Diwali 2025: कब है दिवाली? जानें महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Authored By: Ranjan Gupta

Published On: Tuesday, August 12, 2025

Last Updated On: Tuesday, August 12, 2025

diwali 2025: jaanen divaalee kee taareekh, mahatv, shubh muhoort aur pooja vidhi, jisase aapaka tyohaar ho aur bhee mangalamay aur paaramparik tareeke se sampann.
diwali 2025: jaanen divaalee kee taareekh, mahatv, shubh muhoort aur pooja vidhi, jisase aapaka tyohaar ho aur bhee mangalamay aur paaramparik tareeke se sampann.

Diwali 2025 Date, Puja Vidhi, Subh Muhurat in Hindi: दिवाली 2025 भारत का सबसे बड़ा और लोकप्रिय त्योहार है, जो रोशनी, खुशियों और संपन्नता का प्रतीक है. यह पांच दिनों तक चलने वाला पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी उत्सव है. जानें दिवाली 2025 की तिथि, महत्व, पौराणिक कथा, पूजा का शुभ मुहूर्त, नियम और उत्सव का तरीका.

Authored By: Ranjan Gupta

Last Updated On: Tuesday, August 12, 2025

दिवाली, जिसे दीपावली भी कहा जाता है, भारत का सबसे महत्वपूर्ण और भव्य त्योहार है. यह अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है. पूरे देश में, और विदेशों में बसे भारतीयों के बीच भी, यह पर्व बड़े उत्साह, उमंग और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. दिवाली का नाम ‘दीपावली’ संस्कृत के शब्द ‘दीप’ (दीया) और ‘आवली’ (पंक्ति) से बना है, जिसका अर्थ है “दीयों की पंक्ति”. यह त्योहार केवल एक दिन का नहीं, बल्कि पांच दिनों का होता है जिसकी शुरुआत धनतेरस से होती है और समापन भाई दूज के साथ होता है. हर दिन का अपना अलग महत्व और परंपरा होती है.

विषय जानकारी
त्योहार का नाम दिवाली / दीपावली
तारीख (2025) 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
मुख्य दिन लक्ष्मी पूजा
पूजा का शुभ मुहूर्त 18:42 से 20:18 (1 घंटा 36 मिनट)
अमावस्या तिथि प्रारंभ 20 अक्टूबर 2025, 14:52 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त 21 अक्टूबर 2025, 17:11 बजे
मुख्य पूजा देवता माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देव

दिवाली 2025 कब है?

Diwali 2025 know its importance auspicious time, method of worship

दिवाली का पर्व हर साल कार्तिक महीने में अमावस्या तिथि को मनाया जाता है. हिंदू धर्म में दिवाली पर्व का बड़ा ही महत्व है. यह धनतेरस से शुरू होने वाले पंचदिवसीय पर्व का प्रमुख त्योहार है. पंचांग की गणना के अनुसार, अबकी बार कार्तिक अमावस्या 20 अक्टूबर 2025 को है. लक्ष्मी पूजा मुहूर्त 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 21 अक्टूबर को शाम 05 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी.

दिवाली का महत्व

Diwali 2025 know its importance auspicious time, method of worship

दिवाली केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है.

  • आध्यात्मिक महत्व- यह आत्मा में बसे अंधकार को दूर करने और प्रकाश, ज्ञान व सकारात्मकता को अपनाने का संदेश देती है.
  • सामाजिक महत्व– लोग आपसी रंजिश भूलकर एक-दूसरे से मिलते हैं, मिठाई बांटते हैं और रिश्तों में मधुरता लाते हैं.
  • आर्थिक महत्व– यह साल का सबसे बड़ा शॉपिंग सीजन होता है, जिसमें सोना-चांदी, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन और घर खरीदने की परंपरा है.
  • पर्यावरणीय संदेश– पहले दिवाली में मिट्टी के दीयों का प्रयोग होता था, जो पर्यावरण के अनुकूल थे. अब भी लोगों को इसी परंपरा की ओर लौटने की प्रेरणा दी जाती है.

दिवाली के पीछे की कहानी

Diwali 2025 know its importance auspicious time, method of worship

दिवाली के पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं, लेकिन प्रमुख और सर्वाधिक लोकप्रिय कथा रामायण से जुड़ी है. रामायण की कथा के अनुसार, अयोध्या के राजा दशरथ के बड़े पुत्र भगवान श्रीराम को उनकी सौतेली माता कैकेयी के कहने पर 14 वर्षों के वनवास पर भेजा गया. श्रीराम के साथ माता सीता और भाई लक्ष्मण भी वनवास गए. इस दौरान लंका के राजा रावण ने माता सीता का हरण कर लिया.

श्रीराम ने वानरराज सुग्रीव और हनुमान जी की सहायता से रावण का वध किया और माता सीता को मुक्त कराया. जब 14 वर्ष पूरे होने के बाद श्रीराम अयोध्या लौटे, तो नगरवासियों ने उनके स्वागत में घर-घर दीये जलाए और अयोध्या को दीपों की रोशनी से सजाया. तभी से दिवाली को “दीयों का त्योहार” कहा जाने लगा.

