धर्मेन्द्र प्रधान को मिली टीम, चुनावी नैया को पार करने की चुनौती

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, September 29, 2025

Last Updated On: Monday, September 29, 2025

Dharmendra Pradhan को नई टीम मिली, चुनावी नैया पार करने और राजनीतिक चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी सौंपी गई.
Dharmendra Pradhan को नई टीम मिली, चुनावी नैया पार करने और राजनीतिक चुनौतियों से निपटने की जिम्मेदारी सौंपी गई.

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले बीजेपी (BJP) पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है. चुनाव की तारीख का ऐलान अभी बाकी है, लेकिन पार्टी अपने चुनावी रणनैतिक तैयारियों में जुटी हुई है. इसी क्रम में बीजेपी ने प्रदेश चुनाव समिति की सूची जारी की है, जिसमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Monday, September 29, 2025

बीजेपी (BJP) ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले बड़ी रणनीतिक घोषणा की है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) को प्रदेश चुनाव का प्रभारी बनाया गया है. साथ ही, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Mourya) और गुजरात से केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल (CR Patil) को सह-प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है. इस कदम से पार्टी ने चुनावी तैयारियों को और मजबूत करने का संकेत दिया है, ताकि सभी रणनीतिक मोर्चों पर प्रभावी नेतृत्व सुनिश्चित किया जा सके.

धर्मेन्द्र प्रधान पर पार्टी का भरोसा नया नहीं है. 2010 के चुनाव में जब एनडीए (NDA) ने बड़ी जीत हासिल की थी, उस समय वे सह-प्रभारी थे. इस बार उन्हें बिहार प्रभारी बनाया गया है. बिहार को भलीभांति समझने वाले धर्मेन्द्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) का नीतीश कुमार (Nitish Kumar)के साथ भी अच्छा तालमेल रहा है. हालांकि, इस बार बिहार जीतना उनके लिए आसान नहीं है. मगध और शाहाबाद क्षेत्र को जीतना 2010 में भी चुनौतीपूर्ण था. यहां माले और राजद के गठबंधन के कारण महागठबंधन पहले से मजबूत स्थिति में है. लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को इस इलाके में बड़ी सफलता नहीं मिली थी. ऐसे में धर्मेन्द्र प्रधान के सामने बड़ी चुनौती है कि वे इस क्षेत्र में पार्टी की पकड़ मजबूत करें और चुनावी नैया पार लगाएँ.

में बीजेपी ने अपनी प्रदेश चुनाव समिति की लिस्ट जारी की है, जिसमें डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल समेत कई वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल हैं. अन्य प्रमुख नेताओं के नाम लिस्ट में राधा मोहन सिंह, गिरिराज सिंह, नंदकिशोर यादव, नित्यानंद राय, मंगल पांडेय, डॉ. संजय जायसवाल, भीखूभाई दलसानिया, रविशंकर प्रसाद, रेणु देवी, प्रेम कुमार, जनक चमार और प्रेम रंजन पटेल के नाम भी शामिल हैं। साथ ही, पदेन सदस्य के रूप में धर्मशीला गुप्ता को भी शामिल किया गया है.

विशेष आमंत्रित सदस्यों में विनोद तावड़े, दीपक प्रकाश और नागेन्द्र जी के नाम शामिल हैं. बीजेपी लगातार चुनावी रणनीतियों को अंतिम रूप दे रही है और इस लिस्ट के माध्यम से नेताओं को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, ताकि विधानसभा चुनाव में पार्टी मजबूती से मैदान में उतर सके.

इससे पहले, बीजेपी ने चुनाव प्रचार की तैयारियों के लिए 45 सदस्यीय चुनाव अभियान समिति का भी गठन किया था. इस समिति में केंद्रीय और राज्य स्तर के मंत्री, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हैं. इस समिति का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल करेंगे.

बिहार में विधानसभा चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है. सत्तासीन गठबंधन एक बार फिर सत्ता में लौटने की तैयारी में है। जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार (Nitish Kumar) विभिन्न योजनाओं के जरिए वोटरों को रिझाने में जुटे हैं, वहीं भाजपा की ओर से अमित शाह ने दो दिनों में चार अहम बैठकें कर पार्टी पदाधिकारियों को जीत का मंत्र दे दिया है.

हालांकि, इस चुनाव में एनडीए के लिए जीत की राह आसान नहीं है. प्रशांत किशोर की रणनीति, मंत्रियों पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवाल एनडीए के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. ऐसे में मिशन 225 के बीच अमित शाह ने 160 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है.

अमित शाह (Amit Shah) ने इस बार पिछली बार के मुकाबले 35-40 सीटें अधिक जीतने का लक्ष्य रखा है, जबकि पहले 100 सीटें अधिक जीतने की बात कही जा रही थी। बिहार में एनडीए की अब तक सबसे बड़ी जीत 2010 में हुई थी, जबकि पिछली बार गठबंधन केवल 125 सीटों पर संतोष करना पड़ा. 2025 में मिशन 225 रखा गया था, लेकिन अमित शाह ने अररिया में आयोजित बैठक में पदाधिकारियों को हर बूथ पर 10% वोट बढ़ाने और मतदाताओं को तीन श्रेणियों में बांटकर रणनीति तैयार करने का निर्देश दिया। अब एनडीए के लिए 160 से अधिक सीटें जीतना लक्ष्य बना है.

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About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
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