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विकास की लिखी जाएगी नई गाथा, भारत और अबु धाबी के शासकों की नई पीढ़ी के साथ पहली बार कारोबारी समझौता
विकास की लिखी जाएगी नई गाथा, भारत और अबु धाबी के शासकों की नई पीढ़ी के साथ पहली बार कारोबारी समझौता
Authored By: सतीश झा
Published On: Tuesday, September 10, 2024
Updated On: Tuesday, September 10, 2024
यह पहली बार है जब भारत ने संयुक्त अरब अमीरात के शासकों की नई पीढ़ी से आधिकारिक तौर पर संबंध स्थापित किए हैं। इन समझौतों में गुजरात सरकार और अबु धाबी की एक प्रमुख कंपनी के बीच एक समझौता भी शामिल है, जिसके तहत भारत में कई फूड पार्क बनाए जाएंगे। इन फूड पार्कों के जरिए कृषि और खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा और दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को नई दिशा मिलेगी।
भारत और अबु धाबी के बीच व्यापारिक और कूटनीतिक संबंधों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। अबु धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालेद बिन मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती देने के लिए कई अहम मुद्दों पर चर्चा की और परमाणु ऊर्जा, तेल, और फूड पार्क से जुड़े समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इस यात्रा और समझौतों के जरिए भारत और अबु धाबी के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा और गति मिली है, जो दोनों देशों के आपसी हितों और वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
ऊर्जा (Energy) और परमाणु (Nuclear) क्षेत्र में सहयोग
भारत और अबु धाबी के बीच हुए समझौतों में ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। अबु धाबी भारत को लंबे समय तक तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की आपूर्ति करेगा। इसके अलावा, यूएई के परमाणु संयंत्र के संचालन और रखरखाव के लिए भी भारत के साथ एक समझौता किया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच तकनीकी और व्यावसायिक साझेदारी मजबूत होगी।
यात्रा के दौरान निम्नलिखित समझौता ज्ञापन/समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे पारंपरिक एवं आपसी सहयोग के नए क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है-
- न्यूक्लियर पावर कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड( एनएनपीसीआईएल) और एमिरेट्स न्यूक्लियर एनर्जी कार्पोरेशन ( ईएनईसी) के बीच परमाणु सहयोग पर समझौता ज्ञापन
- दार्घावधि एलएनजी आपूर्ति को लेकर अबू धाबी आयल कंपनी(एडीएनओसी) और इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड के बीच समझौता
- एडीएनओसी और भारतीय सामरिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड (आईएसपीआरएल) के बीच समझौता
- अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक 1 के लिए ऊर्जा भारत और एडीएनओसी के बीच उत्पादन रियायत समझौता
- भारत में फूड पार्क के विकास के लिए गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी पीजेएससी (एडीक्यू) के बीच समझौता ज्ञापन
- परमाणु ऊर्जा पर हुए समझौता ज्ञापन से परमाणु ऊर्जा प्लांट के ऑपरेशन और रखरखाव, परमाणु ऊर्जा से जुड़े सामान और सेवाओं को भारत से मंगाने, आपसी निवेश के अवसरों को खोजने और कौशल विकास के क्षेत्र में सहयोग में बढ़ोत्तरी होगी।
- दीर्घावधि एलएनजी आपूर्ति समझौता प्रतिवर्ष 1 मिलियन मीट्रिक टन ( एमएमटीपीए) के लिए है और एक वर्ष की अवधि में तीसरा ऐसा समझौता किया गया है। आईओसीएल और जीएआईएल ने इससे पहले एडीएनओसी के साथ क्रमश: 1.2 एमएमटीपीए और 0.5 एमएमटीपीए के दीर्घावधि समझौते किए हैं। इन समझौतों से एलएनजी स्रोतों में विविधता के ज़रिए भारत में ऊर्जा सुरक्षा को और मज़बूती मिली है।
इसके अलावा एडीएनओसी और आईएसपीआरएल के बीच समझौते से एडीएनओसी, भारत में कच्चे तेल के भंडारण से जुड़े अधिक अवसर प्राप्त कर पाएगी और भंडारण और प्रबंधन समझौतों को परस्पर स्वीकृति के आधार पर नवीनीकृत कर पाएगी। ये समझौता ज्ञापन आईएसपीआरएल की मैंगलोर केवर्न के कच्चे तेल के भँडारण में वर्ष 2018 से एडीएनओसी की भागीदारी पर आधारित है।
ऊर्जा भारत( आईओसीएल का संयुक्त उपक्रम) और एडीएनओसी के बीच अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक 1 के लिए उत्पादन रियायत समझौता यूएई में भारत की किसी भी कंपनी के लिए पहला अवसर है। इसके तहत ऊर्जा भारत , कच्चे तेल को भारत ला सकता है, जिससे देश की ऊर्जा सुरक्षा में मज़बूती आएगी।
मुंबई में उद्योगपतियों से मुलाकात
अबु धाबी के क्राउन प्रिंस मंगलवार को मुंबई का दौरा करेंगे, जहां वे दोनों देशों के प्रमुख उद्योगपतियों और व्यापारिक नेताओं से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में व्यापार और निवेश के अवसरों पर चर्चा की जाएगी, जिससे भारत और यूएई के बीच व्यापारिक रिश्ते और अधिक सुदृढ़ होंगे।
महत्वपूर्ण संबंधों की शुरुआत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस अवसर पर कहा कि भारत और यूएई के बीच यह सहयोग दोनों देशों के विकास और समृद्धि में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। शेख खालेद बिन मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान की भारत यात्रा ने दोनों देशों के रिश्तों में एक नया आयाम जोड़ा है, जो भविष्य में और भी अधिक सशक्त और लाभप्रद साबित होगा।