ADR की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, 755 सांसदों और 3938 विधायकों में से 151 महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामले
Authored By: सतीश झा
Published On: Thursday, August 22, 2024
Updated On: Thursday, August 22, 2024
देशभर के 755 सांसदों और 3938 विधायकों के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। ADR रिपोर्ट के अनुसार, 151 मौजूदा सांसदों और विधायकों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों की घोषणा की है। इन मामलों में गंभीर आरोप शामिल हैं, जिनमें महिलाओं के प्रति हिंसा, उत्पीड़न, और अन्य अपराध शामिल हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 25 जनप्रतिनिधियों (सांसदों और विधायकों) के खिलाफ महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले दर्ज हैं। यह आंकड़ा पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में शामिल जनप्रतिनिधियों की सबसे बड़ी संख्या है।
रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि देशभर में कुल 151 जनप्रतिनिधि, जिनमें 16 सांसद और 135 विधायक शामिल हैं, ने अपने चुनावी हलफनामों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। एडीआर (ADR) ने 2019 से 2024 के बीच हुए चुनावों के दौरान निर्वाचन आयोग को सौंपे गए मौजूदा सांसदों और विधायकों के 4,809 हलफनामों में से 4,693 की जांच की।
इस जांच में पाया गया कि 16 सांसद और 135 विधायक महिलाओं के खिलाफ अपराधों से जुड़े मामलों का सामना कर रहे हैं। इनमें बलात्कार, छेड़छाड़, और घरेलू हिंसा जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं।
इस रिपोर्ट ने राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि जनता के प्रतिनिधियों के खिलाफ ऐसे गंभीर आरोपों का सामने आना लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती माना जा रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, जिन सांसदों और विधायकों ने ये मामले घोषित किए हैं, उनमें से कुछ पर बलात्कार, छेड़छाड़ और महिलाओं के खिलाफ हिंसा जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। यह स्थिति उन सवालों को उठाती है कि महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए जिम्मेदार लोग स्वयं इन अपराधों में शामिल हो सकते हैं।
चौंकातें हैं ये आंकड़ें
151 मौजूदा सांसदों/विधायकों में से, जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित मामलों की घोषणा की है, 16 मौजूदा सांसदों/विधायकों ने बलात्कार (आईपीसी धारा-376) से संबंधित मामलों की घोषणा की है और जो कोई भी एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार करेगा, उसे कठोर कारावास की सजा दी जाएगी। जिसकी अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन कारावास तक बढ़ सकती है (आईपीसी धारा-376(2)(एन))।
बलात्कार से संबंधित घोषित मामलों वाले इन 16 मौजूदा सांसदों/विधायकों में से 2 मौजूदा सांसद और 14 मौजूदा विधायक हैं। यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जब देशभर में महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों पर चिंता और बहस बढ़ रही है। अब देखना होगा कि इस रिपोर्ट के बाद सरकार और राजनीतिक दल क्या कदम उठाते हैं और क्या इस मुद्दे को गंभीरता से लिया जाएगा।
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