भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket), स्टारडम और गुरु गंभीर

भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket), स्टारडम और गुरु गंभीर

Authored By: विशेष संवाददाता, गलगोटियाज टाइम्स

Published On: Friday, July 12, 2024

Categories: Cricket News, Sports

Updated On: Friday, July 12, 2024

Gautam Gambhir Indian cricket team coach

रोहित शर्मा की अगुवाई में बारबाडोस में टी-20 विश्व कप का खिताब जीतने के बाद भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने इस पद से अवकाश ले लिया। इसके बाद उनके स्थान पर गौतम गंभीर को भारतीय टीम का नया कोच नियुक्त किया गया है। पूर्व सलामी बल्लेबाज और पूर्वी दिल्ली के भाजपा सांसद व केकेआर के मेंटर रहे गंभीर तीन साल तक इस पद पर रहेंगे...

हाइलाइट्स:

  • गंभीर पर राहुल द्रविड़ के कोच के शानदार दौर को आगे बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी।
  • 2007 टी 20 विश्व और 2011 वनडे विश्व कप जिताने में गौतम गंभीर की अहम भूमिका रही है।

अजेय रहते हुए टी20 विश्व कप जीतकर टीम इंडिया ने विश्व क्रिकेट में अपने स्टार स्टेटस को नया आयाम दिया है। 13 वर्ष से आईसीसी ट्राफी (ICC Trophy) का सूखा झेल रही टीम में स्टारडम की कमी पहले भी नहीं थी, बल्कि यूं कहें कि भारतीय क्रिकेट में कभी भी सितारों की कमी नहीं रही है। एक से अधिक सितारे एक ही समय पर टीम में मौजूद रहे हैं। बहुत अधिक पीछे न जाएं और 1983 से ही लें, जब वनडे विश्व कप जीतने के बाद भारतीय क्रिकेट पूरी दुनिया में छा गया था, तब सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) और कपिल देव (Kapil Dev) जैसे बड़े सितारे टीम में थे। फिर सचिन आए और क्रिकेट के भगवान का दर्जा पा गए। अब बारी थी गांगुली (Ganguly), द्रविड़ (Dravid) और लक्ष्मण (Laxman) की तिकड़ी की…लोग इनके मैच देखने जुटते थे।

इसी बीच दौर आया झारखंड से आए महेंद्र सिह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) का दौर। 2007 का पहला टी20 विश्व कप, 2011 का वनडे विश्व कप और आईसीसी चैंपियंस ट्राफी के साथ आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप भी धोनी की टीम ने देश को दिलाई। इसी दौर में युवराज सिंह का स्टारडम भी खूब रहा। फिर रोहित और विराट, अब हार्दिक और बुमराह…लिस्ट लंबी है। यह जानना भी जरूरी है कि इन सबके साथ टीम में अन्य चेहरे भी थे जिनका अपना स्टारडम था, लेकिन जिनकी हमने बात की, उनका जलवा ही अलग था। कहा भी जाता रहा है कि भारतीय टीम स्टारडम वाली टीम है। कइयों ने तो लंबे समय तक विश्व कप न जीत पाने को स्टारडम की अधिकता भी बताया। खैर, यह भूंमिका इसलिए कि स्टारडम वाली भारतीय टीम के गुरु अब उस शख्स को बनाया गया है जो स्टारडम में अधिक विश्वास नहीं करता और टीम वर्क को ही मंत्र मानता है-गौतम गंभीर।

गंभीर को भारतीय टीम का नया मुख्य कोच बनाया गया है। उन राहुल द्रविड़ के कोच के शानदार दौर को आगे बढ़ाने की बड़ी जिम्मेदारी होगी। जाहिर है यह आसान नहीं होगा और तब तो बिल्कुल आसान नहीं होगा जब आप एक सितारों से भरी टीम में कोच बने। उसमें भी सबसे बड़े दो स्टार आपके साथ एक ही टीम में खेल चुके हों, एक के साथ मैदान पर टकराव जगजाहिर हो। खैर, उम्मीद है कि गंभीर ने जिस तरह आईपीएल में लखनऊ सुपर जायंट्स और कोलकाता नाइटराइडर्स (Kolkata Knight Riders) के लिए मेंटरशिप की है, वह उन्हें भारतीय टीम के कोच के रूप में मदद करेगी।

