Deepawali 2025: 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी दीपावली

Authored By: स्मिता

Published On: Wednesday, August 27, 2025

Last Updated On: Wednesday, August 27, 2025

Deepawali 2025 दीये, रोशनी और लक्ष्मी-गणेश पूजा के साथ दिवाली उत्सव.
Deepawali 2025 दीये, रोशनी और लक्ष्मी-गणेश पूजा के साथ दिवाली उत्सव.

Deepawali 2025 : इस वर्ष कार्तिक अमावस्या की तिथि दो दिन है. कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दिन में 2.56 बजे से शुरू हो जाएगी, जो 21 अक्टूबर को शाम 4.26 बजे तक रहेगी. कार्तिक कृष्ण अमावस्या के प्रदोष काल में दीपावली का पर्व होने के कारण 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी देश भर में दीपावली.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Wednesday, August 27, 2025

दीपों का पर्व है दीपावली. (Deepawali 2025) अमावस्या की रात को दीपों से प्रकाशमान किया जाता है. हर्ष और उल्लास के साथ देश भर में यह पंचदिवसीय पर्व मनाया जाता है. हर बार तिथि को लेकर संशय होता है. इस बार भी 20 अक्टूबर या 21 अक्टूबर को मनाई जाए दीपावली, इसे लेकर संशय है. ज्योतिषशास्त्री इस विषय (Deepawali) का सही समाधान बता रहे हैं.

कब है दीपावली (Deepawali 2025)

ज्योतिषशास्त्री पंडित अनिल शास्त्री बताते हैं कि इस वर्ष कार्तिक अमावस्या की तिथि दो दिन पड़ रही है. इसमें पहले दिन 20 अक्टूबर को दीप ज्योति पर्व दीपावली मनाया जाएगा. दूसरे दिन 21 अक्टूबर को स्नान-दान की अमावस्या होगी. कार्तिक अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर को दिन में 2.56 बजे से शुरू होगी, जो 21 अक्टूबर को शाम 4.26 बजे तक रहेगी. निर्णय सिंधुकार ने लिखा है-‘पूर्वत्रैव प्रदोषव्याप्तो लक्ष्मीपूजनादौ पूर्वा.’ धर्म सिंधु के वचनानुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के प्रदोष काल में दीपावली का पर्व होता है. इसमें प्रदोष काल में ही दीपदान, लक्ष्मी पूजन आदि करने का आदेश है. इसलिए 20 अक्टूबर को प्रदोष काल में अमावस्या मिलने से दीपावली मनाना शास्त्र सम्मत होगा.

तिथि-पर्व भ्रम का निवारण

ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल शास्त्री अमावस्या दो दिन मिलने से तिथि-पर्व भ्रम का निवारण करते हैं. उनके अनुसार, 20 अक्टूबर को प्रदोष व निशीथ काल (मध्य रात्रि) दोनों में कार्तिक अमावस्या तिथि मिलने से दीपावली 20 अक्टूबर को मनाया जाना शास्त्र सम्मत होगा. 21 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 5.40 बजे हो रहा. अर्थात् अमावस्या 21 अक्टूबर को सूर्यास्त से पूर्व ही समाप्त हो जा रही है. सायं 4.26 के बाद कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि लग जाएगी. ब्रह्म पुराण में कार्तिक अमावस्या को लक्ष्मी कुबेर आदि के रात्रि भ्रमण के बारे में बताया गया है. इसलिए 20 को दीपावली मनाना उचित है.

दिवाली पर लक्ष्मी गणेश पूजा (Lakshmi Ganesh Puja)

दिवाली पर की जाने वाली लक्ष्मी-गणेश पूजा एक अनिवार्य अनुष्ठान है. इसमें भक्त बुद्धि और विघ्नों के निवारण हेतु भगवान गणेश की पूजा की जाती है. धन, समृद्धि और प्रचुरता के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती हैं. इससे आने वाले वर्ष के सफल और समृद्ध होने की कामना की जाती है. यह पूजा दिवाली का एक मुख्य हिस्सा है. इस वर्ष 20 ओक्टूबर को 7:08 PM से 9:03 PM तक लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त बताया जा रहा है.

दिवाली पर कुबेर पूजा (Kuber Puja Deepawali 2025)

दिवाली पर धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए भगवान गणेश और मां लक्ष्मी के साथ कुबेर पूजा की जाती है. इस पूजा के लिए एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछायें. उस पर भगवान गणेश, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. धूप, दीप, पुष्प और नैवेद्य (विशेषकर खड़ा धनिया और धनिया पंजीरी) अर्पित करें. कुबेर मंत्र का जाप करें और आरती करें. कुबेर यंत्र को उत्तर दिशा में स्थापित करना शुभ माना जाता है.
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स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।


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