Malmas 2025 : इस तारीख से शुरू हो रहा Adhik Mas या मलमास, ये काम करना है वर्जित

Malmas 2025 : इस तारीख से शुरू हो रहा Adhik Mas या मलमास, ये काम करना है वर्जित

Authored By: स्मिता

Published On: Monday, February 24, 2025

Last Updated On: Tuesday, June 3, 2025

Malmas 2025: इस तारीख से शुरू हो रहा अधिक मास, जानें कौन से कार्य वर्जित हैं और क्या करना होगा शुभ
Malmas 2025: इस तारीख से शुरू हो रहा अधिक मास, जानें कौन से कार्य वर्जित हैं और क्या करना होगा शुभ

Malmas 2025 : Adhik Mas या मलमास इस वर्ष 2 बार लगेगा. इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. मलमास या अधिक मास में कुछ कार्य करने की मनाही होती है, तो कुछ कार्य को करना शुभ माना जाता है.

Authored By: स्मिता

Last Updated On: Tuesday, June 3, 2025

हाईलाइट

  • 2025 में मलमास कब खत्म होगा (Malmas Start and End Date 2025)
  • मलमास 14 मार्च 2025 को शुरू होगा और 13 अप्रैल 2024 को खत्म होगा. ग्रहों के राजा सूर्य मेष राशि में प्रवेश करेंगे और इसके साथ ही मलमास खत्म हो जाएगा.

हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, मलमास या अधिक मास को ही पुरुषोत्तम मास, अहंस्पति, मलिमलुच और संसारप कहा जाता है. 2025 में यह दो बार लगेगा. धर्म और अध्यात्म के ज्ञाता इस दौरान कई काम करने से मना करते हैं, तो कुछ काम को संपन्न करना शुभ मानते हैं. भगवान विष्णु को समर्पित होने के कारण मलमास को पुरुषोत्तम मास के नाम से जाना जाता है. खरमास की तरह मलमास में भी कुछ शुभ कार्य वर्जित होते हैं. मलमास के दौरान सगाई, विवाह, तिलक, नामकरण, मुंडन, गृह प्रवेश आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. वर्ष 2025 में अधिक मास या मलमास दो बार पड़ेगा. अगर आपको भी कोई शुभ कार्य करना है तो जान लें मलमास (Malmas 2025) कब शुरू होगा और कब खत्म?

कब शुरू होगा मलमास (Malmas 2025)

मलमास या खरमास (Kharmas 2025) तब होता है जब सूर्य बृहस्पति की राशि धनु या मीन में प्रवेश करता है. होली से एक सप्ताह पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है. इस साल होलाष्टक 7 मार्च से शुरू होने जा रहा है. इस दौरान विवाह और अन्य शुभ कार्य नहीं होंगे. होलाष्टक 13 मार्च को समाप्त होगा. इसी दिन होलिका दहन भी होगा. आमतौर पर होली के बाद विवाह और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं. इस साल मलमास (Malmas 2025) 14 मार्च से शुरू हो रहा है. मलमास के दौरान शुभ कार्य वर्जित होते हैं. इस साल विवाह समेत शुभ कार्य 13 अप्रैल को मलमास खत्म होने के बाद ही शुरू होंगे.

2025 में दो बार मलमास लगेगा (2 Malmas in 2025)

2025 में पहला मलमास 14 जनवरी तक रहेगा. यह 24 दिसंबर से ही शुरू हो चुका था. वहीं, दूसरा मलमास सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने पर शुरू होगा. द्रिक पंचांग के अनुसार, 14 मार्च 2025 को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेगा और इसके साथ ही मलमास शुरू हो जाएगा.

भक्तगण मलमास के दौरान क्या नहीं करें (Malmas 2025 Don’ts)

  • नया घर खरीदने या गृह प्रवेश नहीं करें
  • नया व्यवसाय शुरू न करें
  • विवाह, मुंडन, जनेऊ, सगाई आदि जैसे कार्य न करें
  • 16 संस्कारों से संबंधित कार्य करना वर्जित है

मलमास के दौरान क्या करें (Malmas 2025 DO’s)

  • प्रतिदिन सूर्य को जल चढ़ाएं
  • पक्षियों और पशुओं की सेवा करें
  • भगवान विष्णु और तुलसी की पूजा करें
  • जप, तप और दान का विशेष महत्व है
  • गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी में स्नान कर सकते हैं

अगला मलमास कब आएगा?

अगला मलमास: 18 जुलाई 2026 से 16 अगस्त 2026 तक होगा.

  • यह श्रावण मास में आएगा और इस दौरान कोई भी सूर्य संक्रांति नहीं होगी.
  • इस मलमास के दौरान सभी मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे, लेकिन ध्यान, दान, कथा, और व्रत आदि करने से पुण्य की प्राप्ति मानी जाती है.

Frequently Asked Question (FAQ):

Q.1 मलमास क्या होता है?
Ans. मलमास एक अतिरिक्त माह होता है जो हर 32.5 महीनों के बाद पंचांग में जुड़ता है. यह तब आता है जब सूर्य कोई भी संक्रांति (यानी एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश) नहीं करता. इसे अशुभ मास माना जाता है, लेकिन धार्मिक रूप से इसका महत्व अत्यंत उच्च होता है.

Q.2 मलमास में क्या वर्जित होता है?
Ans. मलमास को धार्मिक दृष्टि से व्रत, ध्यान और भगवान श्रीहरि की आराधना के लिए श्रेष्ठ माना गया है, लेकिन इसमें:

  • विवाह
  • मुंडन
  • गृह प्रवेश
  • नामकरण
  • सगाई
  • नई संपत्ति या वाहन की खरीद

जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं.

Q. 3 मलमास को पुरुषोत्तम मास क्यों कहा जाता है?
Ans. शास्त्रों के अनुसार, जब इस अतिरिक्त महीने को कोई देवता स्वीकार नहीं कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने इसे अपनाया और इसे “पुरुषोत्तम मास” का दर्जा दिया. इसलिए यह भगवान विष्णु की आराधना के लिए बहुत पवित्र माना जाता है.

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About the Author: स्मिता
स्मिता धर्म-अध्यात्म, संस्कृति-साहित्य, और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर शोधपरक और प्रभावशाली पत्रकारिता में एक विशिष्ट नाम हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव समसामयिक और जटिल विषयों को सरल और नए दृष्टिकोण के साथ प्रस्तुत करने में उनकी दक्षता को उजागर करता है। धर्म और आध्यात्मिकता के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और साहित्य के विविध पहलुओं को समझने और प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करने में उन्होंने विशेषज्ञता हासिल की है। स्वास्थ्य, जीवनशैली, और समाज से जुड़े मुद्दों पर उनके लेख सटीक और उपयोगी जानकारी प्रदान करते हैं। उनकी लेखनी गहराई से शोध पर आधारित होती है और पाठकों से सहजता से जुड़ने का अनोखा कौशल रखती है।
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