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महाकुंभ मेले में इकोफ्रेंडली एवं सस्टेनेबल टेबलवेयर प्रोडक्ट पहुंचाएगा ‘चक’, मेला ट्रस्ट के साथ हुई साझेदारी
महाकुंभ मेले में इकोफ्रेंडली एवं सस्टेनेबल टेबलवेयर प्रोडक्ट पहुंचाएगा ‘चक’, मेला ट्रस्ट के साथ हुई साझेदारी
Authored By: अंशु सिंह
Published On: Tuesday, January 21, 2025
Updated On: Tuesday, January 21, 2025
महाकुंभ मेला 12 साल में एक बार होता है और इसमें लाखों-करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। ऐसे में कंपोस्टेबल फूड पैकेजिंग मैटीरियल का निर्माण करने वाली कंपनी पैका लिमिटेड (Pakka limited) के प्रमुख ब्रांड ‘चक’ (CHUK) ने महाकुंभ मेला ट्रस्ट के साथ हाथ मिलाया है, ताकि इस आयोजन के लिए आधिकारिक टेबलवेयर आपूर्तिकर्ता के रूप में कार्य कर सके। इस साझेदारी का उद्देश्य प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले में सस्टेनेबल एवं इको फ्रेंडली टेबलवेयर प्रोडक्ट उपलब्ध कराना है।
Authored By: अंशु सिंह
Updated On: Tuesday, January 21, 2025
हाइलाइट
- रेस्तराओं को विशेष रूप से गन्ने के अवशेष बैगास (Bagasse) से बने ‘चक’ के कंपोस्टेबल टेबलवेयर वितरित किए जाएंगे।
- इस सौदे में 1.75 करोड़ रुपये के कंपोस्टेबल टेबलवेयर की आपूर्ति शामिल है, जिसके बढ़कर 2.5 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है।
- राम मंदिर उद्घाटन समारोह में भी ‘चक’ आधिकारिक टेबलवेयर पार्टनर था।
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समारोहों में से एक महाकुंभ (Mahakumbh Mela 2025) के दौरान सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेने वाले रेस्तराओं को विशेष रूप से गन्ने के अवशेष बैगास (Bagasse) से बने ‘चक’ के कंपोस्टेबल टेबलवेयर वितरित किए जाएंगे। बैगास से बने कप, ट्रे एवं अन्य टेबलवेयर कुछ महीने में वापस मिट्टी में घुल-मिलकर खाद बन जाते हैं। इससे यह स्वच्छता और इको-फ्रेंडली के उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए भक्तों की सेवा करने की विशाल लॉजिस्टिकल आवश्यकताओं का समर्थन करता है। ‘पैका लिमिटेड’ के भारत बिजनेस प्रमुख जगदीप डायमंड ने साझेदारी पर कहा, ‘हम दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम, महाकुंभ मेले का हिस्सा बनकर बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। यह पवित्र समागम लाखों लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखता है। हम अपने पर्यावरण के अनुकूल समाधानों के साथ इसकी सफलता में योगदान देकर वास्तव में भाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। यह साझेदारी आध्यात्मिक मूल्यों को पर्यावरणीय जिम्मेदारी के साथ जोड़ने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।‘
‘चक’ को ‘एल 1’ विक्रेता के रूप में चुना गया
