Lifestyle News
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक होता है Chronic Pain
पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में अधिक होता है Chronic Pain
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, March 18, 2025
Last Updated On: Tuesday, March 18, 2025
Chronic Pain : कनाडा के कैलगरी विश्वविद्यालय में हुए हालिया शोध के निष्कर्ष बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में क्रोनिक पेन का अनुभव अधिक होता है. यह महिलाओं में होने वाली एक विशिष्ट जैविक प्रक्रिया के कारण होता है. महिलाओं में लेप्टिन हार्मोन की अधिकता बढ़ाता है दर्द.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Tuesday, March 18, 2025
Chronic Pain: हमें कई तरह के दर्द का अनुभव होता है. किसी ख़ास स्वास्थ्य समस्या के कारण कभी पेट दर्द तो कभी सिर दर्द हो जाता है. आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वैज्ञानिक बताते हैं कि महिलाओं में क्रोनिक पेन का अनुभव अधिक होता है. यानी पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा कम दर्द झेलना पड़ता है. कनाडा के कैलगरी विश्वविद्यालय की रिपोर्ट में पाया गया कि पुरुषों की तुलना में बच्चों सहित सभी उम्र की महिलाओं में क्रोनिक दर्द (Chronic Pain) अधिक आम है.
ख़ास जैविक प्रक्रिया के कारण महिलाएं दर्द से अधिक प्रभावित (Biological Reaction)
कैलगरी विश्वविद्यालय के कमिंग स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ता के अनुसार, पुरुष और महिला दोनों को दर्द होता है, लेकिन प्रत्येक लिंग इसे अलग-अलग तरीकों से विकसित करता है. यह अध्ययन एक विशिष्ट प्रतिरक्षा कोशिका के माध्यम से एक बहुत अनोखे प्रकार की जैविक प्रक्रिया की पहचान करता है. यह प्रत्येक लिंग के लिए विशिष्ट है. यह निष्कर्ष न्यूरॉन जर्नल में प्रकाशित किया गया.
लेप्टिन हार्मोन बढ़ाता है दर्द की संवेदनशीलता (Leptin Hormone causes Chronic Pain)
अध्ययन में न्यूरोपैथिक दर्द पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो तंत्रिका या तंत्रिका तंत्र में चोट के कारण होता है. इसका एक दुर्बल करने वाला लक्षण एलोडीनिया है, जो तब अनुभव होता है जब कोई व्यक्ति किसी ऐसे उत्तेजना से दर्द महसूस करता है जो आमतौर पर दर्द का कारण नहीं बनता है. इस स्थिति का इलाज करना बहुत मुश्किल हो सकता है. उदाहरण के लिए हल्का स्पर्श, तापमान में बदलाव और त्वचा पर कपड़े लगने जैसी चीजें पीड़ादायक हो सकती हैं. चूहों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि दोनों लिंगों में दर्द के संकेतों को पैनेक्सिन 1 (पैनएक्स1) चैनलों द्वारा संप्रेषित किया जा सकता है. लेकिन विभिन्न प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिकाओं के माध्यम से. मादा चूहों में पैनएक्स1 की सक्रियता लेप्टिन नामक हार्मोन को रिलीज़ करती है, जो दर्द की संवेदनशीलता को बढ़ाने से जुड़ा है।
महिलाएं क्यों होती हैं अधिक प्रभावित
शोधकर्ताओं ने पाया कि तंत्रिका को चोट लगने से लेप्टिन नामक हार्मोन रिलीज़ होता है, जो दर्द की संवेदनशीलता को बढ़ाने से जुड़ा है। तंत्रिका को चोट लगना दुर्बल करने वाला हो सकता है. बहुत सारे प्रीक्लिनिकल शोध पुरुष पर किए गए हैं. नतीजतन उपचार अक्सर पुरुष-आधारित समझ से विकसित किए गए थे. इसलिए ये महिलाओं में बहुत प्रभावी नहीं हो सकते हैं, क्रोनिक दर्द से पीड़ित महिलाओं में लेप्टिन के बढ़े हुए स्तर को पहले के अध्ययनों में दर्ज किया गया है.
और अधिक स्टडी की जरूरत
1980 के दशक में हयूमन ब्लड के नमूनों के साथ काम करने वाले शोधकर्ताओं ने पाया कि क्रोनिक दर्द से पीड़ित महिला रोगियों के रक्त में लेप्टिन का स्तर उन लोगों की तुलना में अधिक था जिन्हें क्रोनिक दर्द नहीं था.
यह जानना अक्सर कठिन होता है कि कुछ लोग उपचार के प्रति प्रतिक्रिया क्यों करते हैं और अन्य नहीं करते हैं, इसमें लिंग महत्वपूर्ण कारक है, जिनकी बहुत अधिक जांच की आवश्यकता है.
यह भी पढ़ें :- Zoom Fatigue : बहुत अधिक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग करते रहने से आप हो सकते हैं ज़ूम थकान के शिकार