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Akshay Navmi 2025 :आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने पर शांति और समृद्धि की प्राप्ति
Authored By: स्मिता
Published On: Tuesday, September 16, 2025
Last Updated On: Tuesday, September 16, 2025
Akshay Navmi 2025 : अक्षय नवमी आंवला नवमी के रूप में भी जाना जाता है. यह कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष के नौवें दिन मनाया जाता है. इस वर्ष अक्षय नवमी शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025 को है. अक्षय नवमी के अवसर पर आंवला वृक्ष के नीचे भोजन करने पर शांति सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है.
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Tuesday, September 16, 2025
Akshay Navmi 2025: अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष की पूजा, ध्यान और पेड़ के नीचे भोजन पकाने से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. आंवला कफ, वात और पित्त का नाश करता है. शरीर में इन तीनों दोषों का असंतुलन व्यक्ति पर सत, रज और तम गुणों के प्रभाव को भी बढ़ाता या घटाता है. यह अमृतफल व्यक्ति को ‘सदा युवा’ बनाता है और दृष्टि को बेहतर बनाने में मदद करता है. इसलिए आंवले को वैद्यराज की उपाधि दी जाती है. कार्तिक माह में आंवले का सेवन धार्मिक दृष्टिकोण से भी उत्तम माना जाता है. जानते हैं अक्षय नवमी उत्सव (Akshay Navmi) की महत्ता.
शुभ कार्य का फल
कार्तिक माह की नवमी तिथि वैशाख शुक्ल अक्षय तृतीया, माघ शुक्ल अचला सप्तमी की श्रेणी की तीन अक्षय तिथियों में भी सम्मिलित है. मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक किया गया कार्य व्यर्थ नहीं जाता है. इस तिथि पर किए गए शुभ कार्य का फल हमेशा मिलता है. इस त्योहार के अवसर पर जरूरतमंदों को दान पुण्यदायक माना जाता है. अक्षय नवमी तिथि की महत्ता इससे भी स्पष्ट है कि 10 अवतारों में सर्वाधिक चार अवतार मत्स्य, कूर्म, वाराह और नृसिंह अवतार इसी युग में होता है.
कब है अक्षय नवमी (Akshay Navmi 2025 Date)
अक्षय नवमी शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2025 को है. अक्षय नवमी का आध्यात्मिक महत्व
- सत्य युगादि – यह दिन सत्य युग की शुरुआत का प्रतीक है. यह सभी दान-पुण्य के कार्यों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इनका फल कभी कम नहीं होता है.
- आंवला वृक्ष पूजा – यह दिन आंवले के वृक्ष की पूजा के लिए समर्पित है, जिसे समृद्धि, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास का प्रतीक माना जाता है.
- सत्य संकल्प का दिन – अक्षय नवमी सत्य संकल्प का दिन है. यह दिन किसी तरह का खराब आचरण और बुरा व्यवहार नहीं करने की प्रेरणा देता है. वास्तव में जीवन का प्रत्येक क्षण सत्य के साथ व्यतीत करना चाहिए. अक्षय नवमी पर रामभक्ति संप्रदाय के भक्त अयोध्या की परिक्रमा करते हैं. कृष्णभक्ति संप्रदाय के भक्त मथुरा की परिक्रमा करते हैं. इस प्रकार अक्षय नवमी नवद्वारों से युक्त शरीर को स्वस्थ रखने का भी एक अनुकूल काल है. स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन का निवास होता है. अक्षय नवमी मन को एकाग्रचित्त करने का भी संकल्प दिलाता है.
क्या कहते हैं पुराण
स्कन्दपुराण के वैष्णव खंड में कार्तिक माह की महत्ता पर बहुत अधिक लिखा गया है. कथा है कि जब पूरा जगत जल में डूब गया था तब ब्रह्माजी विचलित हो गए. वे परब्रह्म के दर्शन के लिए इतने व्याकुल हुए कि नारायण के दर्शन के लिए उनकी आंखों से आंसू निकले. आंसुओं की बूंदे धरती पर पड़ी, जिससे आंवला वृक्ष उत्पन्न हुआ. आंवला नारायण को बहुत प्रिय माना जाता है.
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