Valentine’s Day 2025 : प्यार-मोहब्बत से जुड़ा नहीं है वैलेंटाइन डे, जानें इतिहास

Valentine’s Day 2025 : प्यार-मोहब्बत से जुड़ा नहीं है वैलेंटाइन डे, जानें इतिहास

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, February 10, 2025

Updated On: Tuesday, February 11, 2025

Valentine's Day 2025: Pyaar-Mohabbat Se Juda Nahi Hai Valentine’s Day, Janein Itihaas
Valentine's Day 2025: Pyaar-Mohabbat Se Juda Nahi Hai Valentine’s Day, Janein Itihaas

अब भले ही वैलेंटाइन डे को रोमांस दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन इसका इतिहास प्यार-मोहब्बत से जुड़ा नहीं रहा है. इस साल (Valentine's Day 2025) शुक्रवार, 14 फरवरी को मनाया जा रहा है.

Authored By: स्मिता

Updated On: Tuesday, February 11, 2025

Valentine’s Day 2025: वैलेंटाइन डे हमेशा 14 फरवरी को पड़ता है, लेकिन सप्ताह का दिन हर साल बदलता रहता है. 2025 में, वैलेंटाइन डे शुक्रवार को मनाया जाएगा. कुछ इतिहासकार मानते हैं कि इसकी जड़ें प्राचीन रोमन त्योहार लूपरकेलिया में हैं. हर साल 15 फरवरी को मनाया जाने वाला लूपरकेलिया वसंत और प्यार-मोहब्बत के आगमन के जश्न के रूप में मनाया जाता था. इस अवसर पर पशु बलि, बहुत नशाखोरी आम था. संभवतः एक अनुष्ठान के माध्यम से स्त्री-पुरुष का जोड़ा चुना जाता था. 5वीं शताब्दी के अंत में पोप गेलैसियस 1 ने इस उत्सव को गैरकानूनी घोषित कर दिया. बहुत बाद में सेंट वैलेंटाइन के नाम पर वैलेंटाइन डे (Valentine’s Day ) मनाया जाने लगा.

कौन थे सेंट वैलेंटाइन (Saint Valentine)?

सेंट वैलेंटाइन को गरीब-असहाय और प्रेमी जोड़ों का संरक्षक संत माना जाता था. उनके वास्तविक जीवन के बारे में बहुत कम जानकारी मौजूद है. वैलेंटाइन या वैलेंटाइनस नामक एक ईसाई व्यक्ति के बारे में कई कहानियां मौजूद हैं, जो 14 फरवरी को तीसरी शताब्दी ई. में शहीद हो गए थे. एक कहानी के अनुसार, सेंट वैलेंटाइन एक रोमन पुजारी और चिकित्सक थे. उन्होंने बुतपरस्ती अपनाने से इनकार कर दिया था और उन्हें लगभग 270 ई. में सम्राट क्लॉडियस द्वितीय ने मार डाला था. अपने वध से पहले उन्होंने अपने जेलर की बीमार बेटी को आश्चर्यजनक रूप से ठीक किया था. जैसा कि किंवदंती है उन्हें जेलर की बेटी से प्यार हो गया और अपने मारे जाने के दिन उन्होंने उसे एक पत्र लिखा था.
एक अन्य कहानी के अनुसार, सेंट वैलेंटाइन को इसलिए मार दिया गया, क्योंकि उन्होंने गुप्त रूप से उन सैनिकों की शादियां करवाईं, जिन्हें क्लॉडियस द्वितीय के एक आदेश के अनुसार विवाह करने से मना किया गया था. तथ्य इतने अस्पष्ट हैं कि कैथोलिक चर्च ने उन्हें 1969 में जनरल लिटर्जिकल कैलेंडर से हटा दिया, लेकिन वे आज भी एक संत के रूप में लोकप्रिय हैं.

एक कविता से जुड़ी है वैलेंटाइन डे की कहानी (Story of Valentine Day)

14वीं शताब्दी से पहले सेंट वैलेंटाइन डे मुख्य रूप से एक ईसाई शहीद का सम्मान करने के लिए मनाया जाता था. सेंट वैलेंटाइन डे को रोमांस से जोड़ने का श्रेय अंग्रेजी कवि जेफ्री चौसर को दिया जाता है. चौसर मध्य युग के कवि थे, जब प्रेम और मोहब्बत कविता, गीत, पेंटिंग के जरिए अभिव्यक्त किया जाता था. उनकी कविता “द पार्लियामेंट ऑफ़ फाउल्स” में, जो संभवतः राजा रिचर्ड द्वितीय की सगाई होने पर लिखी गई थी. कवि ने इसमें सेंट वैलेंटाइन डे पर प्रतीक स्वरुप पक्षियों को अपने साथी चुनने के लिए इकट्ठा होने के बारे में भी लिखा. तब से वैलेंटाइन डे को रोमांटिक प्रेम के दिन के रूप में देखा और उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा.

कैसे मनाया जाने लगा वैलेंटाइन वीक (Valentine Week)

ग्लोबलाइजेशन के दौर में वैलेंटाइन डे को जश्न मनाने के रूप में देखा जाने लगा. इसके लिए पूरे एक सप्ताह की तैयारी की जाने लगी. फरवरी महीने में 7 से 14 तारीख तक, प्यार के सात दिन मनाए जाने लगे. इसकी शुरुआत रोज डे से हो जाती है. रोज़ डे (7 फरवरी), प्रपोज़ डे (8 फरवरी), चॉकलेट डे (9 फरवरी), टेडी डे (10 फरवरी), प्रॉमिस डे (11 फरवरी), हग डे (12 फरवरी), किस डे (13 फरवरी) के साथ वैलेंटाइन डे (14 फरवरी) मनाया जाने लगा.

About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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