Education & Career News

एंटी पेपर लीक एक्ट (Anti Paper Leak Act) : नये कानून से परीक्षाओं में आयेगी शुचिता

एंटी पेपर लीक एक्ट (Anti Paper Leak Act) : नये कानून से परीक्षाओं में आयेगी शुचिता

Authored By: ओम दत्त

Published On: Monday, June 24, 2024

Updated On: Wednesday, June 26, 2024

neet ugc paper leak 2024
neet ugc paper leak 2024

नीट-यूजी का पेपर लीक होने से शुरू हुआ हंगामा अभी थमा नहीं था कि 18 जून को यूजीसी-नेट परीक्षा होने के अगले ही दिन यानी 19 जून को गड़बड़ी की आशंका में इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद तो लीक की आशंका में एक के बाद एक परीक्षाएं स्थगित होती गईं। इस क्रम में सीएसआइआर-यूजीसी नेट परीक्षा को भी स्थगित कर दिया गया। इस मामले में देश भर में परीक्षार्थियों के अंसतोष और हताशा को देखते हुए आखिरकार केंद्र सरकार ने इस साल फरवरी में संसद द्वारा पारित किए गए एंटी पेपर लीक कानून की अधिसूचना 21 जून, 2024 को जारी कर दी। आइए जानते हैं इस कानून में क्या हैं प्रावधान और कितना होगा इसका असर...

Authored By: ओम दत्त

Updated On: Wednesday, June 26, 2024

हाइलाइट्स:

  • दोषी पाए जाने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • एग्जामिनेशन सर्विस प्रोवाइडर पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
  • किसी वरिष्ठ अधिकारी की भी संलिप्तता पाए जाने पर उसे 10 साल तक की जेल हो सकती है और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
  • अंतरराज्यीय गिरोह द्वारा 30 से 40 लाख रुपये में बेचे जा रहे थे नीट के पेपर।
  • केंद्र सरकार ने लीक मामले की जांच को सीबीआई को सौंपा।
  • लीक पेपर को डार्क नेट पर डाल दिया गया था, जिसे वाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए वायरल किया गया।

इस साल राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित नीट-यूजी (मेडिकल) परीक्षा में हुई धांधली और पेपर लीक मामला चल ही रहा था कि तभी यूजीसी-नेट 2024 (UGC-NET 2024) की परीक्षा को पेपर लीक के इनपुट मिलने के कारण रद्द कर दिया गया। इसको लेकर देश भर के कई शहरों में छात्रों के उग्र विरोध प्रदर्शन जारी हैं। बार बार पेपर लीक और प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रहे भ्रष्टाचार से छात्रों में एनटीए और सरकार के प्रति बढ़ रहे आक्रोश को देखकर सरकार भी डैमेज कंट्रोल करने के लिये एक्टिव मोड में आ गयी और शुक्रवार 21 जून को आधी रात में केंद्र सरकार ने एक अहम फैसला लेते हुए परीक्षाओं में कदाचार के खिलाफ “लोक परीक्षा कानून 2024″(Centre notifies Public Examinations (Prevention of Unfair Means) Act, 2024 को अधिसूचित कर दिया।

कड़े कानून वाले अधिनियम की जरूरत क्यों पड़ी

देखा जाए, तो पिछले 7 वर्षों में 15 राज्यों में कुल 70 परीक्षा लीक के मामले हुए। रेलवे की परीक्षा, राजस्थान में शिक्षक भर्ती परीक्षा, हरियाणा में ग्रुप-डी पदों के लिए सामान्य पात्रता परीक्षा (सीईटी), गुजरात में जूनियर क्लर्क भर्ती परीक्षा बिहार में पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा, उत्तर प्रदेश में पुलिस भर्ती में पेपर लीक और तमाम अनियमितताओं के प्रकरण सामने आए थे। ताजा मामला नीट-यूजी (मेडिकल) और यूजीसी-नेट 2024 परीक्षा का सामने है।

परीक्षाओं में पेपर लीक, धांधली को लेकर देश में परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल उठने लगे थे। प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर अंकुश न लगाये जाने से अभ्यर्थियों में भी परीक्षा को लेकर अविश्वास पैदा हो रहा था जिसकी परिणति है कि आज अभ्यर्थी उग्र हो रहे हैं। ऐसे में इस कानून का लागू होना काफी अहम है।

कब बना था यह अधिनियम (लोक परीक्षा कानून 2024)