‘चक’ टेबलवेयर के प्रत्येक टुकड़े को कठोर ताप प्रतिरोध परीक्षण से गुजरना पड़ता है, जहां इसे बिना किसी रिसाव के अनुभव सुनिश्चित करने के लिए 100 डिग्री गर्म तेल और पानी के संपर्क में लाया जाता है। फिर उत्पादों की संरचनात्मक मजबूती के लिए सावधानीपूर्वक जांच की जाती है, जिसमें कुशल क्वालिटी कंट्रोल एक्सपर्ट छोटी से छोटी शारीरिक खामियों की जांच करते हैं। महाकुंभ मेले के दौरान इको-फ्रेंडली टेबलवेयर उपलब्ध कराने के लिए ‘चक’ को एल1 (सबसे पसंदीदा) विक्रेता के रूप में चुना गया है। यह सौदा 1.75 करोड़ रुपये में हुआ है, जिसे आयोजन की आवश्यकताओं के आधार पर 2.5 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है।
प्लास्टिक कचरा कम करने का है उद्देश्य
‘चक’ और महाकुंभ मेला ट्रस्ट के बीच साझेदारी धार्मिक समागम को स्वच्छता और प्लास्टिक कचरे को कम करने पर ध्यान केंद्रित करने के यूपी सरकार के व्यापक लक्ष्य के अनुरूप है। यह सहयोग यूपी सरकार के रेस (RACE) अभियान (प्लास्टिक को कम करना और स्वच्छ पर्यावरण प्राप्त करना) की भी पुष्टि करता है, जो प्लास्टिक-फ्री कम्युनिटी की अवधारणा को विस्तार देने के लिए शुरू की गई पहल है। इससे पहले राम मंदिर के उद्घाटन अवसर पर भी ‘चक’ आधिकारिक टेबलवेयर पार्टनर था।
पैकेजिंग सामग्री बनाने में होता है खोई का उपयोग
अयोध्या स्थित पैका लिमिटेड कृषि अवशेषों का उपयोग करके टिकाऊ पैकेजिंग सामग्री बनाता है। पैकेजिंग सामग्री बनाने के लिए 70-80 प्रतिशत खोई का उपयोग किया जाता है। कंपनी हल्दीराम, लाइट बाइट फूड्स और अन्य संस्थागत कैटरर्स जैसी कंपनियों को डिस्पोजेबल उत्पाद प्रदान करता है। मैकडॉनल्ड्स, डोमिनोज़, टैको बेल और सबवे भी इसके ग्राहक हैं। जल्द ही कंपनी ग्वाटेमाला में प्रतिदिन 400 टन खाद योग्य पैकेजिंग सामग्री का उत्पादन करने के लिए एक इकाई स्थापित कर रही है। बताते हैं कि कंपनी अनुसंधान और विकास (आरएंडडी) पर अधिक खर्च करेगी और अपने बेंगलुरु आरएंडडी केंद्र को अमेरिका के पोर्टलैंड में स्थानांतरित करेगी। कंपनी प्रबंधन ने इस साल आरएंडडी में पूंजी और परिचालन व्यय सहित लगभग 5 मिलियन डॉलर खर्च करने के लिए प्रतिबद्धता जतायी है। यह इकाई दुनिया की सबसे बड़ी कम्पोस्टेबल पैकेजिंग इकाई होगी, जो वर्ष 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में चालू हो जाएगी। भूमि खरीदने के लिए 10-12 मिलियन डॉलर की प्रारंभिक पूंजी लगाई गई है।
वेद कृष्ण के पिता ने स्थापित की थी कंपनी
वर्ष 1981 में वेद कृष्णा के पिता केके झुनझुनवाला ने स्क्रैच से शुरुआत कर ‘यश पेपर्स’ की स्थापना की थी, जो अब ‘पैका लिमिटेडट’ के नाम से जाना जाता है। इससे पहले वेद के दादा जी ने साल 1948 में अपनी चीनी मिल को कानपुर से अयोध्या स्थानांतरित कर दिया था। उन्होंने यूपी के अलावा बिहार में कई चीनी मिलें स्थापित की थीं। नार्थ लंदन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन एवं इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से एडवांस मैनेजमेंट करने के बाद परिस्थितियां ऐसी बनीं कि 1999 में वेद ने अयोध्या स्थित अपना फैमिली बिजनेस ज्वाइन कर लिया। 2012 से उन्होंने अर्थ फ्रेंडली पैकेजिंग साल्युशंस पर काम करने का फैसला लिया। प्लास्टिक आधारित पैकेजिंग व स्टाइरोफोम का विकल्प तलाशने का फैसला लिया गया और कंपोस्टेबल टेबलवेयर ब्रांड ‘चक’ की नींव पड़ी।
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