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Zoom Fatigue : बहुत अधिक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग करते रहने से आप हो सकते हैं ज़ूम थकान के शिकार
Zoom Fatigue : बहुत अधिक वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग करते रहने से आप हो सकते हैं ज़ूम थकान के शिकार
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, March 17, 2025
Last Updated On: Monday, March 17, 2025
Zoom Fatigue : क्या आप भी लगातार वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग करते रहते हैं? यदि हां, तो आप भी हो सकते हैं ज़ूम फटीग या ज़ूम थकान के शिकार. जानिए कैसा है यह टर्म और इससे कैसे बचा जा सकता है.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Monday, March 17, 2025
कभी-कभी किसी तरह की शारीरिक गतिविधि, तनाव, नींद की कमी और कुछ दवाओं के कारण हम थकान या ऊर्जा की कमी महसूस करते हैं. यह थकान दैनिक गतिविधियों में बाधा भी डाल सकती है. इन दिनों कॉर्पोरेट वर्ल्ड में ज़ूम थकान या ज़ूम फटीग की खूब चर्चा हो रही है. विशेषज्ञ मानते हैं कि किसी को भी लगातार वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने के बाद थकावट या बर्नआउट का अनुभव हो सकता है. यह सबसे अधिक मेंटल हेल्थ को प्रभावित करता है. इससे बचाव का उपाय जरूर करना चाहिए. सबसे पहले जानते हैं ज़ूम फटीग या ज़ूम थकान (Zoom Fatigue) क्या है?
क्या है ज़ूम फटीग या ज़ूम थकान (What is Zoom Fatigue)
अमेरिका के स्टैनफोर्ड वर्चुअल ह्यूमन इंटरेक्शन लैब की स्टडी बताती है कि वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग और तकनीक हमारे मस्तिष्क पर बहुत ज़्यादा बोझ डाल रही है. ज़ूम थकान शारीरिक और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं का एक संग्रह है, जो ज़ूम या अन्य वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग प्लेटफ़ॉर्म पर लंबे समय तक बिताने से आती है. विशेषज्ञ मानते हैं कि माइक्रोसॉफ्ट टीम (Microsoft Teams), गूगल मीट (Google Meet) या स्काइप (Skype) जैसे अन्य वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग प्लेटफ़ॉर्म से होने वाली थकान ज़ूम फटीग है. जैसे ही आप हेडफ़ोन लटकाते हैं, आपको अपनी पीठ में अकड़न महसूस होती है. आपकी आंखें दुखती और थकी हुई होती हैं. आप खुद को अपनी कुर्सी पर खींचकर (Zoom Fatigue) ले जाते हैं.
क्या हो सकते हैं लक्षण (Zoom Fatigue Symptoms)
स्टैनफोर्ड वर्चुअल ह्यूमन इंटरेक्शन लैब के विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि मीटिंग के बाद कोई व्यक्ति तनाव या थकान महसूस करता है, तो यह ज़ूम फटीग का लक्षण है. इसके अलावा, ध्यान केंद्रित करने या मल्टीटास्किंग में कठिनाई, वीडियो कॉल से बचने की कोशिश करना या रद्द करना या बार-बार इसका समय बदलना, लो फील करना और मनोबल का गिरना भी इसका लक्षण हो सकता है. यह लगातार वर्चुअल मीटिंग के एक लंबे दिन का अंत है। ले जा सकते हैं और अकेले रहना चाहते हैं। अगर यह आपको परिचित लगता है, तो हो सकता है कि आप ज़ूम थकान का अनुभव कर रहे हों। लेकिन ज़ूम थकान क्या है? इसके क्या कारण हैं और हम इसे कैसे रोक सकते हैं?
