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महाभारत काल के कटासराज मंदिर (पाकिस्तान) में भारतीयों ने की पूजा-अर्चना
Authored By: स्मिता
Published On: Thursday, December 26, 2024
Last Updated On: Thursday, December 26, 2024
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत स्थित है कटास राज मंदिर (Pakistan Katas Raj Mandir)। मान्यता है कि यह मंदिर महाभारत कालीन है। यहीं पर पांडवों ने अपने वनवासी जीवन का एक बड़ा हिस्सा बिताया था। हाल में कटास राज मंदिर चर्चा में आ गया, क्योंकि हाल में 70 भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों का दल पूजा-अर्चना के बाद लौटा है।
Authored By: स्मिता
Last Updated On: Thursday, December 26, 2024
महाभारत काल से मौजूद है पाकिस्तान स्थित कटास राज मंदिर (Pakistan Katas Raj Mandir)। यहां पर पांडवों ने अपने वनवासी जीवन का लंबा समय व्यतीत किया था। हाल में 70 भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों का एक दल यहां आया और पूजा-अर्चना की। भारत लौटने के समय वाघा सीमा पर पाकिस्तानी अधिकारियों ने विशेष उपहार और गुलदस्ते भेंट कर तीर्थयात्रियों को विदा किया। कटास राज के अलावा, पाकिस्तान में प्रमुख हिंदू मंदिर हैं श्री हिंगलाज माता मंदिर (Shri Hinglaj Mata temple)। हिंगलाज यात्रा पाकिस्तान में सबसे बड़ी हिंदू तीर्थयात्रा होती है, जिसमें 250,000 से अधिक तीर्थयात्री भाग लेते हैं।
कृष्ण मंदिर और वाल्मीकि मंदिर के भी दर्शन (Krishna Mandir)
पाकिस्तान में अपनी सात दिवसीय यात्रा के दौरान हिंदू तीर्थयात्रियों ने कटास राज मंदिर में सभी धार्मिक अनुष्ठान पूरा किया। इसके साथ लाहौर में रावी रोड पर कृष्ण मंदिर और अनारकली में वाल्मीकि मंदिर के भी दर्शन किए। दर्शन-पूजन के अलावा, भारतीय नागरिकों ने लाहौर किले के साथ अनारकली बाजार का भी दौरा किया। दर्शन के पश्चात स्वदेश वापसी के वक्त इवैक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के अतिरिक्त सचिव (तीर्थस्थान) सैफुल्लाह खोखर ने वाघा सीमा पर तीर्थयात्रियों को विदा करते हुए गुलदस्ते और उपहार भेंट किए। सैफुल्लाह खोखर ने कहा कि तीर्थयात्रियों के इस भ्रमण कार्यक्रम से दोनों देशों के बीच स्थिति बेहतर होगी।
कटास तालाब से घिरा है मंदिर (Katas Talab)
श्री कटास राज मंदिर, जिसे किला कटास के नाम से भी जाना जाता है। यह कई हिंदू मंदिरों का एक परिसर है, जो एक-दूसरे से पैदल मार्गों द्वारा जुड़े हुए हैं। मंदिर परिसर कटास नामक एक तालाब से घिरा हुआ है, जिसे हिंदू पवित्र मानते हैं। यह परिसर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पोटोहर पठार क्षेत्र स्थित है। हिंदू परंपरा के अनुसार ये मंदिर महाभारत काल के हैं और माना जाता है कि यहीं पर पांडव भाइयों ने अपने निर्वासन का एक बड़ा हिस्सा बिताया था। हिंदुओं का यह भी मानना है कि यह वह स्थान है, जहां पांडवों ने यक्षों के साथ पहेली प्रतियोगिता में भाग लिया था, जैसा कि यक्ष प्रश्न में वर्णित है।
पौराणिक कथा (Mythological Story of Katas Raj Mandir)
यहां शिव के एक प्राचीन मंदिर के अलावा और भी कई मंदिर हैं, जो दसवीं शताब्दी के बताये जाते हैं। इस स्थान को शिव नेत्र भी माना जाता है। जब मां पार्वती सती हुई, तो भगवान शिव की आंखों से आंसू के दो बूंद गिरे। एक बूंद कटास पर टपका, जो अमृत बन गया। यह आज भी महान सरोवर अमृत कुण्ड तीर्थ स्थान कटास राज के रूप में है। आंसू का दूसरा बूंद राजस्थान के अजमेर में टपका, जो पुष्करराज तीर्थस्थान बन गया।
(हिन्दुस्थान समाचार के इनपुट के साथ)
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