तेजी से होगा Weight Loss, रोज सुबह करें ये 4 योगासन
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Saturday, August 16, 2025
Updated On: Saturday, August 16, 2025
अनियमित दिनचर्या, जंक फूड और शारीरिक गतिविधियों की कमी से मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है, जिससे मोटापा और पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ती हैं. जानें कौन से 4 योगासन रोज करने से मेटाबॉलिज्म एक्टिव होता है और वजन तेजी से घटता है.
Authored By: Ranjan Gupta
Updated On: Saturday, August 16, 2025
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में फिट रहना एक बड़ी चुनौती बन गया है. (Yoga for Weight Loss) खराब खानपान, तनाव और घंटों तक बैठे रहने की आदत ने हमारे मेटाबॉलिज्म को धीमा कर दिया है, जिसका सीधा असर वजन और सेहत पर पड़ता है. विशेषज्ञों के अनुसार, योग ऐसे आसान उपायों में से एक है जो मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाकर शरीर को अंदर से एक्टिव रखता है.
कुछ खास योगासन जैसे भुजंगासन, पवनमुक्तासन, बद्धकोणासन और अर्ध मत्स्येन्द्रासन का नियमित अभ्यास करने से न केवल पाचन तंत्र मजबूत होता है बल्कि फैट बर्निंग प्रक्रिया भी तेज होती है. यही कारण है कि आयुर्वेद और योग को सेहतमंद जीवनशैली का अहम हिस्सा माना जाता है.
मेटाबॉलिज्म को ऐसे बढ़ाए
आयुष मंत्रालय के मुताबिक, योग के कुछ आसनों के जरिए मेटाबॉलिज्म को बढ़ाया जा सकता है, जिससे शरीर अंदर से सक्रिय रहता है और वजन नियंत्रित रहता है.
- बद्धकोणासन: इस आसन को करने से पैरों की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. साथ ही जांघ और हिप्स के आस-पास जमा चर्बी धीरे-धीरे घटने लगती है. यह शरीर के निचले हिस्से में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ावा देता है, जिससे टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं और मेटाबॉलिज्म एक्टिव होता है. इसके नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र बेहतर होता है और शरीर की कैलोरी बर्न करने की क्षमता भी बढ़ती है.
- भुजंगासन: यह आसन सर्प की मुद्रा में किया जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यह पेट के हिस्से पर सीधा असर डालता है. यह पाचन तंत्र को सक्रिय करता है और पेट की चर्बी घटाने में मदद करता है. जब पेट का फैट कम होता है, तो शरीर का मेटाबॉलिक रेट बढ़ने लगता है. साथ ही, इस आसन से फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ती है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है और शरीर अधिक ऊर्जा खर्च करता है.
पवनमुक्तासन और भुजंगासन फायदेमंद
- पवनमुक्तासन: यह आसन शरीर से गैस और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है. इससे पाचन क्रिया मजबूत होती है और पेट की सूजन भी कम होती है. जब पाचन बेहतर होता है, तो शरीर पोषक तत्वों को तेजी से अवशोषित करता है और ऊर्जा उत्पादन की प्रक्रिया भी तेज होती है. यह सब मिलकर मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाता है.
- अर्ध मत्स्येन्द्रासन: यह आसन बैठकर किया जाता है. इससे रीढ़ की लचीलापन बढ़ती है और डिटॉक्स प्रक्रिया तेज होती है. इस आसन में शरीर को मोड़ने से आंतरिक अंगों पर दबाव पड़ता है, जिससे लिवर और किडनी जैसे अंग सक्रिय होते हैं. यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे मेटाबॉलिक सिस्टम साफ होता है. इसके अलावा, कमर के चारों ओर जमा फैट घटता है, जिससे वजन नियंत्रण में रहता है.
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(आईएएनएस इनपुट के साथ)