WHO Health Emergency : डब्ल्यूएचओ के पब्लिक हेल्थ एमरजेंसी घोषित करने के बाद एमपॉक्स ने एशिया में पसारे पांव, भारत में जोखिम कम

WHO Health Emergency : डब्ल्यूएचओ के पब्लिक हेल्थ एमरजेंसी घोषित करने के बाद एमपॉक्स ने एशिया में पसारे पांव, भारत में जोखिम कम

Authored By: स्मिता

Published On: Friday, August 16, 2024

Updated On: Saturday, August 17, 2024

WHO declare Health Emergency
WHO declare Health Emergency

WHO Health Emergency : डब्ल्यूएचओ महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एमपॉक्स (Monkey Pox) को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है। कांगो सहित कई अफ्रीकी देशों में एमपॉक्स तेजी से बढ़ रहा है, जिसके कारण यह अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है।

Authored By: स्मिता

Updated On: Saturday, August 17, 2024

एमपॉक्स (Monkey Pox) कांगो सहित कई अफ्रीकी देशों में तेजी से फ़ैल रहा है। इसलिए डब्ल्यूएचओ महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस (WHO Director-General Dr. Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने इस रोग को सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है। इसके पहले डब्ल्यूएचओ और प्रभावित देशों के विशेषज्ञों द्वारा कई आपातकालीन बैठकें की गई। डब्ल्यूएचओ और प्रभावित देशों के विशेषज्ञों द्वारा कई आंकड़े प्रस्तुत किये गए। इन आंकड़ों की समीक्षा करने के बाद आपातकाल की घोषणा की गई। इसके आधार पर एमपॉक्स के उभार को पीएचईआईसी (PHEIC) माना गया है। इसके कारण अफ्रीका के देशों और संभवतः महाद्वीप के बाहर भी फैल चुका है। अब एमपॉक्स एशिया पहुंच चुका है। पाकिस्तान में इस वायरस के तीन मामले मिल चुके हैं। हालांकि भारत (Monkey Pox in India) में इसके जोखिम (Monkey Pox Risks) बहुत कम हैं। फिर भी भारत सतर्क है।

क्या है पीएचईआईसी (Public health emergency of international concern)

पीएचईआईसी (PHEIC) के अनुसार,कोई ख़ास रोग जिसके प्रसार के कारण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न कर दे। इसके लिए समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है। डब्ल्यूएचओ की वेबसाइट के अनुसार, डॉ. टेड्रोस ने कहा, “एमपॉक्स के एक नए क्लेड का उभरना, इसका तेजी से फैलना और कई पड़ोसी देशों में मामलों की रिपोर्टिंग बहुत चिंताजनक है। अफ्रीका के देशों में एमपॉक्स क्लेड के प्रकोप को रोकने और लोगों की जान बचाने के लिए एक समन्वित अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। एमपॉक्स को रोकने के उपायों को सुदृढ़ करना होगा। अफ्रीका के कुछ हिस्सों में एमपॉक्स का उछाल, मंकीपॉक्स वायरस के सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के रूप में प्रसार का तनाव न केवल अफ्रीका के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक आपात स्थिति है। अफ्रीका में उत्पन्न एमपॉक्स की शुरुआत में अनदेखी की गई और बाद में 2022 में यह वैश्विक प्रकोप का कारण बना। इतिहास को दोहराने से रोकने के लिए इसे स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करना जरूरी हो गया । एमपॉक्स से संबंधित यह PHEIC निर्धारण दो वर्षों में दूसरा है।

इस साल मंकी पॉक्स के 15 हजार से अधिक मामले (Monkey Pox Disease)

ऑर्थोपॉक्सवायरस के कारण होने वाला एमपॉक्स पहली बार 1970 में कांगो में मनुष्यों में पाया गया था। इस बीमारी को मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के देशों में स्थानीय रोग माना जाता है। जुलाई 2022 में, एमपॉक्स को PHEIC घोषित किया गया था, क्योंकि यह यौन संपर्क के माध्यम से कई देशों में तेजी से फैल गया था। वैश्विक मामलों में निरंतर गिरावट के बाद मई 2023 में उस PHEIC को समाप्त घोषित किया गया था। Mpox को कांगो में एक दशक से अधिक समय से रिपोर्ट किया गया है। उस अवधि में प्रत्येक वर्ष रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। पिछले साल रिपोर्ट किए गए मामलों में काफी वृद्धि हुई। इस साल अब तक 15 600 से अधिक मामले रिपोर्ट किए गए हैं और 537 मौतें हुई हैं।

नया वायरस स्ट्रेन (Clad 1b strain)

पिछले साल डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो (DRC) में एक नया वायरस स्ट्रेन क्लेड 1b उभरा और तेजी से फैला। यह मुख्य रूप से सेक्सुअली ट्रांसमिट (Sexually Transmitted Disease) होने के कारण फैलता हुआ प्रतीत हुआ। पिछले महीने, डीआरसी के पड़ोसी चार देशों में क्लेड 1बी के 100 से अधिक प्रयोगशाला-पुष्टि मामले सामने आए हैं। अब तक 13 देशों में मंकी पॉक्स होने की पुष्टि हो चुकी है। विशेषज्ञों के अनुसार, मामलों की वास्तविक संख्या अधिक है, क्योंकि चिकित्सकीय रूप से एक बड़े हिस्से का परीक्षण नहीं किया गया है।

एमपॉक्स के लिए टीकाकरण (Monkey Pox Vaccination)

एमपॉक्स के लिए वर्तमान में उपयोग में आने वाले दो टीकों (JYNNEOS (Imvamune or Imvanex) and ACAM2000) की सिफारिश डब्ल्यूएचओ के टीकाकरण विशेषज्ञों ने की है, जो नाइजीरिया और डीआरसी सहित कई अन्य देशों में भी अनुमोदित की गई है।
वैसे डब्ल्यूएचओ वैक्सीन निर्माताओं के साथ काम कर रहा है और वैक्सीन, चिकित्सा, निदान और अन्य उपकरणों तक समान पहुंच की सुविधा के लिए अंतरिम मेडिकल काउंटरमेजर्स नेटवर्क के माध्यम से भागीदारों के साथ समन्वय कर रहा है।

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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