यमन में निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने की कोशिशें तेज, केरल के CM ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

यमन में निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने की कोशिशें तेज, केरल के CM ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Monday, July 14, 2025

Last Updated On: Monday, July 14, 2025

Nimisha Priya केस पर पीएम मोदी को लिखी केरल सीएम की चिट्ठी
Nimisha Priya केस पर पीएम मोदी को लिखी केरल सीएम की चिट्ठी

यमन में एक नागरिक की हत्या के मामले में सजा काट रहीं भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी दी जानी है. उन्हें बचाने के प्रयास तेज हो गए हैं. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है. वहीं, भारतीय नर्स को बचाने से संबंधित याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई भी करेगा.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Monday, July 14, 2025

Nimisha Priya case: यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने की कोशिशें तेज हो गई हैं. यमन में एक नागरिक की हत्या मामले में यमन की अदालत ने भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी की सजा सुनाई है. प्रिया को यमन में 16 जुलाई को फांसी दिया जाना है. इस बीच केरल सीएम पिनराई विजयन ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केरल की नर्स निमिषा की जान बचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. 

वहीं सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) और विपक्षी कांग्रेस ने भी केंद्र से तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया है. वहीं, विदेश मंत्रालय ने कहा कि निमिषा के परिजनों को हरसंभव सहायता देने की दिशा में हम प्रयासरत हैं.

सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई

इस बीच सुप्रीम कोर्ट, भारतीय नर्स को बचाने से संबंधित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा. याचिका में केंद्र सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि वह भारतीय नर्स को बचाने के लिए राजनयिक माध्यमों का इस्तेमाल करे. जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है.  यह याचिका सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल नामक संगठन द्वारा दायर की गई है, जो नर्स की सहायता के लिए कानूनी सहायता दे रहा है.

कौन हैं निमिषा प्रिया और क्या है मौत की सजा का मामला?

निमिषा प्रिया केरल की रहने वाली एक भारतीय नर्स हैं, जिन्हें यमन में 2017 में अपने बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. जानकारी के अनुसार, केरल के पलक्कड़ जिले के कोलेंगोडे की नर्स निमिषा प्रिया 2008 में अपने गरीब माता-पिता की मदद के लिए यमन चली गई थीं. उन्होंने कई अस्पतालों में काम किया और आखिरकार अपना खुद का क्लिनिक खोलने का फैसला किया. 2017 में निमिषा प्रिया और उनके यमनी बिजनेस पार्टनर तलाल अब्दो महदी के बीच विवाद हो गया. 

बताया जाता है कि निमिषा ने तलाल को बेहोश करने के लिए एक सेडेटिव इंजेक्शन दिया, लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई. इसके बाद शव को टुकड़ों में काटकर छुपाने की भी कोशिश की गई. यमन की अदालत ने 2018 में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. अब 16 जुलाई 2025 को उनकी फांसी तय कर दी गई है. यह मामला तब और गंभीर हो गया जब यमन की सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अंतिम अपील भी खारिज कर दी.

क्या हैं निमिषा प्रिया के दावे?

निमिषा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था. कोर्ट में उनके वकील ने तर्क दिए थे कि महदी ने उन्हें शारीरिक यातनाएं दीं, उनका सारा पैसा छीन लिया, उनका पासपोर्ट जब्त कर लिया और बंदूक से धमकाया. निमिषा के वकील ने कोर्ट से कहा था कि वह सिर्फ बेहोशी की दवा देकर महदी से वापस अपना पासपोर्ट हासिल करना चाहती थीं लेकिन दुर्घटनावश दवा की मात्रा अधिक हो गई.

साल 2020 में सना की एक ट्रायल कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने नवंबर 2023 में फैसले को बरकरार रखा. हालांकि, उसने ब्लड मनी का विकल्प खुला रखा.

निमिषा को फांसी से बचाने में क्यों आ रही दिक्कत?

निमिषा के मामले में समस्या ये है कि मृतक मेहदी का परिवार ब्लड मनी लेने को राजी नहीं हो रहा. बिना उनके सहमत हुए यमन की अदालत या राष्ट्रपति कोई माफी नहीं दे सकते. भारत सरकार ने भी विदेश मंत्रालय के माध्यम से यमन में तमाम दरवाजे खटखटाए हैं, मगर वहां चल रहे गृहयुद्ध और हूथी विद्रोहियों के नियंत्रण के कारण ये प्रयास बेहद कठिन हो गए हैं. खबरों के मुताबिक, निमिषा प्रिया के परिवार ने पीड़ित परिवार को 1 मिलियन डॉलर (₹8.6 करोड़) ‘ब्लड मनी’ के तौर पर देने की पेशकश की है. 

(आएएनएस इनपुट के साथ)

About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.
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