दिवाली में पूजा का क्या है नियम

Diwali 2025 know its importance auspicious time, method of worship

दिवाली पर गृहस्थ लोग प्रदोष काल में स्थिर लग्न के समय भगवान गणेश, देवी लक्ष्मी और कुबेर महाराज की पूजा करते हैं. व्यापारी लोग इस दिन अपना खाता बही बदलते हैं. इसलिए व्यापारियों का नया वर्ष भी इसी दिन से शुरू होता है. गुजरात में दिवाली से ही महालक्ष्मी वर्ष का आरंभ माना जाता है.

दिवाली की रात का शगुन

दिवाली के दिन महालक्ष्मी अपने वाहन उल्लू पर सवार होकर पृथ्वी भ्रमण के लिए आती हैं. इसलिए लोग अपने घर और छत की सफाई करते है. घर में रंगोली बनाकर देवी लक्ष्मी का स्वागत करते हैं. कहते हैं कि इस रात कुछ ऐसे शगुन होते हैं जो बताते हैं कि महालक्ष्मी का घर में आगमन हुआ है.

2025 में कब है मुहूर्त ट्रेडिंग?

Diwali 2025 know its importance auspicious time, method of worship

मुहूर्त ट्रेडिंग 2025 में 20 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी. इस दिन स्टॉक मार्केट एक घंटे के लिए विशेष रूप से खुला रहेगा. सामान्य ट्रेडिंग सेशन शाम 6:15 बजे शुरू होगा और 7:15 बजे समाप्त होगा. ट्रेडिंग के दौरान विभिन्न सेगमेंट्स में ट्रेडिंग की जा सकेगी, जिसमें इक्विटी, डेरिवेटिव्स, और करेंसी ट्रेडिंग भी शामिल हैमुहूर्त ट्रेडिंग को शुभ मानते हुए निवेशक इस समय में नई शुरुआत करते हैं, और इसे दीवाली के साथ जुड़ी एक महत्वपूर्ण ट्रेडिंग परंपरा के रूप में देखा जाता है.

दिवाली की रात शेयर मार्केट में मुहूर्त ट्रेंडिंग किया जाता है. कुछ लोग जुआ खेलकर भी इस दिन अपना भाग्य आजमाते हैं जो कि इस पर्व की पवित्रता के लिए ठीक नहीं है.

धनतेरस का दिन

Diwali 2025 know its importance auspicious time, method of worship

धनतेरस दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव का पहला दिन है. इसे धन त्रयोदशी भी कहते हैं. इस दिन समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने की स्मृति में बर्तन, सोना-चांदी और बहुमूल्य धातुएं खरीदने की परंपरा है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्तु घर में सुख, संपन्नता और स्वास्थ्य लाती है.

विषय जानकारी
त्योहार का नाम दिवाली / दीपावली
तारीख (2025) 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार)
मुख्य दिन लक्ष्मी पूजा
पूजा का शुभ मुहूर्त 18:42 से 20:18 (1 घंटा 36 मिनट)
अमावस्या तिथि प्रारंभ 20 अक्टूबर 2025, 14:52 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त 21 अक्टूबर 2025, 17:11 बजे
मुख्य पूजा देवता माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर देव

दिवाली उत्सव

दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा करने के बाद लोग अपने रिश्तेदारों पड़ोसियों के बीच उपहार और मिठाई बांटते हैं. बच्चों को यह त्योहार इसलिए भी खूब पसंद आता है क्योंकि इसमें उन्हें आतिशबाजी करने का मौका मिलता है. लेकिन देश के कुछ भागों में प्रदूषण के खतरे को देखते हुए दिवाली पर आतिशबाजी को बैन कर दिया गया है. ऐसे में बच्चों को थोड़े निराश हो जाते हैं. फिर भी सभी लोग बड़े उत्साह और आनंद के साथ दिवाली का महापर्व मनाते हैं.

FAQ

दिवाली 2025, 20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी.

दिवाली पांच दिन का त्योहार है धनतेरस, नरक चतुर्दशी, लक्ष्मी पूजा, गोवर्धन पूजा और भाई दूज.

मुख्य रूप से माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा होती है.

दीये अंधकार और नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता और प्रकाश का प्रतीक हैं.

हां, अलग-अलग धर्मों में यह अलग कारणों से मनाई जाती है. हिंदू, जैन, सिख और कुछ बौद्ध परंपराओं में.

सोना, चांदी, बर्तन, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक्स खरीदना शुभ माना जाता है.

‘श्री सूक्त’, लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनामावली और गणेश मंत्र का जाप करना उत्तम है.



About the Author: Ranjan Gupta
रंजन कुमार गुप्ता डिजिटल कंटेंट राइटर हैं, जिन्हें डिजिटल न्यूज चैनल में तीन वर्ष से अधिक का अनुभव प्राप्त है. वे कंटेंट राइटिंग, गहन रिसर्च और SEO ऑप्टिमाइजेशन में माहिर हैं. शब्दों से असर डालना उनकी कला है और कंटेंट को गूगल पर रैंक कराना उनका जुनून! वो न केवल पाठकों के लिए उपयोगी और रोचक लेख तैयार करते हैं, बल्कि गूगल के एल्गोरिदम को भी ध्यान में रखते हुए SEO-बेस्ड कंटेंट तैयार करते हैं. रंजन का मानना है कि "हर जानकारी अगर सही रूप में दी जाए, तो वह लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकती है." यही सोच उन्हें हर लेख में निखरने का अवसर देती है.


Leave A Comment

अन्य लाइफस्टाइल खबरें