Dengue Fever :कर्नाटक में महामारी बन चुका है डेंगू, जानिए क्यों घट जाता है प्लेटलेट्स काउंट और इसे बढ़ाने के उपाय

Dengue Fever :कर्नाटक में महामारी बन चुका है डेंगू, जानिए क्यों घट जाता है प्लेटलेट्स काउंट और इसे बढ़ाने के उपाय

Authored By: स्मिता

Published On: Thursday, September 5, 2024

Last Updated On: Thursday, September 5, 2024

dengue viral infection
dengue viral infection

इस साल अब तक कर्नाटक में डेंगू (dengue fever) के 25000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इसलिए यहां राज्य सरकार को ड़ेंगू बुखार को महामारी घोषित करना पड़ा है। मौसम बदलने के साथ ही ड़ेंगू के मामले में कर्नाटक के साथ-साथ देश के कई राज्यों में भी तेज़ी से बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसलिए ड़ेंगू (dengue fever) के कारण होने वाले प्लेटलेट्स काउंट (platelets count) में कमी और इसे बढ़ाने के उपाय जानना भी जरूरी है।

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Thursday, September 5, 2024

मौसम में बदलाव आने के साथ ही देश भर में मच्छर जनित बीमारी का प्रकोप बढ़ जाता है। डेंगू उनमें से एक है। पिछले कुछ दिनों से देश के कुछ राज्यों में डेंगू बुखार के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं। कर्नाटक में इस साल अब तक ड़ेंगू के 25, 000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इसलिए कर्नाटक सरकार को डेंगू को महामारी घोषित करना पड़ा है। सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है की डेंगू को राज्य में महामारी के रूप में अधिसूचित किया गया है। इस बीमारी के सभी स्ट्रेनों को अधिसूचना में शामिल किया गया है। महामारी घोषित होने के बाद अब राज्य में डेंगू को लेकर विशेष सावधानी बरती जा रही है। राज्य सरकार द्वारा ड़ेंगू बुखार को एक महामारी मानते हुए इलाज और बचाव के प्रोटोकॉल निर्धारित किए जा रहे हैं। कर्नाटक के साथ-साथ

दिल्ली-एनसीआर, बिहार, झारखंड, ओडिशा जैसे राज्यों में भी डेंगू के मामले बढ़ रहे हैं। बूढों, बच्चों और जवान लोगों के लिए डेंगू प्राणघातक बन सकता है। इसलिए इस बुखार के बारे में जानना और बचाव (dengue fever) के उपाय करना जरूरी है।

वायरल संक्रमण है ड़ेंगू (viral infection)

डेंगू के कारण सबसे अधिक जो समस्या होती है, वह है प्लेटलेट्स की संख्या बहुत तेजी से घटना। प्राइमस सुपर स्पेशिएलिटी में एचओडी (इंटर्नल मेडिसिन) डॉ. अनुराग मिश्रा बताते हैं कि डेंगू के खतरे को कम करने के लिए आवश्यक कदम उठाना जरूरी है।

डेंगू एक वायरल संक्रमण है, जो डेंगू वायरस (DENV) के कारण होता है। यह संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है। दुनिया की लगभग आधी आबादी डेंगू के खतरे में है। वर्ल्ड हेल्थ ओर्गेनाइजेशन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 10-40 करोड़ लोग इससे संक्रमित हो जाते हैं।

ड़ेंगू के कारण प्लेटलेट्स में कमी

डॉ. अनुराग के अनुसार, डेंगू से प्रभावित व्यक्ति में प्लेटलेट्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। प्लेटलेट्स अस्थि मज्जा (Bone Marrow) में ब्लड सेल्स हैं। एक स्वस्थ व्यक्ति में 1.5 लाख से 4 लाख तक ब्लड प्लेटलेट्स (Blood Platelets) होते हैं। डेंगू के कारण प्लेटलेट काउंट में कमी हो सकती है। इससे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (thrombocytopenia) स्थिति उत्पन्न हो जाती है। प्लेटलेट्स ब्लड के थक्के जमने के लिए जिम्मेदार होते हैं। कम प्लेटलेट काउंट से ब्लीडिंग और इससे होने वाली समस्या ( bleeding and haemorrhage) का खतरा बढ़ सकता है। किसी भी तरह की समस्या से बचने के लिए प्लेटलेट लेवल का सही स्तर पर बना रहना जरूरी है।

ब्लड प्लेटलेट काउंट के कम होने के कारण (blood platelets count)

डेंगू बुखार के कारण प्लेटलेट काउंट में कमी हो जाती है, जिसे थ्रोम्बोसाइटोपेनिया कहा जाता है। डेंगू वायरस सीधे बोन मैरो को प्रभावित करता है, जहां प्लेटलेट्स का उत्पादन होता है। इससे प्लेटलेट्स प्रोडक्शन कम हो जाता है। वायरस ब्लड फ्लो में प्लेटलेट्स की तोड़फोड़ बढ़ा देता है। डेंगू संक्रमण के कारण इम्यून सिस्टम (Immune system) भी कमजोर हो जाता है, जिससे प्लेटलेट लेवल में गिरावट हो जाती है। ध्यान रखना जरूरी है कि डेंगू से संबंधित थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के ज्यादातर मामले क्षणिक होते हैं। संक्रमण कम होने पर यह समस्या खुद ब खुद खत्म हो जाती है।

प्लेटलेट काउंट का घटना बन सकता है गंभीर समस्या का कारण (dengue fever)

प्लेटलेट काउंट लाखों से घटकर हजारों में आ सकता है। इससे प्रभावित व्यक्ति के लिए यह एक गंभीर चिंता का विषय बन जाता है। लक्षणों को और अधिक बिगड़ने से रोकने के लिए तत्काल उपचार और दवा लेना बहुत जरूरी है। बीमारी के चौथे या पांचवें दिन के बाद प्लेटलेट्स कम होने लगते हैं, जिससे मरीज को पूरा दिन कमजोरी महसूस होती है।

प्लेटलेट काउंट बढ़ाने के उपाय (tricks to increase blood platelets count)

डेंगू में ब्लड प्लेटलेट की संख्या को बढ़ाने का सबसे कारगर उपाय ब्लड ट्रांसफ्यूज़न (Blood transfusion) है। रोगी को दिया जाने वाला ब्लड इंजेक्शन प्लेटलेट काउंट (platelets count) को बढ़ाने में मदद करता है। यह रोगी को जल्दी ठीक होने में मदद करता है। प्लेटलेट काउंट अपने ओरिजनल रूप में कम से कम 72 घंटों के बाद आ पाती है। यह प्रक्रिया कुछ दिनों तक भी चल सकती है। रोगी की स्थिति के आधार पर डॉक्टर ब्लड ट्रांसफ्यूज़न की मात्र का निर्णय लेते हैं।

उचित आहार का सेवन सबसे जरूरी (nutritious food)

ब्लड ट्रांसफ्यूज़न के बावजूद डेंगू के मरीज को उचित खाद्य पदार्थों का सेवन करना जरूरी है। इससे भी ब्लड प्लेटलेट्स को बढ़ाया जा सकता है। पत्तेदार सब्जियां, आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ, दाल, कद्दू के बीज, पपीता और पपीता के पत्ते, डेयरी उत्पाद और कई अन्य पोषक तत्वों से भरपूर फल और सब्जियां स्वाभाविक रूप से ब्लड प्लेटलेट काउंट बढ़ाने (platelets count) में मदद करते हैं।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
Leave A Comment

अन्य खबरें

अन्य लाइफस्टाइल खबरें