नींद की कमी से बढ़ती शुगर या शुगर से उड़ती नींद? जानिए असली कनेक्शन
Authored By: Nishant Singh
Published On: Wednesday, November 5, 2025
Updated On: Wednesday, November 5, 2025
क्या आपकी अधूरी नींद आपकी डायबिटीज को बढ़ा रही है? या फिर बढ़ी हुई शुगर आपकी नींद छीन रही है? दरअसल, डायबिटीज और नींद का रिश्ता एक-दूसरे से गहराई से जुड़ा है. नींद की कमी से शुगर कंट्रोल बिगड़ता है और अनकंट्रोल्ड शुगर नींद को खराब करती है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह एक “दो-तरफा चक्र” है जिसे समझना ज़रूरी है। तो आखिर क्या है नींद और डायबिटीज का असली संबंध? जानिए एक्सपर्ट्स से.
Authored By: Nishant Singh
Updated On: Wednesday, November 5, 2025
Sleep Sugar Health Connection: क्या आप जानते हैं कि आपकी रातों की अधूरी नींद आपकी डायबिटीज को और भी खराब बना सकती है? या फिर बढ़ी हुई शुगर आपकी नींद को छीन सकती है? जी हां, डायबिटीज और नींद का रिश्ता सिर्फ एक “लाइफस्टाइल प्रॉब्लम” नहीं बल्कि एक गहरा जैविक संबंध है. विशेषज्ञों के मुताबिक, दोनों एक-दूसरे को सीधा प्रभावित करते हैं। आइए जानते हैं डॉ. सुभाष गिरी के अनुसार आखिर नींद और डायबिटीज का रिश्ता इतना जटिल क्यों है.
डायबिटीज क्या है? एक गहरी नज़र
डायबिटीज एक क्रॉनिक मेटाबॉलिक डिज़ीज़ है, जिसमें शरीर या तो पर्याप्त इंसुलिन नहीं बना पाता या फिर बने हुए इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता. इससे ब्लड में ग्लूकोज़ का स्तर बढ़ जाता है और शरीर की कोशिकाएं एनर्जी का सही इस्तेमाल नहीं कर पातीं. डायबिटीज मुख्यतः दो प्रकार की होती है –
- टाइप 1 डायबिटीज: इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम पैंक्रियाज़ के इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को नष्ट कर देता है.
- टाइप 2 डायबिटीज: इसमें शरीर इंसुलिन के प्रति रेसिस्टेंट हो जाता है या इंसुलिन बनना कम हो जाता है.
मोटापा, अनहेल्दी खानपान, फिजिकल एक्टिविटी की कमी, तनाव, और जेनेटिक्स जैसे कारण इस बीमारी को बढ़ाते हैं। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि नींद की कमी भी डायबिटीज को बढ़ाने वाला बड़ा कारण है.
नींद और डायबिटीज: एक-दूसरे के दुश्मन कैसे बनते हैं?
डॉ. सुभाष गिरी के अनुसार, डायबिटीज और नींद एक-दूसरे पर सीधा असर डालते हैं.
- जब ब्लड शुगर बढ़ता है, तो रात में बार-बार पेशाब लगना, प्यास लगना और बेचैनी बढ़ जाती है, जिससे नींद टूटती रहती है.
- वहीं, शुगर अचानक कम होने पर शरीर में घबराहट, पसीना, और दिल की धड़कन तेज होना जैसी समस्याएं होती हैं, जिससे व्यक्ति की नींद उड़ जाती है.
रिसर्च बताती है कि जो लोग रोज 6 घंटे से कम सोते हैं, उनमें एपेटाइट हॉर्मोन (भूख से जुड़े हॉर्मोन) असंतुलित हो जाते हैं. इससे भूख बढ़ती है, वजन बढ़ता है और टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। यानि कि – कम नींद से शुगर बढ़ती है और बढ़ी हुई शुगर से नींद कम होती है, एक ऐसा चक्र जो मरीज को थका देता है.
