुकसान हुआ है तो उसे अगले वर्षों में आप कैरी फॉरवर्ड कर ऑफसेट यानी इनकम के बदले उसकी भरपाई कर सकते हैं जिससे आपको टैक्स बोझ कम हो जाता है. अगर किसी व्यक्ति के पास विदेश में कोई संपत्ति है तो उसकी आय इनकम टैक्स के दायरे में आती हो या नहीं उसे आईटीआर दाखिल करना ही होगा.

क्या दस्तावेज चाहिए

आईटीआर दाखिल करने से पहले आपको अपना आधार कार्ड, पैन, सैलरी या इनकम का ब्योरा, टीडीएस का डिटेल, बैंक डिटेल और फॉर्म 16 अपने पास तैयार रखना चाहिए.

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About the Author: Suman
सुमन गुप्ता एक स्वतंत्र पत्रकार हैं जो आर्थिक और राजनीतिक विषयों पर अच्छी पकड़ रखती हैं। कई पत्र—पत्रिकाओं के लिए पिछले दस साल से स्वतंत्र रूप से लेखन। राष्ट्रीय राजनीति, कोर इकोनॉमी, पर्सनल फाइनेंस, शेयर बाजार आदि से जुड़े उनके सैकड़ों रिपोर्ट, आर्टिकल प्रकाशित हो चुके हैं।


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