क्यों होता है ज़ूम फटीग (Cause of Zoom Fatigue)
ज़ूम फटीग किसी व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य या उनके काम को प्रभावी ढंग से करने की उनकी क्षमता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है. बहुत ज़्यादा आई कॉन्टैक्ट करना. वीडियो मीटिंग में आपकी ओर देखने वाले लोगों की संख्या और स्क्रीन पर उनके चेहरों का आकार अस्वाभाविक है. अगर हम किसी कॉन्फ़्रेंस रूम में मीटिंग कर रहे होते हैं, तो हम बहुत कम नज़र से नज़र मिलाते हैं. वीडियो मीटिंग में हर कोई लगातार एक-दूसरे को देख रहा होता है. स्क्रीन पर उनके चेहरों का आकार एक-दूसरे के नज़दीक होने का आभास देता है. वीडियो मीटिंग में लगातार देखे जाने की भावना ज़ूम थकान का एक महत्वपूर्ण कारक है.
ज़ूम थकान से कैसे बचें (How to prevent Zoom Fatigue)
अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए स्वस्थ आदतें विकसित करें.
- मल्टीटास्किंग से बचें (Avoid Multitasking) : वीडियो मीटिंग के दौरान ईमेल पढ़ना या किसी और काम पर ध्यान देना अच्छा लगता है, लेकिन मल्टीटास्किंग आपको कम प्रभावी बनाता है. वीडियो मीटिंग में आपकी भागीदारी या योगदान को कम करता है. अपने सेल फोन या ईमेल जैसे सभी विकर्षणों को दूर रखें. अपनी ब्राउज़र विंडो को बंद रखें.
- ऑन-स्क्रीन आंखों से काम लेना कम करें : वीडियो मीटिंग में ध्यान का भटकना बहुत आसान है. हम ज़ूम मीटिंग करते समय ऑडिएंस के पीछे की पृष्ठभूमि को भी देखने की कोशिश करते रहते हैं. यह हमारी आंखों को थका देता है. यह सूचना अधिभार हमारे मस्तिष्क को उत्तेजित करता है और कीमती मानसिक ऊर्जा का उपयोग करता है. वीडियो मीटिंग को स्पीकर व्यू पर रखकर और अन्य सभी प्रोग्राम या विंडो को बंद करके ऑन-स्क्रीन उत्तेजनाओं को कम करना चाहिए. सभी के कस्टम बैकग्राउंड को देखने से बचें और अपना खुद का व्यू तटस्थ और न्यूनतम रखें.
- फ़ोन कॉल या ईमेल का उपयोग करें (Phone call or Email) : वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के बढ़ते प्रचलन के साथ पुराने जमाने के फ़ोन कॉल या यहां तक कि ईमेल को भूलना आसान है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के अत्यधिक उपयोग से बचें. आकलन करें कि क्या ऑन-स्क्रीन मीटिंग्स आवश्यक हैं भी या नहीं. खुद से पूछें कि क्या आप किसी दूसरे और अधिक प्रभावी तरीके से संवाद करके समस्या का समाधान कर सकते हैं.
- छोटे-छोटे ब्रेक लें (Take a Break) : वीडियो मीटिंग्स के बीच छोटे-छोटे ब्रेक लेना आवश्यक है. इसे अपने कैलेंडर में शामिल किया जा सकता है. कैमरा बंद करें और हेडसेट को एक तरफ रख दें. सीट से उठकर इधर-उधर घूमें. अपने से अलग-अलग दूरी पर स्थित वस्तुओं को देखकर अपनी आंखों का व्यायाम करें. हाइड्रेटेड रहें और सुनिश्चित करें कि आप आरामदायक तरीके से कुर्सी पर बैठे हैं.
- सेल्फ़-व्यू छिपायें (Hide Self View) : वीडियो मीटिंग्स सेल्फी लेने का अवसर नहीं है. आपके लिए हर समय खुद को देखना ज़रूरी नहीं है. सेल्फ़-व्यू छिपाना आपकी हर हरकत और हाव-भाव को देखने और उसका विश्लेषण करने से बचने का सबसे अच्छा तरीका है.
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