मेट्रो अस्पताल के सर्जन ने ब्रेस्ट कैंसर के 4 बड़े मिथक को बताया गलत, कहा- ‘केवल 15% ब्रेस्ट कैंसर…’

Authored By: Galgotias Times Bureau

Published On: Sunday, October 19, 2025

Last Updated On: Sunday, October 19, 2025

मेट्रो हॉस्पिटल सर्जन द्वारा ब्रेस्ट कैंसर के मिथकों पर खुलासा करते हुए
मेट्रो हॉस्पिटल सर्जन द्वारा ब्रेस्ट कैंसर के मिथकों पर खुलासा करते हुए

स्तन कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर यह कहा जा रहा है कि भारत में इसके बारे में लोगों की जानकारी अभी भी कम है. कई लोग अब भी गलतफहमियों और मिथकों पर विश्वास करते हैं, जिससे बीमारी का समय पर पता नहीं चल पाता और उपचार में देरी होती है. 

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Last Updated On: Sunday, October 19, 2025

स्तन कैंसर जागरूकता (metro hospital surgeon) माह के दौरान यह देखा गया है कि भारत में इस बीमारी को लेकर कई गलतफहमियाँ अभी भी प्रचलित हैं.  लोग अक्सर यह नहीं समझ पाते कि स्तन कैंसर किसे प्रभावित कर सकता है और यह कैसे होता है.  सही जानकारी के अभाव और बीमारी से जुड़े कलंक के कारण निदान और उपचार में अक्सर देरी होती है.  महिलाएं डर या भ्रांतियों के चलते शुरुआती लक्षणों को अनदेखा कर देती हैं, जिससे स्थिति गंभीर हो सकती है. इसलिए मिथकों को दूर करना और समय पर जाँच कराना बेहद जरूरी है, जो जीवन बचाने में मदद करता है. 

स्तन कैंसर जागरूकता माह के मौके पर, दिल्ली-एनसीआर के मेट्रो अस्पताल के रोबोटिक कैंसर सर्जन डॉ. सुदीप्तो डे, जो जेनेटिक्स और ऑन्को-न्यूट्रिशन में विशेषज्ञ हैं, स्तन कैंसर से जुड़ी चार आम भ्रांतियों को दूर कर रहे हैं. 12 अक्टूबर को इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक वीडियो में डॉ. डे ने इन मिथकों का खंडन किया, सही तथ्य बताए और समय पर निदान के महत्व पर ज़ोर दिया. उनका कहना है कि जल्दी पहचानना स्तन कैंसर के इलाज और जीवन रक्षा में अहम भूमिका निभा सकता है. 

मिथक 1: स्तन कैंसर सिर्फ 50 साल के बाद होता है

डॉ. सुदीप्तो डे ने इस धारणा को गलत बताया. उन्होंने कहा कि भारत में स्तन कैंसर की औसत उम्र लगभग 45 साल है, लेकिन कई मामलों में मरीज 30 साल या यहां तक कि 20 साल की उम्र के भी पाए जाते हैं. इसलिए सिर्फ उम्र के आधार पर स्तन कैंसर की संभावना को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. 

मिथक 2: हेल्दी लाइफस्टाइल स्तन कैंसर से बचाती है 

डॉ. सुदीप्तो डे के अनुसार यह धारणा भी पूरी तरह सही नहीं है. उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर का धूम्रपान या तंबाकू जैसी हानिकारक आदतों से बहुत कम संबंध होता है. इसका मुख्य कारण हार्मोन और आनुवंशिकी हैं.  इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली अपनाने और व्यायाम करने से जोखिम कम हो सकता है, लेकिन पूरी तरह खत्म नहीं होता. 

मिथक 3: पारिवारिक इतिहास के बिना आपको स्तन कैंसर नहीं हो सकता

डॉ. सुदीप्तो डे के अनुसार यह धारणा सही नहीं है. उन्होंने बताया कि हां, स्तन कैंसर परिवार में चल सकता है और इसका एक प्रमुख आनुवंशिक कारण है, लेकिन केवल 15% मामले ही आनुवंशिक होते हैं.  बाकी 85% स्तन कैंसर किसी भी आनुवंशिक कारण से नहीं होते और किसी भी व्यक्ति को हो सकते हैं. इसलिए केवल पारिवारिक इतिहास पर निर्भर रहकर जोखिम को कम समझना सही नहीं है. 

मिथक 4: बायोप्सी और सर्जरी के बाद कैंसर फैलता है

डॉ. सुदीप्तो डे के अनुसार यह बिल्कुल गलत है. बायोप्सी और सर्जरी स्तन कैंसर के इलाज के अहम हिस्से हैं और इनसे कैंसर फैलने का कोई खतरा नहीं है. उन्होंने बताया कि बायोप्सी के बाद हल्की सूजन हो सकती है, जिससे गांठ बड़ी लग सकती है, लेकिन इलाज में देरी करना वास्तविक खतरा है, क्योंकि समय पर चिकित्सा न मिलने पर कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है. 

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