डायबिटीज के मरीजों में कौन-कौन सी नींद से जुड़ी दिक्कतें होती हैं?
डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि डायबिटीज के मरीजों में कुछ खास स्लीप डिसऑर्डर आम होते हैं –
- ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (Obstructive Sleep Apnea – OSA): यह स्थिति तब होती है जब सोते वक्त सांस कुछ सेकंड के लिए रुक जाती है. ऐसा कई बार रात में होता है जिससे शरीर को पूरा ऑक्सीजन नहीं मिल पाता. नींद बार-बार टूटती है और दिनभर थकान बनी रहती है. शोध बताते हैं कि टाइप 2 डायबिटीज के लगभग आधे मरीजों में OSA पाया जा सकता है.
- रेस्टलेस लेग सिंड्रोम (Restless Legs Syndrome – RLS): इसमें मरीज को पैरों में जलन, झनझनाहट या लगातार हिलाने की इच्छा होती है। खासकर जब नसों पर असर पड़ता है या शरीर में आयरन की कमी होती है। यह बेचैनी नींद को पूरी तरह खराब कर देती है.
- इंसोम्निया (Insomnia): डायबिटीज के कारण शरीर में तनाव हॉर्मोन बढ़ जाते हैं, जिससे नींद आने में परेशानी होती है या नींद जल्दी टूट जाती है. लगातार इंसोम्निया ग्लूकोज़ कंट्रोल को और बिगाड़ देता है.
नींद की कमी से डायबिटीज कैसे बढ़ती है?
कम नींद से शरीर का इंसुलिन सेंसिटिविटी घट जाती है, यानी इंसुलिन कम असरदार हो जाता है. इससे ब्लड शुगर का स्तर तेजी से बढ़ता है.
- नींद की कमी से भूख बढ़ाने वाले हॉर्मोन घ्रेलिन में वृद्धि और भूख घटाने वाले हॉर्मोन लेप्टिन में कमी होती है.
- इससे व्यक्ति ज्यादा कैलोरी खाता है, वजन बढ़ता है और मोटापा डायबिटीज को और खराब करता है.
सिर्फ इतना ही नहीं, नींद की कमी से मानसिक तनाव, हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है – जो पहले से ही डायबिटीज मरीजों के लिए बड़ी चुनौती हैं.
डायबिटीज मरीजों के लिए नींद सुधारने के आसान उपाय
अच्छी नींद किसी दवा से कम नहीं है. डॉ. गिरी कुछ आसान उपाय बताते हैं जो डायबिटीज मरीजों के लिए बेहद जरूरी हैं:
सोने और उठने का समय तय रखें.
- रात में भारी भोजन या देर से डिनर न करें.
- सोने से एक घंटा पहले फोन, टीवी या लैपटॉप से दूरी बनाएं.
- कमरे का तापमान आरामदायक और माहौल शांत रखें.
- हल्की वॉक या ध्यान (Meditation) की आदत डालें.
- जरूरत हो तो डॉक्टर से स्लीप टेस्ट कराएं.
याद रखें – अच्छी नींद से शुगर कंट्रोल बेहतर होता है, और बेहतर शुगर कंट्रोल नींद को और सुकूनभरी बनाता है.
नींद और शुगर – एक ही सिक्के के दो पहलू
डायबिटीज और नींद के बीच का रिश्ता दो-तरफा है। एक खराब हो तो दूसरा भी बिगड़ जाता है. इसलिए डायबिटीज के इलाज में सिर्फ दवा या डाइट ही नहीं, बल्कि नींद की गुणवत्ता पर भी ध्यान देना जरूरी है. सही समय पर सोना, मन को शांत रखना और रोज़ाना की दिनचर्या में संतुलन बनाना उतना ही जरूरी है जितना ब्लड शुगर मॉनिटर करना.
- क्योंकि याद रखिए – अगर नींद पूरी है, तो डायबिटीज भी काबू में है!
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