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Trans Fat Side Effect: ट्रांस फैट को कहें ‘ना’ और हेल्दी एडिबल ऑइल को कहें ‘हां’
Trans Fat Side Effect: ट्रांस फैट को कहें ‘ना’ और हेल्दी एडिबल ऑइल को कहें ‘हां’
Authored By: स्मिता
Published On: Monday, February 24, 2025
Updated On: Monday, February 24, 2025
Trans Fat Side Effect : ट्रांस फैट के कारण सब्से अधिक हृदय संबंधी रोग (CVD) मौतों का एक बड़ा हिस्सा है. वनस्पति और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेलों से हाई ट्रांस-फैट का सेवन एक प्रमुख योगदान कारक है.
Authored By: स्मिता
Updated On: Monday, February 24, 2025
ट्रांस फैट (Trans Fat Side Effect) एक प्रकार का आहार वसा (Dietry Fat) है. सभी वसा में से ट्रांस फैट स्वास्थ्य के लिए सबसे खराब है. आहार में बहुत अधिक ट्रांस फैट हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जोखिम बढ़ा देता है। ट्रांस फैट तब बनते हैं जब तरल तेलों को ठोस वसा में बदल दिया जाता है, जैसे कि शॉर्टनिंग या मार्जरीन. चंडीगढ़ के पीजीआई में हुए एक अध्ययन के अनुसार, भारत के लोगों को जल्दी से जल्दी ट्रांस फैट (Trans Fat Side Effect) से स्वस्थ खाद्य तेल की ओर शिफ्ट करने की जरूरत है.
ट्रांस-फैट खत्म करना (Transition from Trans fat to Healthy oil)
चंडीगढ़ के पीजीआईएमईआर ((PGIMER) में कम्युनिटी चिकित्सा विभाग और स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ द्वारा एक अध्ययन किया गया. इस स्टडी के अनुसार, भारत को ट्रांस फैट से स्वस्थ खाद्य तेलों में ट्रांजिट करने की तत्काल जरूरत है. भारत में ट्रांस-फैट को स्वस्थ खाद्य तेल के साथ बदलने के लिए एक योजना बनाई जा रही है, जिसका उद्देश्य ट्रांस-फैट उन्मूलन प्रयासों को मजबूत करना है.
यह अध्ययन भारत में नॉन कम्युनिकेबल देसेअसे (एनसीडी) के खतरनाक प्रसार पर प्रकाश डालता है. इसमें हृदय संबंधी रोग (सीवीडी) मौतों का एक बड़ा हिस्सा है. वनस्पति और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेलों से उच्च ट्रांस-फैट का सेवन एक प्रमुख योगदान कारक है. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने ट्रांस वसा पर सीमा निर्धारित की हैं. रिपोर्ट इस बात पर जोर देती है कि पूर्ण उन्मूलन (Transition from Trans fat to Healthy Edible oil) एक “अधूरा एजेंडा” बना हुआ है.
पाम ऑइल के साइड इफेक्ट (Palm Oil Side Effect)
अध्ययन, जिसमें लोगों की राय और डेटा विश्लेषण भी शामिल किए गए हैं. यह वसा की खपत के पैटर्न, मौजूदा नीतियों और स्वस्थ तेल उत्पादन को बढ़ावा देने की रणनीतियों को समझने पर केंद्रित था। इसमें आयातित पाम ऑयल पर निर्भरता कम करने के तरीके भी तलाशे गए. इसमें संतृप्त वसा की मात्रा अधिक होती है तथा स्वस्थ विकल्पों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित किया गया.
हेल्दी एडिबल ऑइल के प्रति जन जागरूकता (Healthy Edible Oil Benefits)
भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए ट्रांस फैट की बजाय हेल्दी एडिबल ऑइल खाना अधिक जरूरी है। इसके लिए रेगुलेटरी रिफार्म, घरेलू उत्पादन में वृद्धि, जन जागरूकता और उद्योग सहयोग को शामिल करते हुए बहुआयामी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। पीजीआई के बैठक में राष्ट्रीय पोषण संस्थान, एफएसएसएआई और स्वास्थ्य मंत्रालय जैसे संस्थानों के राष्ट्रीय विशेषज्ञों के साथ-साथ डब्ल्यूएचओ के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि भी शामिल होंगे. इस कार्यक्रम में ‘स्वस्थ तेल संघ’ का शुभारंभ किया जाएगा और इसमें ट्रांस फैट (Trans Fat) को खत्म करने के लिए कार्रवाई योग्य सिफारिशों पर चर्चा शामिल होगी.
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