क्या राम माधव फिर निभाएंगे बड़ी भूमिका?

क्या राम माधव फिर निभाएंगे बड़ी भूमिका?

BJP Leader Ram Madhav
BJP Leader Ram Madhav

संघ की शिक्षा-दीक्षा में पले बढ़े भाजपा के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में सक्रिय हो चुके हैं। पार्टी को घाटियों के हर घर तक पहुंचाना इनका लक्ष्य है। नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुला ने राम माधव और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती को लेकर ताजा बयान दिया है। यह भी राम माधव की सक्रियता को दिखाता है।

आरएसएस (RSS) की पृष्ठभूमि से आने वाले भाजपा के प्रमुख नेता राम माधव (BJP Leader Ram Madhav) की घाटी में सक्रियता ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में हलचल मचा दी है। राम माधव, जो भाजपा की रणनीतियों में अहम भूमिका निभा चुके हैं, अब विधानसभा चुनावों के दौरान जम्मू-कश्मीर में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं।

इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने राम माधव की घाटी में बढ़ती सक्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी वापसी भाजपा के पिछले सहयोगियों के साथ नए समीकरणों का संकेत देती है। उमर ने कहा कि राम माधव की सक्रियता यह स्पष्ट करती है कि भाजपा फिर से राज्य में अपने पुराने सहयोगियों के साथ तालमेल बैठाने की कोशिश कर रही है, ताकि चुनावों में लाभ उठाया जा सके।

राम माधव की मौजूदगी न केवल भाजपा की चुनावी तैयारियों को मजबूत कर रही है, बल्कि विपक्षी दलों को भी चिंतित कर रही है। उमर अब्दुल्ला ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने के लिए अपने पुराने सहयोगियों के साथ गठजोड़ की संभावनाओं को तलाश रहे हैं।

भाजपा नेता को लेकर नेशनल कांफ्रेस (NC) और पीडीपी (PDP) में जुबानी जंग

राज्य के दो पूर्व मुख्यमंत्री अब एक-दूसरे को भाजपा का एजेंट साबित करने में जुट गए हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि पीडीपी के नेता भाजपा के संपर्क में हैं और राम माधव के साथ उनकी नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं। उमर ने कहा कि महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी भाजपा के साथ गुप्त समझौते कर रही है, जो राज्य की जनता के हितों के खिलाफ है।

इस आरोप का जवाब देते हुए पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती (PDP Chief Mehbooba Mufti) ने पलटवार किया और नेकां पर ही भाजपा के साथ सबसे पहले समझौता करने का आरोप लगाया। महबूबा ने कहा कि नेकां ने सत्ता में आने के लिए भाजपा से हाथ मिलाया था, और अब वे दूसरों पर उंगलियां उठा रहे हैं।

सियासी संकेत मिलने लगे हैं

भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रमुख रणनीतिकारों में से एक, राम माधव, एक बार फिर राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने की संभावना के संकेत दे रहे हैं। राम माधव, जो पहले आरएसएस से भाजपा में शामिल हुए थे, ने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक अभियानों में अपनी कुशल रणनीति से पार्टी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में योगदान दिया है। जम्मू-कश्मीर में धारा 370 के उन्मूलन और पूर्वोत्तर राज्यों में पार्टी के विस्तार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता।

हाल ही में, राम माधव की सक्रियता और विभिन्न मंचों पर उनकी उपस्थिति से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि पार्टी आगामी चुनावों में उन्हें फिर से महत्वपूर्ण भूमिका में देख सकती है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों के लिए संगठनात्मक रणनीति में सुधार कर रही है, और राम माधव को एक बार फिर पार्टी के प्रमुख रणनीतिकार के रूप में जिम्मेदारी दी जा सकती है।

राम माधव की वापसी पार्टी के लिए न केवल चुनावी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगी, बल्कि उनके अनुभव का फायदा पार्टी को वैचारिक और नीति-निर्माण के स्तर पर भी मिलेगा। देखना होगा कि भाजपा उन्हें किस नई भूमिका में प्रस्तुत करती है और वे पार्टी की आगामी रणनीतियों में किस प्रकार से योगदान देते हैं।

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है

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