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विश्व हाइपरटेंशन डे (17 मई) पर विशेष जीवनशैली सुधार कर कम करें जोखिम
विश्व हाइपरटेंशन डे (17 मई) पर विशेष जीवनशैली सुधार कर कम करें जोखिम
Authored By: अरुण श्रीवास्तव
Published On: Friday, May 17, 2024
Updated On: Wednesday, February 5, 2025
खराब जीवन शैली कम उम्र में ही बना रहा हाइपरटेंशन का शिकार। सिर दर्द, घबराहट और सांस फूलना, धुंधले नजर की हो रही शिकायत। हाइपरटेंशन की गिरफ्त में हैं पर पता ही नहीं, अब गांव के लोग भी पीड़ित।
Authored By: अरुण श्रीवास्तव
Updated On: Wednesday, February 5, 2025
इस भ्रम में मत रहिए कि उच्च रक्तचाप केवल उम्रदराज लोगों को होता है। युवा पीढ़ी भी तेजी से हाइपरटेंशन की चपेट में आ रही है। मानसिक, पर्यावरणीय कारणों और अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण यह समस्या निरंतर बढ़ रही है। हाइपरटेंशन के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 17 मई को विश्व हाइपरटेंशन डे मनाया जाता है। डिप्रेशन के मरीजों में हाइपरटेंशन की समस्या अधिक होती है। खासकर 30 से 50 साल की उम्र के बीच के मरीजों में ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होने की आशंका बढ़ जाती है। अब शहर ही नहीं, गांव के लोग भी हाइपरटेंशन के शिकार हो रहे हैं। जागरूकता की कमी की वजह से लोग इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि उनको इसका पता तक नहीं चलता। सिर दर्द से परेशान हैं, लगातार चक्कर और बेचैनी हो रही है। सांस लेने में दिक्कत या उल्टी आ रही है तो सतर्क हो जाएं। यह हाई ब्लडप्रेशर के लक्षण हो सकते हैं। सबसे तेजी से बढ़ने वाली यह बीमारी साइलेंट किलर है। लाखों लोग इसकी चपेट में हैं लेकिन उन्हें पता ही नहीं लग पाता है। हार्ट अटैक का बड़ा कारण हाइपरटेंशन है। सिरदर्द, बेचैनी, चक्कर आना और सीने में दर्द हो तो परीक्षण कराएं। हाइपरटेंशन में रक्त वाहिनियों में रक्त का दबाव लगातार बढ़ा हुआ होता है। दबाव जितना अधिक होगा, हृदय को उतनी अधिक क्षमता से पम्प करना पड़ेगा।
डॉ. राहुल अरोरा
एमबीबीएस, एमडी, डीएम
फेलिक्स हॉस्पिटल, नोएडा
डॉ. सिद्धार्थ सम्राट
एमबीबीएस, एमडी, डीएम
फेलिक्स हॉस्पिटल, नोएडा

हाइपरटेंशन के कारण विभन्न अंग क्षतिग्रिस्त हो सकते हैं। जीवनशैली एवं खान-पान में जंक फूड बढ़ जाने के कारण रोगी बढ़ रहे हैं। नियमित व्यायाम, संयमित भोजन, फल एवं हरी सब्जियों का सेवन इस बीमारी से बचाव करता है। तनाव और मोबाइल बच्चों की सेहत पर भारी पड़ रही है। खान-पान का तरीका भी बदल गया है। दुबले-पतले बच्चे भी हाइपरटेंशन की जद में मिले। बहुत से बच्चों के परिवार में भी ब्लड प्रेशर का इतिहास नहीं मिला, फिर भी उनमें यह समस्या देखने को मिलती है। हाइपरटेंशन की परेशानी गर्भवतियों में तेजी से बढ़ रही है। हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर कहा जाता है। सांस फूलना, सिर और छाती में दर्द, पसीना आना, घबराहट, उल्टी होना इसके लक्षण हैं। स्मोकिंग, शराब का सेवन, अधिक वजन, मोटापा, मानसिक और शारीरिक तनाव इसके कारण हो सकते हैं। हाई बीपी के शिकार लोग नियमित दवाइयों पर चल रहे हैं। डाक्टर बीपी के मुताबिक इनकी डोज घटाते और बढ़ाते रहते हैं। यह बहुत चिंताजनक आंकड़े हैं। बीपी बढ़ने का सबसे बड़ा कारण मोटापा है। खानपान की बात करें तो सफेद नमक जहर समान है। चिकनाई से भी बीपी बढ़ता है। अब 23 से 25 साल की उम्र वालों को भी बीपी की दिक्कत होने लगी है। काम और करियर का तनाव, अनियमित खानपान, स्ट्रीट साइड फूड्स खाना, कुछ भी तला खाना मुख्य कारण है।