तनाव बढ़ा सकता है आपकी उम्र, इसे रिवर्स करने के 5 प्राकृतिक उपाय

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, September 29, 2025

Updated On: Monday, September 29, 2025

तनाव आपकी उम्र बढ़ा सकता है, जानें 5 प्राकृतिक उपाय जो Stress Aging को कम कर स्वस्थ और युवा बनाए रखने में मदद करेंगे.

लंबे समय तक यदि आप तनाव से गुजरते हैं, तो यह आपकी जैविक उम्र बढ़ा सकता है. 5 प्राकृतिक उपाय अपनाकर उम्र को रिवर्स किया जा सकता है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Monday, September 29, 2025

यदि आप लंबे समय से तनाव से गुजर रहे हैं (Stress Aging), तो यह आपके लिए चिंता की बात है. शोध बताते हैं कि तनाव आपके जीवन और उम्र के लिए बढ़िया नहीं है. तनाव बायोलोजिकल एज को बढ़ा दे रहा है. जैविक उम्र को रिवर्स करना संभव नहीं है. कुछ प्राकृतिक उपाय बायोलोजिकल एज को रिवर्स कर सकते हैं.

तनाव रहने पर बायोलोजिकल एज हो सकता है रिवर्स

हार्वर्ड हेल्थ में प्रकाशित शोध के अनुसार, गर्भावस्था के दौर से गुजर रही महिलाओं, कोविड के मरीजों और सर्जरी कराने वाले मरीजों पर अध्ययन किया गया. अध्ययन में पाया गया कि तनाव जैविक उम्र को बढ़ा सकता है. यदि तनाव कम समय के लिए है, तो जैविक उम्र बढ़ने के लक्षण को उल्टा भी किया जा सकता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि गर्भावस्था के दौरान जैविक उम्र में वृद्धि हुई. यह परिवर्तन प्रसव के समय चरम पर था. बच्चे के जन्म के बाद यह समस्या हल हो गई. यानी यह रिवर्स हो गया.

लंबे समय तक तनाव में रहने पर बढ़ सकती है बायोलोजिकल एज (Biological age)

  • शोध में कोरोनावायरस (COVID-19) के मरीजों और सर्जरी से जूझ रहे मरीजों में भी बायोलोजिकल एज में वृद्धि देखी गई. अस्पताल से छुट्टी मिलते ही यह आंशिक रूप से रिवर्स हो गई थी.
  • शोध में क्रोनिक तनाव यानी लंबे समय तक तनाव से जूझने पर व्यक्ति में बायोलोजिकल एज बढ़ने और इंसुलिन प्रतिरोध में वृद्धि देखी गई. तनाव के कारण लोगों में कई तरह के रोग होने और बूढा दिखने के संकेत मिले.

बायोलोजिकल एज को रिवर्स करने के प्राकृतिक उपाय (reverse biological age)

  • वजन के अनुसार रेसिस्टेंस ट्रेनिंग

नेचर जर्नल के अनुसार, रेसिस्टेंस ट्रेनिंग मांसपेशियों को मजबूत करता है. यह बायोलोजिकल एक्टिविटी को ट्रिगर करता है, जो free radicals और ऑक्सीडेटिव तनाव को दूर करने में मदद करता है. यह ब्लड फ्लो को बढ़ाता है. यह फैट जलाने वाली मांसपेशियों को बनाए रखने में मदद करता है. ओबेसिटी जर्नल के अध्ययन के अनुसार इससे विसेरल फैट में कमी आती है, जो उम्र के साथ होने वाले हृदय रोग और मधुमेह से बचाव करता है.

  • एरोबिक एक्सरसाइज (Aerobic Exercise)

साइकिल चलाना, दौड़ना या अन्य सहनशक्ति बढाने वाले एक्सरसाइज से युवा महसूस किया जा सकता है. लंबी दूरी के साइकिल चालकों में कोलेस्ट्रॉल लेवल बैलेंस देखा गया. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने वाली टी-कोशिकाएं उम्र अधिक होने पर भी बनी रहीं. वेट-बेयरिंग एक्सरसाइज ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव करता है. कार्डियो एक्सरसाइज हार्ट को मजबूत बनाते हैं.

  • अधिक ओमेगा 3 फैटी एसिड लें

ओमेगा 3 फैटी एसिड एंटी इन्फ्लेमेट्री होते हैं, जो कोशिकाओं को अच्छी उम्र में रखने में मदद करते हैं. अलसी, फैटी फिश, ओलिव आयल, सीड्स, नट्स, एवोकेडो से इसे प्राप्त किया जा सकता है.
न्यूट्रिशन जर्नल के अनुसार, मछली, सब्जियां, साबुत अनाज और अपरिष्कृत कार्बोहाइड्रेट मृत्यु दर में 25 प्रतिशत की कमी लाता है. इससे डिमेंशिया और मेमरी लॉस को दूर करने में मदद मिलती है.

  • खानपान में हर्ब्स और एंटीऑक्सिडेंट शामिल करें (Herbs & anti oxidant)

अदरक और हल्दी शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं. अदरक एंटी इन्फ्लेमेट्री प्रभाव वाला होता है. यह कोलेस्ट्रॉल लेवल में सुधार करता है. हल्दी में पाए जाने वाले करक्यूमिन में भी सूजन-रोधी गुण होते हैं. शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाएं. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और बीमारी-संक्रमण से आपका बचाव होगा. लहसुन, प्याज, मिलेट, फरमेंटेड फ़ूड इसमें मदद करेंगे.
एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे कि हरी पत्तेदार सब्जियां, कलरफुल फल, केल, अजवाइन, अलसी को भोजन में शामिल करें.

  • पर्याप्त नींद लें

अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, नींद की कमी जैविक उम्र बढ़ने में तेजी लाती है. जो लोग रात में पांच घंटे से कम सोते हैं, उनकी वास्तविक आयु से 5.1 वर्ष अधिक बायोलोजिकल एज हो जाती है. इसलिए 7-8 घंटे नींद लेने की कोशिश करें.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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