गंभीर (Gambhir) अनुभवी हैं, क्षमतापूर्ण क्रिकेटर रहे हैं, जबरदस्त कमिटमेंट वाले बल्लेबाज रहे हैं। 2007 टी 20 विश्व और 2011 वनडे विश्व कप जिताने में उनकी भी अहम भूमिका रही है। फाइनल और अहम मैचों के खिलाड़ी रहे जाते रहे हैं। निर्भीक बल्लेबाजी के पर्याय माने जाते रहे हैं। दिल्ली से आए और भारतीय क्रिकेट पर छा गए। आंकड़े उनकी काबिलियत की गवाही देते हैं। 58 टेस्ट, 4,154 रन। 147 वनडे, 5,238 रन। दो विश्व कप फाइनल्स में अहम इनिंग्स और दो आईपीएल ट्राफी। और क्या चाहिए आपको एक कोच के प्रोफाइल में। गंभीर के पास अनुभव भी है और दक्षता भी। हालांकि उनके पास इसके पहले किसी राष्ट्रीय या विदेशी टीम को कोचिंग देने का कोई अनुभव नहीं है। याद रखिए, कोलकाता नाइटराईडर्स और लखनऊ सुपरजायंट्स के लिए गंभीर मेंटर थे, कोच नही, लेकिन यह कोई डिसक्वालिफिकेशन नहीं है। आईपीएल का सफलता उनका सर्टिफिकेट है। अभी तक आपने आईपीएल से क्रिकेटरों को भारतीय टीम का हिस्सा बनते देखा होगा, लेकिन अब एक कोच आईपीएल की सफलता भुनाकर भारतीय टीम का कोच बनने जा रहा है-गंभीर।

गंभीर का प्लस प्वाइंट यह है कि वह टीम मैन हैं। हमेशा सेल्फ अचीवमेंट्स और स्टारडम को टीम से ऊपर रखते रहे हैं और यही उनका मूल मंत्र भी है। जैसा कि हमने इस लेख के आरंभ में समझा कि भारतीय क्रिकेट स्टारडम वाला रहा है और है…सो कुछ लोगों के बीच अटकलें भी हैं कि गंभीर कितने सफल हो पाएंगे? सितारा खिलाड़ियों रोहित और विराट के साथ गंभीर टीम इंडिया में खेल चुके हैं। सारी चर्चा इन्हीं तीनों के बीच की हो रही है। वैसे कयासों और अफवाहों के गर्म बाजार में एक अच्छी बात यह है कि स्टारडम होने के बाद भी भारतीय टीम सदैव जीत के लिए खेलती रही है। भले ही उस पर सितारों की टीम होने के आरोप लगते रहे हों, लेकिन जब जरूरत पड़ी है तो सितारों ने अपनी चमक बिखेरी है। हालिया विश्व कप जीत में रोहित, विराट, बुमराह और हार्दिक इसका ताजा उदाहरण हैं। विराट के साथ मैदान पर कुछ विवादों को भी हवा दी रही है, लेकिन यह भी उतना ही सच है कि मैदान के बाहर गौतम गंभीर एक बेहतरीन इंसान माने जाते हैं। हां, स्पष्ट बोलने की आदत उन्हें जरूर है, लेकिन दंभी नहीं कहा जा सकता है। कुल मिलाकर भारतीय टीम को लगातार अच्छे कोच मिलने का सिलसिला जारी है। रवि शास्त्री और राहुल द्रविड़ के बाद अब गंभीर। श्रीलंका दौरे से गंभीर की पारी आरंभ होगी और दांव पर होगी आईसीसी चैंपियंस ट्राफी व आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप। रोहित विश्व खिताब की तिकड़ी पूरी करने की कोशिश करेंगे औऱ इसमें गंभीर से बेहतर गुरु भला कौन हो सकता है…

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