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Bihar Politics : क्या चुनाव में मुद्दा बनेगा गोपाल खेमका हत्याकांड !
Bihar Politics : क्या चुनाव में मुद्दा बनेगा गोपाल खेमका हत्याकांड !
Authored By: सतीश झा
Published On: Sunday, July 6, 2025
Last Updated On: Sunday, July 6, 2025
राजधानी पटना में दिनदहाड़े व्यापारी गोपाल खेमका (Gopal Khemka) की गोली मारकर हत्या ने पूरे बिहार को झकझोर कर रख दिया है. गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार की कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. इस जघन्य वारदात के बाद जहां आम लोगों में भय और आक्रोश का माहौल है, वहीं विपक्ष ने इसे आगामी चुनावों में बड़ा मुद्दा बनाने के संकेत दे दिए हैं.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Sunday, July 6, 2025
Gopal Khemka hatyakand: घटना के तुरंत बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi), तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) समेत कई विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरते हुए दावा किया कि बिहार अपराधियों के हवाले हो चुका है. राहुल गांधी ने तो यहां तक कह दिया कि “भाजपा-नीतीश ने बिहार को क्राइम कैपिटल बना दिया है.”
जनता में नाराजगी, विपक्ष को मिला मुद्दा
गोपाल खेमका की हत्या सिर्फ एक हत्या नहीं, बल्कि उस बढ़ते अपराध का प्रतीक बन गई है जिससे बिहारवासी रोज़ाना जूझ रहे हैं. व्यापारी संगठनों से लेकर आम नागरिक तक, हर कोई इस हत्या को लेकर आक्रोशित है. बाजार बंद कर विरोध दर्ज कराया गया और पुलिस-प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगे. इस घटना ने सरकार की कानून-व्यवस्था की पोल खोल दी है. ऐसे में विपक्ष इस मुद्दे को चुनावी रैलियों में जोरशोर से उठाकर जनता के बीच असुरक्षा का भाव उजागर कर सकता है.
बिहार आज लूट, गोली और हत्या के साए में जी रहा : राहुल गांधी
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया (Social Media) के जरिए बयान जारी करते हुए कहा, “बिहार आज लूट, गोली और हत्या के साए में जी रहा है. अपराध यहां ‘नया नॉर्मल’ बन गया है. सरकार पूरी तरह से नाकाम साबित हो चुकी है. भाजपा (BJP) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने मिलकर बिहार को भारत की ‘क्राइम कैपिटल’ बना दिया है.”
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब सरकार अपने नागरिकों की जान की हिफाजत नहीं कर सकती, तो वह उनके भविष्य की गारंटी कैसे ले सकती है? राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि राज्य में आम लोगों के लिए घर से बाहर निकलना तक असुरक्षित हो गया है.
हर हत्या बदलाव की चीख है
राहुल गांधी ने बिहार की जनता से भावनात्मक अपील करते हुए कहा, “इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं, बल्कि बिहार को बचाने के लिए है. हर हत्या, हर लूट और हर गोली बदलाव की चीख है. अब समय आ गया है कि बिहार को डर से आज़ाद किया जाए और विकास की ओर अग्रसर किया जाए.”
विपक्ष हमलावर, सरकार घिरती नजर आ रही
घटना के बाद से ही विपक्षी दल लगातार सरकार की आलोचना कर रहे हैं. आरजेडी, कांग्रेस और वामपंथी दलों ने आरोप लगाया है कि कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज बिहार में नहीं बची है. वहीं, सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, जिससे जनता में आक्रोश और बढ़ता नजर आ रहा है.
क्या चुनावी समीकरण बदलेंगे?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सरकार ने समय रहते अपराध पर नियंत्रण नहीं पाया, तो यह मामला राजनीतिक नुकसान का कारण बन सकता है. खासकर शहरी क्षेत्रों में व्यापारी वर्ग और मध्यमवर्गीय मतदाता इस मुद्दे पर प्रभावित हो सकते हैं. वहीं, विपक्ष इस हत्याकांड को “सिस्टम की विफलता” बताकर सत्ता परिवर्तन की अपील कर सकता है. तेजस्वी यादव ने भी कहा है कि “जो सरकार लोगों की जान की सुरक्षा नहीं कर सकती, उसे सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है.”
गोपाल खेमका की हत्या ने बिहार की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. राहुल गांधी का तीखा हमला न सिर्फ सत्तारूढ़ गठबंधन पर दबाव बढ़ा रहा है, बल्कि आगामी विधानसभा चुनावों की राजनीति को भी गर्मा रहा है. बिहार में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इस “क्राइम कैपिटल” के तमगे से छुटकारा पाने के लिए क्या रास्ता चुनती है.