अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फूड और फेफड़े का कैंसर: नई रिसर्च में खुलासा
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, September 4, 2025
Last Updated On: Thursday, September 4, 2025
थोरैक्स पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, सोडा, इंस्टेंट नूडल्स और फ्रोजन मील जैसे अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सबसे ज़्यादा सेवन करने वालों में फेफड़ों के कैंसर का खतरा 41% ज़्यादा पाया गया. अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ कम खाने वालों में यह ख़तरा कम पाया गया.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Thursday, September 4, 2025
Ultra Processed Food Lung Cancer: वर्ष 2025 के मई माह में हेल्थ जर्नल थोरैक्स में प्रकाशित एक स्टडी में अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों और लंग कैंसर के बीच संबंध पाया गया. देखा गया कि जो लोग अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ अधिक खाते हैं, उनमें लंग कैंसर की संभावना अधिक देखी गई. धूम्रपान जैसे कारकों को नियंत्रित करने के बाद भी यह संबंध बना रहा. शोधकर्ताओं का सुझाव है कि यूपीएफ के सेवन को सीमित करना फेफड़ों के कैंसर के वैश्विक बोझ को कम करने की एक रणनीति हो सकती है.
लंग कैंसर का जोखिम
जिन वयस्कों ने सबसे ज़्यादा अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड खाया, उनमें फेफड़ों के कैंसर होने की संभावना 41% ज़्यादा थी. इसके कारण लंग के फंक्शन में भाग लेने वाले पार्ट में प्रणालीगत सूजन को बढ़ावा मिला. आंत के माइक्रोबायोम में बदलाव हुआ. हानिकारक प्रीजर्वेटिव के कारण ये सारी दिक्कतें हुईं.
लंग कैंसर के सभी प्रकार के होने की संभावना
यह संबंध नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (एनएससीएलसी) और स्मॉल सेल लंग कैंसर (एससीएलसी) दोनों में देखा गया. धूम्रपान की आदतों और समग्र आहार गुणवत्ता को समायोजित करने पर भी यह संबंध महत्वपूर्ण बना रहा.
कौन कौन हैं अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड (Ultra Processed Food)
इनमें पैकेज्ड स्नैक्स, इंस्टेंट नूडल्स, मीठे पेय पदार्थ, प्रोसेस्ड मीट, फ्रोजन मील, ब्रेकफास्ट सीरियल्स और कुछ ब्रेड उत्पाद शामिल हैं. ये वस्तुएं न्यूनतम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से भिन्न होती हैं. इनमें अक्सर एडेड शुगर भारी मात्र में मौजूद होते हैं. वसा और सोडियम के साथ-साथ आर्टिफिशियल कलर और स्वाद भी होते हैं.
यूपीएफ फेफड़ों के कैंसर को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं (Harmful Ultra Processed Food)
- सूजन- अल्ट्रा-प्रोसेस्ड फ़ूड का अधिक सेवन क्रोनिक सूजन को बढ़ावा दे सकता है. इससे ट्यूमर के विकास के लिए अनुकूल वातावरण बनता है.
- गट माइक्रोबायोम – यूपीएफ गट माइक्रोबायोम को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली कमज़ोर हो सकती है.
- पोषक तत्वों की कमी – इन खाद्य पदार्थों में अक्सर आवश्यक पोषक तत्व, जैसे फाइबर, कम होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के कार्य और डीएनए की मरम्मत के लिए आवश्यक हैं.
- हानिकारक प्रीजर्वेटिव – प्रीजर्वेटिव खाद्य मैट्रिक्स को बदल सकता है, जिससे हानिकारक इन्फ्लेमेशन हो सकते हैं.
- हाई शुगर और फैट – यूपीएफ में अक्सर शुगर और अन्हेल्दी वसा की मात्रा अधिक होती है, जो ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन में योगदान करते हैं.
क्या करें
- यूपीएफ का सेवन सीमित करें
- अत्यधिक प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें.
- होल ग्रेन फ़ूड को बढ़ावा दें
- समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बनाने और कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए संपूर्ण, अप्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों पर आधारित आहार पर ध्यान केंद्रित करें.
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