चिराग की मांग से कितने असहज हो रहे हैं नीतीश कुमार, NDA में सीट को लेकर क्या बन रहा है गणित

Authored By: सतीश झा

Published On: Wednesday, September 17, 2025

Last Updated On: Wednesday, September 17, 2025

NDA Seat Sharing Bihar: नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच सीट बंटवारे की चर्चा.
NDA Seat Sharing Bihar: नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच सीट बंटवारे की चर्चा.

लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने बिहार विधानसभा चुनावों (Bihar Assembly Election, 2025) से पहले एनडीए (NDA) में अपनी भूमिका और ताकत को लेकर स्पष्ट संकेत दिए हैं. उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी का प्रभाव हर सीट पर 20-25 हजार वोटों तक है. इसी आधार पर उन्होंने गठबंधन से “गुणवत्तापूर्ण” सीटों की उम्मीद जताई है.

Authored By: सतीश झा

Last Updated On: Wednesday, September 17, 2025

NDA Seat Sharing Bihar: चिराग का यह बयान केवल सीट बंटवारे की मांग भर नहीं है, बल्कि गठबंधन के भीतर बढ़ती उनकी राजनीतिक हैसियत का भी संकेत है. पिछले चुनावों की तुलना में इस बार उनकी पार्टी अधिक आत्मविश्वास और मजबूती के साथ दावे कर रही है. दिलचस्प यह है कि चिराग (Chirag Paswan) ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को एनडीए (NDA) की “मजबूत कड़ी” कहकर सियासी संदेश भी दिया.

नीतीश सरकार पर कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर लगातार हमलावर रहने वाले चिराग (Chirag Paswan) का यह बदलता स्वर गठबंधन की मजबूरी और चुनावी गणित को समझने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले बयानबाज़ी और रुख़ बदलना स्वाभाविक है, लेकिन अंततः जीत ही सबसे बड़ी प्राथमिकता होगी.

मैं सब्ज़ी पर नमक की तरह हूँ

चिराग (Chirag Paswan) का यह कहना कि “मैं सब्ज़ी पर नमक की तरह हूँ” गठबंधन राजनीति में उनकी भूमिका का प्रतीक है. यानी उनकी पार्टी भले ही आकार में छोटी हो, पर बिना उनके सहयोग के गठबंधन का स्वाद फीका पड़ सकता है.

यह स्पष्ट है कि एनडीए में सीट बंटवारे को लेकर रस्साकशी अभी और बढ़ेगी. चिराग पासवान की महत्वाकांक्षा और नीतीश कुमार की स्थिति – दोनों ही कारक तय करेंगे कि बिहार चुनाव में गठबंधन की रणनीति किस दिशा में जाती है.

सीटों को लेकर एनडीए में बढ़ी खींचतान

बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2025) से पहले एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर हलचल तेज़ हो गई है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने कहा कि उनकी पार्टी हर सीट पर 20 से 25 हजार वोटों को प्रभावित करती है और इसलिए उन्हें गठबंधन में “अच्छी सीटें” मिलनी चाहिए. हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि सीटों की उनकी मांग कितनी है, लेकिन कहा – “मेरे दिमाग में एक संख्या है.”

यह बयान एनडीए सहयोगी जीतन राम मांझी की उस घोषणा के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) को 15 सीटें नहीं मिलीं, तो पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इससे स्पष्ट है कि एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ रहा है.

नीतीश की आलोचना ‘फ़ीडबैक’ थी, लोजपा की बढ़ती ताकत पर जताया भरोसा

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए सहयोगी दलों में सीट बंटवारे को लेकर चर्चा तेज़ है. इस बीच, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने अपने पुराने बयानों पर सफाई दी है, बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर की गई पिछली आलोचनाओं पर सवाल पूछे जाने पर चिराग ने कहा कि उनकी टिप्पणियों को गलत न समझा जाए. उन्होंने कहा, “मैं नीतीश कुमार के प्रशासन का आलोचक रहा हूँ, लेकिन यह दरअसल अपनी ही सरकार को ‘फ़ीडबैक’ देने का तरीका है.”

गौरतलब है कि 2020 के विधानसभा चुनावों में लोजपा ने 243 सीटों में से 135 सीटों पर किस्मत आज़माई थी, लेकिन केवल एक ही सीट जीत पाई. हालांकि, 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने बड़ा उलटफेर किया और जिन पाँच सीटों पर चुनाव लड़ा, उन सभी पर जीत हासिल की.

इसी सफलता ने चिराग पासवान को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में जगह दिलाई और उन्हें खाद्य प्रसंस्करण विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया. यह वही मंत्रालय है, जो कभी उनके पिता, दिवंगत रामविलास पासवान के पास था. चिराग का कहना है कि बीते चार सालों में जनता ने उनकी पार्टी पर भरोसा जताया है और अब लोजपा (रामविलास) एनडीए में और भी मजबूत स्थिति में है.

ये भी पढ़ें:- तेजस्वी-राहुल के संबंधों में क्या बोले गए चिराग पासवान, सियासी उबाल आना है तय

About the Author: सतीश झा
सतीश झा की लेखनी में समाज की जमीनी सच्चाई और प्रगतिशील दृष्टिकोण का मेल दिखाई देता है। बीते 20 वर्षों में राजनीति, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समाचारों के साथ-साथ राज्यों की खबरों पर व्यापक और गहन लेखन किया है। उनकी विशेषता समसामयिक विषयों को सरल भाषा में प्रस्तुत करना और पाठकों तक सटीक जानकारी पहुंचाना है। राजनीति से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्दों तक, उनकी गहन पकड़ और निष्पक्षता ने उन्हें पत्रकारिता जगत में एक विशिष्ट पहचान दिलाई है
Leave A Comment

अन्य खबरें