प्रतियोगी परीक्षाओं में कदाचार और अनियमितताओं पर अंकुश लगाने वाला “लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024’’ इस वर्ष छह फरवरी को लोकसभा में पारित किया गया, नौ फरवरी को राज्यसभा से इसे मंजूरी मिली। इसके बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस विधेयक को 12 फरवरी, 2024 को मंजूरी दे दी और तब यह कानून अस्तित्व में आ गया। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा तब इसे अधिसूचित नहीं किया गया था। नीट और यूजीसी पेपर लीक मामले के तूल पकडने के बाद आखिरकार इस कानून को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिये कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने शुक्रवार 21 जूनख् 2024 को अधिसूचना जारी की। इस विधेयक की विशेषता है कि इसमें परीक्षाओं में निष्पक्षता एवं विश्वसनीयता लाने के लिये अनुचित साधनों के ख़िलाफ़ सख्त कार्रवाई के नियम बनाए गये हैं।

अधिनियम में क्या हैं विशेष प्रावधान

अधिनियम में प्रश्न पत्र या आंसर की के लीक होने, सार्वजनिक परीक्षा में किसी भी अनियमित ढंग से उम्मीदवार की अनुचित सहायता करने और कंप्यूटर नेटवर्क या कंप्यूटर सिस्टम के साथ छेड़छाड़ को अपराध माना गया है। साथ ही अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में अनुचित साधन अपनाने की सुविधा प्रदान करना भी कानून के तहत दंडनीय अपराधों में से एक है।

लोक परीक्षा कानून 2024 (Public Examinations Act 2024) के लागू होने के बाद पेपर लीक करने या ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर तीन से पांच साल की सजा और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माना अदा न करने की स्थिति में भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधानों के अनुसार कारावास की अतिरिक्त सजा दी जाएगी।

पेपर लीक होने पर सेवा प्रदाताओं (एग्जामिनेशन सर्विस प्रोवाइडर) पर भी सख्त कार्रवाई का कानून है। इस कानून के प्रावधानों के अनुसार पेपर लीक की जानकारी होने पर भी यदि सेवा प्रदाता कोई कार्रवाई नहीं करता है तो ऐसी स्थिति में एग्जामिनेशन सर्विस प्रोवाइडर पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। ऐसे सेवा प्रदाताओं को चार साल की अवधि के लिए किसी भी सार्वजनिक परीक्षा के संचालन के लिए कोई जिम्मेदारी सौंपने से भी रोक दिया जाएगा।

परीक्षा में की गई गड़बड़ी से संबंधित घटना में अगर किसी वरिष्ठ अधिकारी की भी संलिप्तता है तो उसे 10 साल तक की जेल हो सकती है और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।

कानून को अधिक प्रभावी बनाने के लिए एक उच्च स्तरीय नेशनल टेक्निकल कमेटी बनाने की सिफारिश की गई है ताकि कंप्यूटर के जरिए होने वाली परीक्षाएं अधिक सुरक्षित बनाई जा सकें।

इस अधिनियम में कौन-सी सार्वजनिक परीक्षाएं शामिल हैं

इस कानून के अंतर्गत संघ लोक सेवा आयोग (UPSC), कर्मचारी चयन आयोग (SSC), रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाओं, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) आदि द्वारा आयोजित की जाने वाली सभी कम्प्यूटर आधारित परीक्षायें,सार्वजनिक परीक्षा निकाय या फिर केंद्र सरकार से मान्यताप्राप्त संस्थान द्वारा ली जाने वाली परीक्षाओं को शामिल किया गया है। इस कानून का मुख्य उद्देश्य इन परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियां हैं, जिन पर नकेल कसने और प्रतियोगी परीक्षाओं में शुचिता आने की उम्मीद है।

अभ्यर्थियों के विरुद्ध नहीं होगी कार्रवाई

सरकार का कहना है कि इस कानून का उद्देश्य धांधली करके युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को रोकना है इसलिये कॉम्पिटिटिव एग्जाम में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को इस कानून से बाहर रखा गया है।

इस अधिनियम के लागू होने से पहले, परीक्षाओं में होने वाली गड़बड़ियों में शामिल लोगों, जिनमें सेवा प्रदाता एजेंसियां भी हैं,उनके विरुद्ध सबूत मिलने पर उनसे निपटने के लिए कोई विशिष्ट कानून नहीं था। अब उम्मीद है इस नये कानून से परीक्षाओं में हो रही धांधलियों पर रोक लग सकेगी।

About the Author: ओम दत्त
ओम दत्त उत्तर प्रदेश के प्रमुख मीडिया आउटलेट गलगोटियाज टाइम्स के राज्य प्रमुख हैं। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों से समाचारों और घटनाक्रमों को कवर करने के लिए एक बड़े संवाददाता नेटवर्क का नेतृत्व करते हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों से मिलने वाली खबरों पर नजर रखते हुए उचित प्राथमिकता देने और समयबद्ध रिपोर्टिंग सुनिश्चित करते हैं। उनकी विशेषता सही और निष्पक्ष पत्रकारिता को बढ़ावा देना और टीम को प्रेरित कर उत्कृष्ट परिणाम प्राप्त करना है।
Leave A Comment

अन्य खबरें