Karnataka CM: कौन बनेगा कर्नाटक का नया CM? दिल्ली में हाई-लेवल मीटिंग आज
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Saturday, November 29, 2025
Updated On: Saturday, November 29, 2025
कर्नाटक की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच जारी सत्ता खींचतान अब दिल्ली दरबार में पहुंच चुकी है, जहां कांग्रेस हाईकमान अंतिम फैसला करेगा. ‘ढाई साल फॉर्मूला’ के दावे से गर्माए सियासी माहौल में दोनों नेता हाईकमान के सामने अपना पक्ष रखने को तैयार हैं.
Authored By: Ranjan Gupta
Updated On: Saturday, November 29, 2025
Karnataka CM: कर्नाटक की राजनीति एक बार फिर रोमांचक मोड़ पर है. मुख्यमंत्री सिद्दारमैया और उप मुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच सत्ता संतुलन को लेकर चल रही खींचतान अब दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान की चौखट तक पहुंच गई है. सरकार अपने कार्यकाल के आधे रास्ते पर खड़ी है और इसी बीच ‘ढाई साल के फॉर्मूले’ ने सियासी तापमान को और बढ़ा दिया है. दिल्ली में होने वाली अहम बैठक से पहले दोनों नेता अपनी-अपनी रणनीति मजबूत करने में जुटे हैं. सिद्दारमैया ने शिवकुमार को नाश्ते पर बुलाकर बातचीत का रास्ता खोला, जबकि शिवकुमार हाईकमान से मिलकर अपना दावा दोहराने की तैयारी में हैं.
यहां इनकी मुलाकात पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खडगे और पार्टी नेता राहुल गांधी से होगी. कांग्रेस नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि अंतिम फैसला दिल्ली में ही होगा. ऐसे में पूरे राज्य की निगाहें अब हाईकमान के निर्णय पर टिकी हैं, जो यह तय करेगा कि कर्नाटक की सत्ता की कमान किसके हाथ में रहनी चाहिए. यह मुलाकात आगामी निर्णायक बातचीत से ठीक पहले हुई है, जो यह दर्शाता है कि हाईकमान राज्य की आंतरिक कलह को जल्द से जल्द शांत करना चाहता है.
दिल्ली में ही तय होगा अगला कदम
इस मुलाकात से पहले शुक्रवार को सिद्दारमैया ने साफ कहा कि हाईकमान ने हम दोनों को बुलाया है. इसलिए मैंने डीके शिवकुमार को नाश्ते पर बुलाया है. दोनों नेताओं ने बताया कि वे आमने-सामने बैठकर बात करेंगे. सिद्दारमैया ने यह भी कहा कि पार्टी जो भी निर्देश देगी, वह उसे मानने के लिए तैयार हैं. उधर, डीके शिवकुमार ने भी यही बात दोहराई. उन्होंने कहा कि हाईकमान जो भी फैसला करेगा, हम उसका पालन करेंगे. इससे लगभग साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला दिल्ली में ही होगा. पार्टी के भीतर माना जा रहा है कि दोनों नेता सार्वजनिक रूप से हाईकमान के प्रति अपनी निष्ठा दिखा रहे हैं. ऐसे में उम्मीद है कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अगुवाई में नेतृत्व जल्द ही कोई स्पष्ट निर्णय ले सकता है.
डीके शिवकुमार पर जांच का दबाव बरकरार
डीके शिवकुमार के खिलाफ ED और CBI की जांच अभी भी जारी है. कई मामलों में वे फिलहाल जमानत पर हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यही वजह थी कि 2023 चुनावों के बाद भी पार्टी ने उन्हें तुरंत मुख्यमंत्री नहीं बनाया. वहीं, सिद्दारमैया ने अपने दो साल से ज्यादा के कार्यकाल में कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं. खास तौर पर वे योजनाएं जिनका सीधा फायदा पिछड़े और वंचित वर्गों को मिला. कांग्रेस के भीतर यह भी समझ है कि सिद्दारमैया ओबीसी समुदाय से आते हैं. यह बात पार्टी की ‘सामाजिक न्याय’ वाली लाइन को मजबूती देती है. इसी कारण नेतृत्व उन्हें हटाने में जल्दबाज़ी नहीं दिखाना चाहता और किसी भी बदलाव पर बहुत सोच-समझकर आगे बढ़ना चाहता है.
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