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Hyperloop Test Track: सिर्फ 30 मिनट में तय होगा दिल्ली से जयपुर का सफर, 1100km की रफ्तार से ट्रेन भरेगी रफ्तार
Hyperloop Test Track: सिर्फ 30 मिनट में तय होगा दिल्ली से जयपुर का सफर, 1100km की रफ्तार से ट्रेन भरेगी रफ्तार
Authored By: JP Yadav
Published On: Wednesday, February 26, 2025
Updated On: Wednesday, February 26, 2025
Hyperloop Test Track: रेल मंत्रालय की मदद से आईआईटी मद्रास ने 422 मीटर लंबा एक ट्रैक तैयार किया है. इससे पहले देश में ऐसा कोई भी हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक नहीं बनाया गया है.
Authored By: JP Yadav
Updated On: Wednesday, February 26, 2025
Hyperloop Test Track : देश की राजधानी दिल्ली से राजस्थान के जयपुर शहर की दूरी सिर्फ 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी. यह सुनकर और पढ़कर किसी को भी हैरानी हो सकती है, लेकिन यह जल्द ही सच होने वाला है. आईआईटी मद्रास ने रेल मंत्रालय की मदद से देश का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक (Hyperloop Test Track) प्रस्तुत किया है. मिली जानकारी के अनुसार, देश का पहला हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक तैयार है, जिसके जरिये दिल्ली से जयपुर की दूरी 30 मिनट में पूरी की जा सकेगी. हालांकि, इसमें अभी समय लगेगा, क्योंकि फिलहाल 422 मीटर ही ट्रैक तैयार हुआ है.
सोशल मीडिया पर शेयर किया संबंधित वीडियो
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक का एक वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किया है, जिसकी चौतरफा चर्चा हो रही है. इस वीडियो को बड़ी संख्या में लोग देख चुके हैं. इस हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक की लंबाई 422 मीटर है. इस नई तकनीक के जरिये सिर्फ 30 मिनट में बिना जाम, देरी और बिना किसी झंझट के 350 किलोमीटर का सफर तय किया जा सकेगा.
सिर्फ 422 मीटर ट्रैक ही हुआ तैयार
बताया जा रहा है कि राजधानी से वंदे भारत तक का सफर तय करने वाले लोग जल्द ही 350 किमी के सफर को 30 मिनट में पूरा कर सकेंगे. यह अलग बात है कि फिलहाल 422 मीटर लंबा टेस्ट ट्रैक ही तैयार हो सका है, लेकिन रेल मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि इस पर तेजी से काम होगा. अगर इस पर तेजी से काम हुआ तो आने वाले कुछ सालों के दौरान यह सेवा देश में चालू हो सकती है.
क्या है हाइपरलूप तकनीक (What is Hyperloop Test Track)
विशेषज्ञों की मानें तो हाइपरलूप तकनीक एक एडवांस ट्रांसपोर्ट सिस्टम है. इस तकनीक के जरिये ट्रेन एक खास ट्यूब में फर्राटा भरती है. यह दो ओर से बंद होता है. इस तकनीक की सबसे बड़ी खूबी यह है कि इसके जरिये यात्री बेहद कम समय में एक सुरक्षित सफर का अनुभव कर सकते हैं. इस दौरान ट्रैक पर डिरेल जैसी संभावना नहीं के बराबर है. इसकी एक और खूबी यह है कि हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक की सफल टेस्टिंग के बाद ट्रांसपोर्ट सिस्टम पूरी तरह से बदल सकता है.
1100 kmph होगी रफ्तार
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव के मुताबिक, हाई स्पीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम हाइपरलूप के जरिये ट्रेन 1100 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ सकती है. जाहिर है कि इस तकनीकि में ऊर्जा भी कम लगती है और प्रदूषण भी नहीं होता है. माना जा रहा है कि रेलवे जल्द ही पहली हाइपरलूप परियोजना को शुरू करने की योजना बना रहा है.