कनाडा में हिन्दू मंदिर पर खालिस्तान समर्थकों का हमला, विश्व हिंदू परिषद ने कनाडा सरकार को घेरा

Authored By: सतीश झा

Published On: Monday, November 4, 2024

hindu temple attacked by khalistani in canada

समूची दुनिया में ’मिनी पंजाब’ के नाम से मशहूर कनाडा में फिर हिन्दुओं की आस्था पर चोट की गई है। खालिस्तान समर्थकों ने इस बार ब्रैम्पटन में हिन्दू सभा मंदिर को निशाना बनाया है। इन लोगों ने हिन्दू श्रद्धालुओं के साथ जमकर मारपीट की। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हमले की कड़ी निंदा की है।

विहिप अध्यक्ष ने कहा कि कनाडा की वर्तमान सरकार और खालिस्तानी समर्थकों को यह नहीं भूलना चाहिए कि वहां के हिंदुओं को भी अपनी आत्मरक्षा का अधिकार प्राप्त है और आवश्यकता पड़ने पर वह इसका प्रयोग करेंगे ही।

हिन्दू कैनेडियन फाउंडेशन के आधिकारिक एक्स हैंडल पर जारी वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि खालिस्तान समर्थक ब्रैम्पटन के हिन्दू सभा मंदिर में श्रद्धालुओं के साथ मारपीट कर रहे हैं। हिन्दू कैनेडियन फाउंडेशन गैर लाभकारी संगठन है। यह कनाडा में हिन्दू समुदाय के लिए काम करता है। संगठन ने एक्स पर कहा कि खालिस्तानी आतंकवादियों ने बच्चों और महिलाओं पर हमला किया।

ओटावा में भारतीय उच्चायोग का इस घटना पर बयान आया है। उच्चायोग ने कहा कि ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर और काउंसुलर कैंप के बाहर भारतविरोधी तत्वों का हिंसक व्यवधान बेहद निराशाजनक है। हम भारतीय नागरिकों सहित आवेदकों की सुरक्षा के लिए भी बहुत चिंतित हैं। कनाडा के प्रमुख विपक्षी नेता पियरे पोलीवरे ने हिन्दू सभा मंदिर पर हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि कनाडा हिंदुओं की रक्षा नहीं कर पा रहा।

टोरंटो के सांसद केविन वुओंग ने भी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि कनाडा आज कट्टरपंथियों के लिए सुरक्षित जगह बन गया है। कनाडा के नेता हिन्दुओं की रक्षा करने में विफल रहे हैं, ठीक उसी तरह जैसे वे ईसाई और यहूदी कनाडाई लोगों की रक्षा करने में विफल रहे।

इस घटना को लेकर विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष श्री आलोक कुमार ने आज कहा है कि कनाडा में हिन्दू मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों द्वारा किया गया हमला बेहद निंदनीय है। वहां भारतीय दूतावास द्वारा एक कैम्प का आयोजन किया गया था। दूतावास ने इसकी पूर्व सूचना 3 दिन पहले कनाडा सरकार को दी थी और उचित सुरक्षा का आग्रह भी किया था। इसे नजरअंदाज कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि अभी 31 अक्टूबर को दीवाली के अवसर पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो ने अपने वक्तव्य में यह कहा था कि “इंडो-कैनेडियन कनाडा के सर्वश्रेष्ठ का प्रतिनिधित्व करते है”

उन्होंने यह भी कहा कि “हम हिन्दू कनाडाई लोगो की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे ताकि वे स्वतंत्र रूप से और गर्व से अपने धर्म का पालन कर सकें। ” उनकी यह घोषणा खोखली साबित हुई।

विहिप अध्यक्ष ने कहा कि कनाडा में मंदिर पर हमले की यह पहली घटना नहीं है। इसके पहले भी ग्रेटर टोरंटो, ब्रिटिश कोलंबिया और ब्रैंपटन में हिंदू मंदिरों पर हमला हो चुका है।

कनाडा में जस्टिन ट्रुडो की लोकप्रियता कम हुई है। उनके ही सांसदों ने सार्वजनिक रूप से उनसे त्यागपत्र मांगा है। उनकी कुर्सी खालिस्तानी समर्थक सांसदों पर टिकी है इसलिए उनका खुला समर्थन खालिस्तानियों के साथ है। उनके इस रवैये के कारण भारत और कनाडा के बीच रिश्ते भी खराब हुए हैं। कनाडा देश के मूल सिद्धांत लोकतंत्र, कानून का राज और धर्मनिरपेक्षता का भी हनन है। हम हिन्दू मंदिर पर हुए हमले की भर्त्सना करते है।

About the Author: सतीश झा
समसामायिक मुद्दों पर बीते दो दशक से लेखन। समाज को लोकदृष्टि से देखते हुए उसे शब्द रूप में सभी के सामने लाने की कोशिश।

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