SIR पर बड़ा बवाल, विपक्षी नेताओं ने यूं दी दिल्ली में गिरफ्तारियां
Authored By: सतीश झा
Published On: Monday, August 11, 2025
Last Updated On: Monday, August 11, 2025
चुनावी राज्य बिहार (Bihar Assembly Election 2025 ) में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान कथित “वोट चोरी” के आरोपों को लेकर इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने सोमवार को संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च निकालने की कोशिश की. विपक्षी नेताओं का यह मार्च पुलिस ने रोक दिया. इस दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, शिवसेना (उद्धव) के संजय राउत, पत्रकार से नेता बनीं सागरिका घोष समेत कई सांसदों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
Authored By: सतीश झा
Last Updated On: Monday, August 11, 2025
राजधानी दिल्ली में आज SIR को लेकर जबरदस्त राजनीतिक हंगामा देखने को मिला. (SIR controversy Delhi arrests) विपक्षी दलों के नेताओं ने सड़कों पर उतरकर जमकर नारेबाजी की और प्रतीकात्मक गिरफ्तारियां दीं. सुबह INDIA ब्लॉक के सांसदों ने SIR के विरोध में संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला. इस दौरान उन्होंने सरकार पर जनता की आवाज दबाने का आरोप लगाया और नारेबाजी की. मार्च शुरू होते ही बड़ी संख्या में सांसद और कार्यकर्ता संसद परिसर से निकलकर चुनाव आयोग की ओर बढ़े। लेकिन रास्ते में दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक लिया और कई नेताओं को हिरासत में ले लिया.
सुबह से ही संसद मार्ग और जंतर-मंतर इलाके में विपक्षी पार्टियों के कार्यकर्ताओं और नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेड लगाए, लेकिन भीड़ ने “SIR वापिस लो” और “जनता के साथ अन्याय बंद करो” जैसे नारे लगाते हुए आगे बढ़ने की कोशिश की. इस दौरान कई वरिष्ठ विपक्षी नेताओं को हिरासत में लिया गया. इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री, सांसद और प्रदेश अध्यक्ष शामिल हैं. पुलिस का कहना है कि यह गिरफ्तारी एहतियातन की गई ताकि कानून-व्यवस्था बिगड़ने न पाए. विपक्ष का आरोप है कि SIR सरकार का “जनविरोधी कदम” है, जो जनता की आवाज दबाने की कोशिश है.
यह राजनीतिक नहीं, संविधान बचाने की लड़ाई
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सोमवार को कहा कि देश में चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए और मतदाता सूची निष्पक्ष बने. राहुल गांधी ने कहा, “वो बात नहीं कर सकते हैं, हकीकत यह है. सच्चाई देश के सामने है और यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, यह एक व्यक्ति, एक वोट की लड़ाई है. हमें एक साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहिए.”
बैरिकेड कूदते नजर आए अखिलेश यादव, वीडियो वायरल
मार्च के दौरान दिल्ली पुलिस ने परिवहन भवन के पास बैरिकेड्स लगाकर नेताओं को रोक दिया. इस बीच, सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) समेत कई विपक्षी नेता बैरिकेड्स कूदते हुए नजर आए. इन तस्वीरों और वीडियो ने सोशल मीडिया पर तेजी से जगह बना ली है और अब यह वायरल (Viral Post) हो रहा है. विपक्ष का आरोप है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकना लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है, जबकि पुलिस का कहना है कि सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मद्देनजर यह कदम उठाया गया.
30 सेकंड भी मार्च नहीं करने दे रही सरकार” – कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल का आरोप
- SIR के खिलाफ विपक्ष के चुनाव आयोग मार्च पर रोक को लेकर कांग्रेस सांसद के.सी. वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. वेणुगोपाल ने कहा, “पुलिस और सरकार हमें 30 सेकंड भी मार्च नहीं करने दे रही है. वे हमें यहीं रोकना चाहते हैं. देश में यह कैसा लोकतंत्र है? सांसदों को चुनाव आयोग जाने की आज़ादी नहीं है. अब वे कह रहे हैं कि सिर्फ 30 लोग ही आ सकते हैं.”
- कांग्रेस सांसद ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताते हुए कहा कि विपक्ष की शांतिपूर्ण आवाज़ को दबाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने मांग की कि सांसदों को बिना किसी पाबंदी के चुनाव आयोग तक जाने दिया जाए, ताकि वे जनता की चिंताओं को वहां रख सकें.
चुनाव आयोग मार्च पर DCP देवेश कुमार महला का बयान, 200 से ज्यादा नेताओं को रोका गया
SIR के खिलाफ INDIA ब्लॉक सांसदों के विरोध मार्च को लेकर दिल्ली पुलिस ने अपनी सफाई दी है. नई दिल्ली जिले के DCP देवेश कुमार महला ने बताया कि पुलिस लगातार चुनाव आयोग से संपर्क में थी और आयोग ने पहले ही स्पष्ट किया था कि पार्टी के केवल 30 प्रतिनिधियों को ही वहां आने की अनुमति है. DCP महला ने कहा, “चुनाव आयोग ने हमें एक लेटर भेजा था, जिसमें लिखा था कि पार्टी के अधिकतम 30 लोग चुनाव आयोग तक आ सकते हैं. लेकिन आज यहां 200 से ज्यादा नेता पहुंच गए थे। सुरक्षा और कानून-व्यवस्था की दृष्टि से उन्हें रोका गया.” उन्होंने यह भी बताया कि कुछ सांसदों ने बैरिकेड पार करने की कोशिश की, जिसके चलते मौके पर सुरक्षा बलों को सख्ती बरतनी पड़ी.
पुलिस का कहना है कि भीड़ को काबू में रखने और चुनाव आयोग के दफ्तर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया गया. वहीं, विपक्षी दल इस कार्रवाई को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बता रहे हैं.
मल्लिकार्जुन खरगे का सवाल, “सरकार को आखिर किस बात का डर?”
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार पर निशाना साधा है. खरगे ने कहा, “अगर कोई सरकार चुनाव आयोग कार्यालय तक पहुंचने नहीं देती तो उस सरकार को क्या डर है, यह हमें नहीं पता… यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन है.” उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष की आवाज़ दबाने की कोशिश की जा रही है. लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन हो रहा है. खरगे ने कहा कि विपक्ष सिर्फ चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर अपनी बात रखना चाहता था, लेकिन उसे भी रोक दिया गया.
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