संसद के बाहर विपक्ष का प्रदर्शन लगातार दूसरे दिन जारी, चुनाव आयोग और सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
Authored By: Ranjan Gupta
Published On: Tuesday, August 12, 2025
Last Updated On: Tuesday, August 12, 2025
चुनावों में कथित धांधली, वोट चोरी और एसआईआर प्रक्रिया को लेकर विपक्ष का संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा. सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने इसमें भाग लिया और भाजपा व चुनाव आयोग पर लोकतंत्र कमजोर करने के गंभीर आरोप लगाए.
Authored By: Ranjan Gupta
Last Updated On: Tuesday, August 12, 2025
चुनावों में कथित धांधली, वोट चोरी और एसआईआर प्रक्रिया पर राजनीतिक हंगामा लगातार दूसरे दिन भी बरकरार है. (Parliament protest by opposition) मंगलवार को विपक्ष के सदस्यों ने संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत ‘इंडिया’ ब्लॉक के लगभग सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया. विपक्षी दलों का आरोप है कि चुनाव आयोग और भाजपा मिलकर वोट चोरी कर रहे हैं और मतदाता सूची में हेरफेर कर जनता के अधिकार छीन रहे हैं. विपक्ष ‘124 साल की मिंता देवी’ की टी-शर्ट पहनकर आया, जिनका कथित तौर पर फर्स्ट वोटर में नाम दर्ज है.
SIR पर चर्चा से सरकार बच रही है?
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के नेताओं ने कहा कि यह लोकतंत्र को बचाने की लंबी लड़ाई है और एसआईआर पर चर्चा से सरकार बच रही है. एसआईआर पर कांग्रेस सांसद कार्ति पी. चिदंबरम ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा, “यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है. अगर चुनाव आयोग की पूरी बुनियाद ही संदेह के घेरे में है, तो चुनाव नतीजे भी संदिग्ध हैं और लोकतंत्र कमजोर होता है. इस मुद्दे को लगातार उठाया जाना चाहिए क्योंकि यह हमारी चुनावी और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की वैधता पर सवाल उठाता है.”
विपक्ष के सांसदों को हिरासत में लिया गया
- कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह पहली बार हुआ है जब करीब 300 सांसद सड़क पर उतरे. सभी सांसद शांतिपूर्वक चुनाव आयोग की ओर जा रहे थे, लेकिन उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया गया. इसके बाद विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया, जबकि इसी बीच सरकार ने संसद में बिल पारित कर दिया. तिवारी ने इसे एक तरह की तानाशाही बताया. उन्होंने कहा, “मतदाता सूची से जुड़ी शिकायतों पर चुनाव आयोग को तुरंत कदम उठाना चाहिए था. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने भी पुख्ता सबूत पेश किए थे, ऐसे में स्वस्थ और पारदर्शी चुनाव के लिए आयोग को पूरी जांच करनी चाहिए थी.”
- कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, “विपक्ष हर तरीके से सरकार को जगाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन सरकार ने ठान लिया है कि वह कुछ सुनने को तैयार नहीं है और सदन की कार्यवाही बाधित करती रहेगी.”
चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अब भाजपा का एक विभाग बन चुका है. उन्होंने कहा, “फर्जी वोटर तैयार करना भाजपा की आदत बन चुकी है.” कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा, “हरियाणा और महाराष्ट्र में माहौल साफ था कि भाजपा की सरकार नहीं बनेगी, लेकिन नतीजे पूरी तरह उलट आए. मिंता देवी जैसे मामलों से साफ है कि यह भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत का हिस्सा है. कांग्रेस पार्टी इसे लेकर पूरे देश में सच उजागर करेगी.”
समाजवादी पार्टी का रुख
समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव ने कहा कि पिछले 10 दिनों से संसद में हमारी सिर्फ एक मांग है कि SIR पर चर्चा हो. सरकार बार-बार कहती है कि वह चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन जिस मुद्दे पर हम बात करना चाहते हैं, उस पर चर्चा क्यों नहीं हो रही? समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा, “लोकतंत्र को बचाने की यह एक लंबी लड़ाई है. हमारी पार्टी ने 18,000 हलफनामे और सबूत जमा किए हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने अब तक कोई जवाब नहीं दिया है.”
ये भी पढ़ें:- SIR पर बड़ा बवाल, विपक्षी नेताओं ने यूं दी दिल्ली में गिरफ्तारियां